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संत पापा फ्राँसिस और कोरिया के तीर्थयात्री संत पापा फ्राँसिस और कोरिया के तीर्थयात्री  (ANSA)

कोरियाई विश्वासियों से संत पापा: सुसमाचार विभाजनों और बाधाओं को दूर करता है

संत पापा फ्राँसिस वाटिकन में संत अंद्रेया किम ताएगॉन की प्रतिमा की स्थापना का स्वागत करते हैं और कोरियाई ख्रीस्तियों को सुसमाचार की आशा के साथ विभाजन को दूर करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शनिवार 16 सितंबर 2023 (वाटिकन न्यूज, रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 16 सितंबर को वाटिकन के संत क्लेमेंटीन सभागार में कोरिया के करीब 200 तीर्थयात्रियों से मुलाकात की, जो संत अंद्रेया किम ताएगॉन की शहादत की 177 वर्षगांठ पर और संत पेत्रुस महागिरजाघर के बाहरी खंभों में से एक में स्थापित उनकी प्रतिमा की आशीष के अवसर पर रोम की तीर्थयात्रा पर हैं। संत पापा फ्राँसिस सहृदय उनका स्वागत करते हुए महान संत अंद्रेया किम के जीवन और विश्वास की गवाही के लिए प्रभु को धन्यवाद दिया। संत पापा ने उन सभी को विशेष धन्यवाद, जिन्होंने इस परियोजना को साकार करने के लिए खुद को समर्पित किया। संत पापा ने श्री जोसेफ हान जिन-सेप, उनकी पत्नी और प्रोफेसर मारिया को जोंग-ही को अपना आभार व्यक्त किया जिन्होंने मूर्ति बनाई।

कोरिया के युवा और जीवंत विश्वास

संत पापा ने अगस्त 2014 में अपनी कोरिया प्रेरितिक यात्रा को याद किया जहाँ वे छट्वी एशियाई युवा दिवस में युवाओं से मुलाकात की थी। उस अवसर पर संत पापा संत अंद्रेया किम ताएगॉन का जन्मस्थान सोलमो तीर्थालय गये थे। संत पापा ने उस तीर्थालय में मौन रहकर, विशेषकर कोरिया और युवा लोगों के लिए प्रार्थना की थी।

संत पापा अपने हाथों में संत अंद्रेया किम ताइगॉन की एक छोटी प्रतिमा लिए हुए
संत पापा अपने हाथों में संत अंद्रेया किम ताइगॉन की एक छोटी प्रतिमा लिए हुए

शहादत के सामने आत्मा का बड़प्पन

संत पापा ने संत अंद्रेया किम के जीवन की तुलना गेहूँ के दाने से की। वे, पहले कोरियाई शहीद पुरोहित थे, जो अभिषेक प्राप्त करने के तुरंत बाद कम उम्र में मारे गए थे। संत पापा कहा कि संत अंद्रेया किम में सुसमाचार फैलाने का बड़ा जुनून था। खतरों के सामने और कई कष्टों के बावजूद पीछे न हटते हुए, आत्मा की कुलीनता के साथ उन्होंने खुद को येसु के लिए समर्पित कर दिया। उनके दादा और उनके पिता भी शहीद हो गए थे और उनकी माँ को भिखारी के रूप में जीवन जीने के लिए मजबूर किया गया था। संत पापा ने कहा, “उसे देखते हुए, हम कैसे अपने दिलों में प्रेरितिक उत्साह पैदा करने के लिए प्रेरित नहीं हो सकते हैं, एक ऐसी कलीसिया का संकेत बनने के लिए जो सुसमाचार के बीज को खुशी से फैलाने हेतु खुद से बाहर आती है, साथ ही दूसरों के साथ शांति और प्यार से जीवन व्यतीत करती है।

सुसमाचार में एकता

संत पापा ने कहा कि उनकी कलीसिया की शुरुआत लोक धर्मियों ने की है और शहीदों के रक्त से पोषित हुई है। इसकी जड़ों में गवाहों के उदार सुसमाचारी आवेग और लोक धर्मियों की भूमिका और करिश्मे की सराहना प्राप्त है। इस दृष्टिकोण से, सुसमाचार की उद्घोषणा को एक साथ आगे बढ़ाने के लिए पुरोहितों, धर्मसंधियों, धर्मबहनों और लोक धर्मियों के सहयोग के स्थान को व्यापक बनाना महत्वपूर्ण है। संत पापा ने कहा कि दुनिया को सुसमाचार की आशा देने की इच्छा दिल को उत्साह से भर देती है और कई बाधाओं को दूर करने में मदद करती है। “सुसमाचार विभाजित नहीं करता, बल्कि जोड़ता है; यह हमें अपनी संस्कृति के भीतर, अपने इतिहास के भीतर, सज्जनता और सेवा की भावना के साथ, कभी भी संघर्ष पैदा किए बिना, हमेशा एकता का निर्माण करते हुए और करीब आने के लिए प्रेरित करता है।”

संत पापा ने उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में "शांति के दूत" के रूप में अपनी बुलाहट को फिर से खोजने के लिए आमंत्रित किया। संत पापा ने कहा कि अंद्रेया किम मकाऊ में धर्मशास्त्र का अध्ययन कर रहे थे, तब उन्हें अफीम युद्धों की भयावहता देखनी पड़ी; फिर भी, उस संघर्षपूर्ण संदर्भ में, वह सभी से मिलने और सभी के साथ संवाद करने की अपनी आकांक्षा का प्रदर्शन करते हुए, कई लोगों के लिए शांति का बीज बनने में कामयाब रहे। यह कोरियाई प्रायद्वीप और पूरी दुनिया के लिए एक भविष्यवाणी है: यह यात्रा के साथी और सुलह के गवाह बनने के लिए प्रोत्साहन है, क्योंकि भविष्य का निर्माण हथियारों की हिंसक शक्ति से नहीं, बल्कि निकटता की कोमल शक्ति से होता है। संत पापा ने कोरियाई प्रायद्वीप को शांति के दूत संत अंद्रेया किम को समर्पित किया।

युवा व्यापक क्षितिज चाहते हैं

संत पापा ने कहा कि 2027 में अगले विश्व युवा दिवस का आयोजन स्थल सियोल होगा। संत पापा की आशा है कि वे  विशेष रुप से युवा इसकी तैयारी के लिए उत्साहपूर्वक खुद को समर्पित करेंगे। संत पापा ने कहा, “आपके विश्वास की अद्भुत कहानी और उत्साह के साथ आपके द्वारा किए जाने वाले महान प्रेरितिक कार्यों के बावजूद, कई युवा, खुद को दक्षता और उपभोक्तावाद के झूठे मिथकों से बहकाने और सुखवाद के भ्रम से मोहित होने की अनुमति देते हैं। लेकिन युवा लोगों का दिल कुछ और चाहता है, वे बहुत व्यापक क्षितिज के लिए बने हैं: अतः आप उनकी देखभाल करें, उनकी तलाश करें, उनके पास जाएं, उनकी बात सुनें, उन्हें सुसमाचार की सुंदरता की घोषणा करें ताकि वे आंतरिक रूप से स्वतंत्र हो जाएं। सत्य और भाईचारे के हर्षित गवाह बनें।”

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16 September 2023, 15:12