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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  (Vatican Media)

देवदूत प्रार्थना में पोप : ईश्वर का प्रेम असीम है

वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 24 सितम्बर को संत पापा फ्रांसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना किया, देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने दाखबारी में काम करनेवाले मजदूरों के दृष्टांत पर चिंतन किया और जोर दिया कि ईश्वर का प्रेम, मनुष्यों की न्याय और निष्पक्षता की धारणाओं से ऊपर है।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, रविवार, 25 सितंबर 2023 (रेई) : संत पापा ने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, “आज का सुसमाचार पाठ एक आश्चर्यजनक दृष्टांत प्रस्तुत करता है: एक अंगूर के बगीचे का मालिक सुबह से लेकर शाम तक श्रमिकों को बुलाने के लिए बाहर जाता है, लेकिन अंत में, वह सभी को एक समान मजदूरी देता है, यहां तक ​​कि उन लोगों को भी जिन्होंने केवल एक ही घंटा काम किया था। (मती. 20:1-16)

संत पापा ने कहा कि यह अन्याय के समान लग सकता है लेकिन दृष्टांत को मजदूरी के मापदंड के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि ईश्वर के मापदंड के रूप में देखना चाहिए। जो हमारी योग्यता का हिसाब नहीं रखते लेकिन हमें अपने बच्चों के मान प्यार करते हैं।

संत पापा ने कहानी में निहित ईश्वर के दो कार्यों पर प्रकाश डाला : पहला, ईश्वर हरेक घंटा हमें बुलाने के लिए बाहर जाते हैं; दूसरा, सभी को समान मजदूरी देते हैं।

ईश्वर हर घड़ी बुलाते हैं

दृष्टांत बतलाता है कि स्वामी अपनी दाखबारी में काम कराने हेतु मजदूरों को खोजने के लिए बड़े सबेरे निकला। लेकिन बाद में वह सूरज डूबने तक कई बार मजदूरों को खोजने निकला और बेकार खड़े मजदूरों को काम में लगाया। इस तरह दृष्टांत से हम समझते हैं कि ईश्वर अथक रूप से रोज हमारी खोज में बाहर जाते हैं। वे हमारे पास आने के लिए हमारे प्रयास की प्रतीक्षा नहीं करते। वे हमारी योग्यता की जाँच करने के लिए पहले इंतिहान नहीं लेते, न ही हमारी ओर से उत्तर देने में देरी होने पर छोड़ देते हैं। उन्होंने खुद पहल किया और येसु हमारे पास आये, हमें अपना प्यार दिखाने के लिए। वे हमें हर घड़ी खोजते हैं, जैसा कि संत ग्रेगोरी महान विभिन्न चरणों का जिक्र करते हैं कि वे हमारे जीवन के बुढ़ापे तक हमें खोजते हैं। उनके हृदय के लिए कभी देरी नहीं होता। संत पापा ने जोर देकर कहा, “आइये हम इसे न भूलें, वे हमेशा हमारी खोज करते और हमारी प्रतीक्षा करते हैं।

ईश्वर का न्याय मनुष्य के न्याय से उच्च

ईश्वर का दूसरा कार्य है कि वे हरेक को समान मजदूरी देते हैं जो उनका प्रेम है। यहाँ दृष्टांत का असली अर्थ है;  कि अंतिम घड़ी में आनेवाले मजदूर भी पहले काम पर लगाये जानेवाले मजदूरों के बराबर वेतन पाते हैं क्योंकि ईश्वर का न्याय उच्च है। यह आगे जाता है। मनुष्य का न्याय हरेक व्यक्ति को उतना ही देने के लिए कहता है जितनी उनकी योग्यता है। जबकि ईश्वर का न्याय, उनके प्रेम का बदला चुकाने, प्रदर्शन या हमारी विफलताओं के तराजू पर मापने में नहीं है : ईश्वर हमें सिर्फ प्यार करते हैं, वे हमें प्यार करते हैं क्योंकि हम उनके बच्चे हैं और वे ऐसा बेशर्त प्रेम से करते हैं, मुफ्त में दिये गये प्रेम से।

संत पापा ने सचेत करते हुए कहा, “कभी-कभी हम ईश्वर के साथ व्यापारिक रिश्ते रखते हैं, उनकी कृपा की उदारता पर नहीं बल्कि अपने कौशल पर ध्यान देते हैं। कई बार कलीसिया में भी ऐसा होता है कि हर घड़ी बाहर जाने और अपनी बाहें सभी लोगों के लिए फैलाने के बदले, हम क्लास में प्रथम दर्जा पाने के समान महसूस करते, और दूसरों को दूर आंकते हैं, इस बात पर गौर किये बिना कि ईश्वर उन्हें भी हमारे समान ही प्यार करते हैं। और यहां तक कि हमारे रिश्तों में, जो समाज का ताना-बाना है, जिस न्याय का हम अभ्यास करते हैं वह कभी-कभी गिनती के पिंजरे से बाहर निकल नहीं पाता, और हम जो प्राप्त करते हैं उसी के अनुसार देने तक सीमित रहते हैं, अतिरिक्त प्रयास किए बिना, खुले दिल से किए गए अच्छे काम और उदार हृदय से दिए गए प्यार की प्रभावशीलता पर भरोसा किए बिना।

चिंतन  

संत पापा ने चिंतन करने हेतु प्रेरित करते हुए कहा, “हम अपने आप से पूछें, क्या मैं एक ख्रीस्तीय, बाहर निकल कर दूसरों तक पहुँचना जानता हूँ? क्या मैं सभी के प्रति उदार हूँ? क्या मैं अतिरिक्त समझदारी रखना एवं क्षमा करना जानती हूँ, जैसा कि येसु ने किया और हरेक दिन हमारे साथ करते हैं?”

माता मरियम से प्रार्थना करते हुए संत पापा ने कहा, “माता मरियम हमें ईश्वर के बेहिसाब प्रेम की माप में बदलाव लाने में मदद करें।”  

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

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25 September 2023, 14:56