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रबात के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल क्रिस्टोबल लोपेज रोमेरो रबात के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल क्रिस्टोबल लोपेज रोमेरो  (AFP or licensors)

कार्डिनल लोपेज रोमेरो : मार्सिले में पोप की यात्रा सीमा रहित शांति निर्माण के लिए

मार्सिले जब भूमध्यसागरीय सभा में भाग लेने के लिए पोप फ्राँसिस के आगमन का इंतजार कर रहा है, रबात के कार्डिनल महाधर्माध्यक्ष ने ख्रीस्तीय एकता सभा के काम के लिए अपनी उम्मीदें साझा की हैं जो लोगों को शांति से एकजुट करने की कोशिश कर रही है।

वाटिकन न्यूज

मार्सिले, बृहस्पतिवार, 21 सितम्बर 2023 (रेई) : सत्तर भूमध्यसागरीय धर्माध्यक्ष दक्षिणी फ्रांसीसी शहर मार्सिले में भूमध्यसागरीय सभा में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं, जो उस क्षेत्र में शांति के रास्ते खोजने की कोशिश कर रहे हैं जिसे प्राचीन रोम के लोग “मारे नोस्ट्रम” या "हमारा सागर" कहते थे।

शुक्रवार को पोप फ्राँसिस के मार्सिले आगमन से पहले, मोरक्को के रबात के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल क्रिस्टोबल लोपेज रोमेरो ने गुरुवार को मार्सिले के संत मेरिया मेजर महागिरजाघर के उद्घाटन मिस्सा की अध्यक्षता की।

वाटिकन न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में, कार्डिनल लोपेज रोमेरो ने भूमध्यसागरीय सभा और शनिवार को समापन कार्यक्रम में पोप फ्राँसिस की निर्धारित भागीदारी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

प्रश्न: रबात के महाधर्माध्यक्ष और उत्तरी अफ्रीका के धर्माध्यक्षों के सम्मेलन चेरना (CERNA) के अध्यक्ष के रूप में, मार्सिले में भूमध्यसागरीय बैठकों पर आपके क्या विचार हैं?

हम, चेरना (उत्तरी अफ्रीका के क्षेत्रीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन) के धर्माध्यक्षों ने आठ साल पहले अपने विश्वासियों को एक प्रेरितिक पत्र लिखा था, जिसका शीर्षक था "आशा के सेवक"। यह सभा आशा का स्रोत बन सकती है।

बारी, फ्लोरेंस और अब मार्सिले की बैठकों ने हमें पहले ही यह एहसास करने में मदद दी है कि हमारे मतभेदों के बावजूद, हम सभी भूमध्यसागर से जुड़े हैं। यह हमें भूमध्यसागर को शांति की सीमा नहीं, बल्कि सीमाओं के बिना शांति बनाने के लिए आमंत्रित करता है। इसलिए इन बैठकों का पहला फल शांति स्थापित करना और एकता में बढ़ना होना चाहिए।

प्रश्न: आप इस सभा के लिए एकत्रित अन्य धर्माध्यक्षों के साथ क्या साझा करने जा रहे हैं? आपकी मुख्य चिंता क्या है?

सबसे पहले हमें अपनी एकता के लिए जागरूक होना होगा। एकता विभाजन से अधिक महत्वपूर्ण है यह तर्कसंगत है, क्योंकि हम सभी धर्माध्यक्ष जो एक ही विश्वास को साझा करते हैं, ख्रीस्त, जो हमें प्रेरित करते हैं। इस एकता द्वारा, हमें भूमध्यसागर में शांति और एकता में योगदान देना चाहिए।

इस क्षेत्र में संघर्ष और तनाव के बहुत सारे रंगमंच हैं, सिर्फ बाल्कन, क्रोएशिया और सर्बिया, मोरक्को और अल्जीरिया, ग्रीस और तुर्की, इज़राइल और फिलिस्तीन के बारे में सोचें, सीरिया, इराक या यूक्रेन और रूस का उल्लेख न करें, ये सभी काला सागर और भूमध्य सागर के हिस्से हैं।

हम ऐसा सोचना चाहिए कि हम सभी भाई हैं और सार्वजनिक भलाई के लिए कार्य कर रहे हैं, राष्ट्रवादी आमहित के लिए नहीं बल्कि विश्वव्यापी आमहित के लिए।  

भूमध्यसागरीय समुदाय की तलाश क्यों नहीं की जाती? उत्तरी और दक्षिणी तटों के बीच सहयोग एवं पूर्वी तथा मध्यपूर्वी तटों के लिए समर्थन क्यों न बढ़ाया जाए? मेरा मानना है कि हमारी भूमध्यसागरीय बैठक में शांति और एकता प्रमुख शब्द हैं।

प्रश्न: आप आप्रवासन संकट को कैसे देखते हैं, जो दिन ब दिन अधिक गंभीर होता जा रहा है? ट्यूनीशिया से इटली तक, मोरक्को से स्पेन तक, यह एक जटिल मुद्दा है। कलीसिया क्या कर सकती है?

हम इस मुद्दे पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं। रविवार को विश्व आप्रवासी और शरणार्थी दिवस है और इस वर्ष की विषयवस्तु है "पलायन करने के लिए स्वतंत्र, रहने के लिए स्वतंत्र।" आप्रवासन एक मानव अधिकार है, लेकिन आप्रवासन के अधिकार से पहले, हर किसी को वहां रहने का भी अधिकार है जहां वे पैदा हुए हैं और जहां उन्होंने अपना जीवन विकसित किया है।

कलीसिया, सरकारों और नागरिक समाज के सहयोग से, लोगों को इन अधिकारों के बारे में जागरूक होने और उनका प्रयोग करने में सक्षम होने के लिए संघर्ष करने में मदद करती है। अधिकार आसमान से नहीं गिरते; हमें उनपर दावा करना होगा। यह व्यक्तिगत और सामुदायिक प्रयासों का परिणाम हैं।

प्रत्येक देश को यह देखना होगा कि इन आप्रवासी घटनाओं से कैसे निपटा जाए, जो अपने आप में कोई समस्या नहीं हैं। समस्याएँ युद्ध, राजनीतिक उत्पीड़न और आर्थिक असमानता हैं। ये सभी कारक आप्रवासन में अव्यवस्था को जन्म देते हैं, जो मानवता इतिहास में एक व्यवस्थित, नियमित और सकारात्मक मुद्दा बन सकता है।

प्रश्न: आप पोप फ्रांसिस की भूमध्यसागरीय तीर्थयात्रा को 2013 में लैम्पेदुसा से, मोरक्को, 2019 में अपने गृहनगर, आज मार्सिले तक, भूमध्यसागर की सीमा से लगे कुल 17 देशों का दौरा करते हुए कैसे देखते हैं?

यह आंकड़ा पहले से ही महत्वपूर्ण है और एक संदेश देता है। इसका मतलब है कि पोप इस भूमध्यसागरीय क्षेत्र के महत्व को पहचानते हैं और वे इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।

बारी में आकर, अब यहां मार्सिले में आना, और भूमध्यसागरीय बैठकों की इस पूरी प्रक्रिया का समर्थन करना, मुझे उम्मीद है कि यहां मार्सिले में उनकी उपस्थिति कई लोगों की अंतरात्मा को जगाएगी।

प्रश्न: भूमध्यसागर के कुछ तटों पर ख्रीस्तियों की दूसरों से अधिक सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता भी इन बैठकों के केंद्र में है। इसे भूमध्यसागर में कैसे सुरक्षित किया जा सकता है?

हम काथलिक भूमध्यसागर की मानवता के केवल एक छोटे से हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। बाद में, हमें मुसलमानों और ऑर्थोडॉक्स लोगों के साथ अंतर-धार्मिक और विश्वव्यापी भूमध्यसागरीय बैठकों के लिए आह्वान शुरू करनी चाहिए।

यह सिर्फ काथलिकों या ईसाइयों के अधिकारों की रक्षा का सवाल नहीं है, बल्कि सभी के विवेक की स्वतंत्रता और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का सवाल है।

जैसे कुछ देशों में काथलिक पीड़ित हैं, कुछ देशों में मुसलमान पीड़ित हैं, और कुछ स्थानों पर यहूदी विरोध के शिकार हैं। यदि सभी धर्म आम भलाई के लिए मिलकर काम नहीं करेंगे तो धार्मिक स्वतंत्रता कभी हासिल नहीं होगी।

 

 

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21 September 2023, 17:33