मंगोलिया का करुणा का निवास ‘एक मकान नहीं : एक घर’
वाटिकन न्यूज
मंगोलिया, सोमवार, 4 सितंबर 2023 (रेई) : “करुणा का निवास” परियोजना - एक मकान नहीं - एक घर का निर्माण करेगी, एक सच्चा घर उन सभी लोगों के लिए, जो न केवल छत एवं गर्म भोजन, न ही सिर्फ बाथरूम और लौंड्री, बल्कि एक “परिवार” पायेंगे जो उन्हें स्नेह और सहायता प्रदान करेगा कि वे अपने पैरों पर वापस खड़े हो सकें।
‘हरेक व्यक्ति के लिए खुला’
उलानबातर की धर्मबहनों द्वारा संचालित शेल्टर जो बेघर, घरेलू हिंसा के शिकार और उन सभी लोगों को आश्रय प्रदान करता है जो जरूरतमंद हैं, वहाँ उपस्थित वाटिकन के पत्रकारों से बातें करते हुए निदेशक ब्रादर एंड्रू त्रान ने बतलाया कि ठंढ़क के महीने ज्यादा ही कठोर होते हैं और ऐसे लोग जो सकड़ों पर जिंदगी गुजारते हैं या जो मदद खोजने के लिए मजबूर होते, ऐसे लोगों के लिए काथलिक मिशनरी हमेशा तैयार रहते हैं : “वे क्षमता एवं लोगों की जरूरत के अनुसार हरेक के लिए द्वार खोलते हैं।”
उन्होंने बतलाया कि उनमें से कुछ लोग अत्यन्त गरीब होते हैं और कुछ अपने परिवार से बिछुड़ गये होते हैं। हो सकता है कि उन्होंने अतीत में गलती की, शराब की लत में फंस गये हों अथवा घरेलू हिंसा के शिकार हुए हों।
उन्होंने कहा, “हम उन्हें पुनः जोड़ने की कोशिश करते हैं, समाज में पुनः लाने का प्रयास करते हैं विशेषकर बूढ़ों, बच्चों और घरेलू हिंसा के शिकार महिलाओं को। हम उन लोगों की मदद करते हैं जो शराबी हैं, उन्हें सुधार करने में मदद करते हैं ताकि वे समाज में वापस लौट सकें।”
निदेशक ने बतलाया कि मिशनरी उन लोगों की भी मदद करते हैं जिन्होंने अपनी पहचान पत्र खो दिया है और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा हासिल नहीं कर सकते, ताकि वे पुनः अपना कागजात बना सकें एवं सामान्य स्थिति में आ सकें।
करुणा निवास छोटा है लेकिन ब्रादर एंड्रू ने कहा कि मिशनरी सभी का स्वागत करने का प्रयास करते हैं।
उन्होंने कहा कि निश्चय ही “यह हमारे आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है क्योंकि यह सौ प्रतिशत चैरिटेबल कार्य पर निर्भर है।”
“यदि हमारे पास अधिक होता है तो हम अधिक लोगों की मदद करते हैं।”
एक पत्रकार के पूछने पर कि “पोप फ्राँसिस के आज यहाँ आने का क्या अर्थ है?” ब्रादर एंड्रू ने कहा, पोप गरीबों के प्रति स्नेह एवं सहानुभूति के कारण यहाँ आये।
“यह अत्यन्त अर्थपूर्ण है कि उन्होंने इस मकान को, इस परियोजना को आशीष दी। उनकी इस आशीष से हम गरीबों के प्रति उनके स्नेह एवं उनकी इच्छा को जारी रखेंगे।”
करूणा का निवास
करुणा के निवास का उद्घाटन 4 सितम्बर को पोप फ्राँसिस की उपस्थिति में की गई, जो पहले से ही सेवा और सहायता प्रदान कर रहा है।
यह उलानबतार में एक अप्रयुक्त स्कूल परिसर में स्थित है जहाँ कभी सेंट पॉल ऑफ चार्ट्रेस की हॉस्पिटैलर धर्मबहनें रहती थीं।
स्थानीय कलीसिया और उलानबातर के प्रेरितिक अध्यक्ष कार्डिनल जॉर्ज मारेंगो के प्रयासों तथा परमधर्मपीठीय ऑस्ट्रेलियाई मिशन सोसाईटी के सहयोग से इसे स्थापित किया गया है।
एक बेसमेंट के साथ तीन मंजिले इमारत में, कई व्यक्तिगत कमरे और एक हॉल भी है जहाँ अतिथि एक साथ रहकर आपस में भाईचारा की भावना साझा कर सकते हैं। इसे गरीबों के लिए अस्थायी शेल्टर में बदल दिया गया है और इसमें बेघर एवं घरेलू हिंसा के शिकार लोगों को मदद देने हेतु क्लिनिंक की सुविधा भी उपलब्ध है। यहाँ आप्रवासियों को भी अस्थायी रूप से आश्रय प्रदान की जाती है जो शहर आते और जिन्हें सहायता की आवश्यकता होती है।करुणा के निवास के संचालक जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं, स्थानीय पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम करते हैं।
संत पापा फ्राँसिस 4 सितम्बर को अपनी तीन दिवसीय प्रेरितिक यात्रा समाप्त करने के उपरांत मंगोलिया से रोम वापस लौटे। रोम लौटने से पहले सोमवार को उन्होंने गरीबों के लिए उदार सहाता केंद्र “करुणा निवास” पर आशीष दी जहाँ उन्होंने उदार संगठनों एवं स्वयंसेवकों को संबोधित किया और उनके स्वागत के लिए अपनी कृतज्ञता अर्पित की।
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