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पेरिस शांति मंच का उद्घाटन समारोह पेरिस शांति मंच का उद्घाटन समारोह 

संत पापा: शांति का निर्माण सुनने से होता है, हथियारों से नहीं

छठे पेरिस शांति मंच को भेजे गए एक संदेश में, संत पापा फ्राँसिस कहते हैं कि "कोई भी युद्ध उस माँ के आंसुओं से बढ़कर नहीं है जो अपने बच्चे को मरते हुए देखती है।"

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शुक्रवार 10 नवम्बर 2023 : (रेई) संत पापा फ्राँसिस ने छठे पेरिस शांति मंच को एक संदेश भेजा है, जिसमें कहा गया है कि शांति "हथियारों से नहीं, बल्कि धैर्यपूर्वक सुनने से बनती है।" छठवां पेरिस शांति मंच दो दिनों की चर्चा के लिए सरकारी प्रतिनिधियों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और नागरिक समाज समूहों को एक साथ लाता है।

कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन द्वारा हस्ताक्षरित और फ्रांस के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष सेलेस्टिनो मिग्लियोर द्वारा पढ़े गए अपने संदेश में, संत पापा फ्राँसिस ने शांति प्रक्रियाओं के लिए बातचीत की अपरिहार्यता पर प्रकाश डाला और शांति एवं मानवाधिकारों के सम्मान के बीच घनिष्ठ संबंध को रेखांकित किया।

संवादः युद्ध टालने का एकमात्र मार्ग

संत पापा ने अपने संदेश में जोर देकर कहा, "शांति हथियारों से नहीं, बल्कि धैर्यपूर्वक सुनने, संवाद और सहयोग से बनाई जाती है, जो विवादों को सुलझाने का एकमात्र साधन है।" इस कारण से, संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि, पेरिस जैसे मंच को, जिसका मिशन सभी महाद्वीपों के बीच संवाद को मजबूत करना है, अधिक न्यायपूर्ण, एकजुट और शांतिपूर्ण दुनिया" के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।

इस प्रकार उन्होंने आशा व्यक्त की कि मंच "पीड़ित सभी लोगों की पुकार सुनने के आधार पर ईमानदारी से बातचीत को प्रोत्साहित करेगा।"

युद्ध: मानवता की हार

संत पापा के संदेश का मुख्य विषय सभी युद्धों की निंदा करना था, यहाँ तक कि वे युद्ध भी जो आत्मरक्षा में वैध रूप से लड़े गए थे।

संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "वैध रक्षा के अपरिहार्य अधिकार के साथ-साथ उन लोगों की रक्षा करने की जिम्मेदारी की पुष्टि करते हुए जिनका अस्तित्व खतरे में है," हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि युद्ध हमेशा मानवता की हार है।

उन्होंने जोर देकर कहा, "कोई भी युद्ध उस मां के आंसुओं से बढ़कर नहीं हो सकता है जो अपने बच्चे को अंग-भंग या हत्या होते देखती है। कोई भी युद्ध सृष्टिकर्ता की समानता में बनाए गए एक भी पवित्र प्राणी को खोने के लायक नहीं है।" “कोई भी युद्ध हमारे आम घर में जहर घोलने के लायक नहीं है। कोई भी युद्ध उन लोगों की निराशा से बढ़कर नहीं है जो अपनी मातृभूमि छोड़ने के लिए मजबूर हैं।”

शांति-निर्माण और मानवाधिकार

संत पापा फ्राँसिस ने अपने संदेश में शांति निर्माण और मानवाधिकारों के बीच घनिष्ठ संबंध पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "स्थायी शांति मानव गरिमा और मौलिक अधिकारों की मान्यता, सम्मान और प्रचार से दिन-ब-दिन निर्मित होती है।"

संत पापा फ्राँसिस ने कहा, हालाँकि 2023 में मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को अपनाने के 75 साल पूरे हो रहे हैं, "हर महाद्वीप पर लाखों लोग" अभी भी "जीवन और शारीरिक और मानसिक अखंडता के मौलिक और प्राथमिक अधिकार से वंचित हैं।"

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि, अन्य अधिकार जिनकी अक्सर गारंटी नहीं होती है लेकिन जो स्थायी विश्व शांति के निर्माण के लिए आवश्यक होंगे, उनमें पीने के पानी और स्वस्थ भोजन, धर्म की स्वतंत्रता, स्वास्थ्य, आवास, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और काम के अधिकार शामिल हैं।

अपने संदेश को समाप्त करते हुए, संत  पापा ने आशा व्यक्त की कि मंच में आदान-प्रदान "समृद्ध और फलदायी" होगा। उन्होंने कहा, "वे आपको विविधता की समृद्धि में हर किसी को सुनने और उनका सामना करने में सक्षम बनाते हैं, ताकि शांति की संस्कृति को बढ़ावा दिया जा सके और भाईचारे के निर्माण की दिशा में वास्तविक प्रगति हो सके।"

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10 November 2023, 16:01