संत पापा फ्राँसिस: 'जहां प्रभु रहते थे वहां त्रासदी सामने आ रही है
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, शुक्रवार 10 नवम्बर 2023 : "दुख की बात है कि हम उन स्थानों पर एक त्रासदी को घटित होते देख रहे हैं जहां हमारे प्रभु येसु रहते थे, जहां उन्होंने अपनी मानवता के माध्यम से हमें प्यार करना, माफ करना और सभी की भलाई करना सिखाया, हम उस पवित्र भूमि में जबरदस्त पीड़ा से टूटते हुए लोगों को देखते हैं सबसे बढ़कर निर्दोष लोग प्रभावित हुए हैं और बहुत सारे निर्दोष लोग मारे गये।"
संत पापा फ्राँसिस ने गुरुवार को वाटिकन में येरूसालेम के पवित्र सेपुलकर के अश्वारोही धर्मसंघ के सदस्यों से मुलाकात के दौरान पवित्र भूमि की स्थिति पर दुख व्यक्त किया।
येरूसालम के पवित्र सेपुलकर के अश्वारोही धर्मसंघ की उत्पत्ति प्रथम धर्मयुद्ध से हुई, जब इसके नेता, गॉडफ्रे डी बोउलॉन ने येरूसालेम को मुक्त कराया था। संघ के सदस्य और नेतृत्व काथलिक कलीसिया की सेवा करते हैं और पवित्र भूमि में ख्रीस्तियों की उपस्थिति को बनाए रखने हेतु कार्यों को संभव बनाने के लिए दान के कार्य करते हैं।
संत पापा ने संघ के सदस्यों को अपनी आध्यात्मिक निकटता की पुष्टि की, यह स्वीकार करते हुए कि वे वर्तमान में चल रहे संघर्ष को जी रहे हैं, "येरुसालेम की माता कलीसिया के महान दुःख को साझा कर रहे हैं" और "शांति की मांग कर रहे हैं।"
प्रशिक्षण के चार दिशानिर्देश
संत पापा ने दुनिया भर में फैले घर्मसंघ के सभी सदस्यों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान की भावना व्यक्त की।
उन्होंने याद किया कि वे परामर्श के लिए रोम में इकट्ठा होते हैं, और प्रशिक्षण के विषय पर चर्चा करते हैं, विशेष रूप से "धर्मसंघ में प्रवेश करने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक आवश्यक प्रशिक्षण; उन लोगों के लिए चल रहा प्रशिक्षण जो पहले से ही इसके जीवन और मिशन में भाग लेते हैं; और उनके लिए भी प्रशिक्षण, जिन्हें ज़िम्मेदारी के पद संभालना है।"
संत पापा फ्राँसिस ने गौर किया कि प्रशिक्षण के लिए "वेदी के समक्ष ग्रहण की गई उच्च नैतिक प्रतिबद्धता के प्रति" आध्यात्मिक जागरूकता की आवश्यकता है और "पवित्र भूमि की जरूरतों को निरंतर और पर्याप्त तरीके से पूरा करने के लिए" गतिविधियों को व्यवस्थित करने और संसाधनों के प्रबंधन करने के लिए अधिक प्रबंधकीय जागरूकता की आवश्यकता है।"
उन्होंने कहा, "प्रारंभिक, वर्तमान में चल रहे, व्यावहारिक और आध्यात्मिक प्रशिक्षण, ये "चार दिशानिर्देश हैं जिन्हें हम हम आवरण वस्त्र पर जड़े क्रूस में देख सकते हैं और ये आपकी आध्यात्मिकता को जीवंत करता है।"
दान के सुन्दर रहस्य में भाग लेने का धर्मसंघ
संत पापा ने उनसे आग्रह किया कि वे क्रूसित और पुनर्जीवित ईसा मसीह को दान, प्रार्थना और दूसरों की सेवा के माध्यम से अपने काम और जीवन को अपनाने दें। उन्होंने उनसे उन वास्तविकताओं के प्रति सचेत रहने का आह्वान किया जिनमें वे काम करते हैं, वे हमेशा मानव व्यक्ति के समग्र कल्याण पर ध्यान केंद्रित करें।
संत पापा ने उनसे एक ऐसा धर्मसंघ बनने का आह्वान किया, जो "अपनी पहचान में मजबूत हो, सबसे सुंदर तरीके से दान के रहस्य में भाग लेता हो, खुला और उपलब्ध हो, उन सेवाओं को लेने के लिए तैयार हो जिनकी प्रभु को हमारी भाइयों और बहनों के जरूरतों के माध्यम से आवश्यकता होती है।"
उन्होंने कहा, इसे स्कूलों में बच्चों को शिक्षित करके और सबसे नाजुक लोगों, जैसे कि बुजुर्गों, बीमारों, शरणार्थियों के साथ ठोस एकजुटता के माध्यम से जीया जा सकता है।
पवित्र भूमि के लिए फ़िलिस्तीन की रानी से प्रार्थना
अंत में, संत पापा ने पवित्र भूमि में हो रही दुखद घटनाओं से पीड़ित लोगों और शांति के लिए प्रार्थना की, "कुँवारी मरिया, फिलिस्तीन की रानी, आपके मिशन में हमेशा आपकी सहायता करें।" इसके बाद संत पापा ने उन्हें धर्मसंघ के सभी सदस्यों और उनके परिवारों को आशीर्वाद दिया।
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