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पोप फ्रांँसिस दक्षिण एशिया के युवाओं से ऑनलाईन मिलेंगे पोप फ्रांँसिस दक्षिण एशिया के युवाओं से ऑनलाईन मिलेंगे  

“बिल्डिंग ब्रिजेस” : एशियाई विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों से पोप की वार्ता

लातीनी अमरीका के लिए परमधर्मपीठीय आयोग और शिकागो के लोयोला युनिवर्सिटी की संयुक्त पहल पर, एशियाई विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए एक ऑनलाईन सभा का आयोजन किया गया है। सभा 26 सितम्बर को दूसरी बेला होगी, जिसमें संत पापा फ्राँसिस दक्षिणी एशिया के विद्यार्थी से ऑनलाईन मिलेंगे।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, बुधवार, 6 सितंबर 2023 (रेई) : लातीनी अमरीका के लिए परमधर्मपीठीय आयोग एवं शिकागो के लोयोला विश्वविद्यालय के प्रेरितिक अध्ययन संस्थान और प्रतिबद्ध वैश्विक एवं समुदाय के लिए कार्यालय, के तत्वधान में जारी पहल “बिल्डिंग ब्रिजेस" (सेतुओं का निर्माण) का उद्देश्य है पूरे दक्षिण एशिया में पुल का निर्माण करना।    

सभा के मुख्य पात्र इस बार, पोप की सिनॉडल कलीसिया के बुलावे का प्रत्युत्तर देने की चाह रखनेवाले युवा विद्यार्थी हैं जो दक्षिण एशिया के विभिन्न क्षेत्रों से आते हैं। यह सभा, 24 फरवरी और 1 नवम्बर 2022 को दो सभाओं के बाद होनेवाली है, जिन्हें क्रमशः अमरीका और उप-सहारा अफ्रीका के विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया गया था। सभा यूट्यूब पर लाइवस्ट्रीम होगा और यह तीन भाषाओं में उपलब्ध होगा: अंग्रेजी, स्पेनिश और हिंदी।

प्रतिभागी विद्यार्थी, पाकिस्तान, भारत और नेपाल के विभिन्न संस्थानों और कॉलेजों से हैं, जो कम्प्यूटर विज्ञान से लेकर मनोविज्ञान, भौतिक शास्त्र से लेकर रसायन शास्त्र और अर्थशास्त्र में पढ़ाई कर रहे हैं। उन्हें 12 छोटे दलों में विभाजित किया गया है, जिसमें उन्होंने सुनने, वार्ता करने और अपने स्थानीय आम सामाजिक समस्याओं पर आत्ममंथन किया है।

पोप फ्राँसिस ने स्वयं उन्हें धर्मसभा की बातचीत की पद्धति के अनुसार "मुलाकात करने, सुनने, आत्मपरख" में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है, ताकि "बेकार और अनुत्पादक चर्चाओं में उतरने से बचा जा सके।"

मंगलवार, 26 सितंबर 2023 को पोप फ्राँसिस के साथ आभासी बैठक के दौरान प्रत्येक समूह के प्रतिनिधि प्रवक्ता के रूप में कार्य करेंगे।

आशा के साथ केंद्र में एक सिनॉडल कलीसिया

"बिल्डिंग ब्रिजेज" (सेतु का निर्माण) पहल का सार उन विभाजनों से शुरू करने के उद्देश्य के इर्द-गिर्द घूमता है जो अक्सर विभिन्न लोगों और संस्कृतियों को अलग करते हैं, जिसका उद्देश्य "विश्वास के पुलों का निर्माण" करके इन खाइयों को दूर करना है।

इसमें अनुभवों के पारस्परिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना, सुझाव साझा करना और वर्तमान एवं भविष्य के प्रयासों पर सहयोग करना शामिल है जो पर्यावरणीय स्थिरता, आर्थिक न्याय और व्यापक मानव विकास जैसे सामान्य वैश्विक उद्देश्यों में योगदान करते हैं।

वर्चुअल मीटिंग प्रारूप भौगोलिक दृष्टि से दूर-दराज के क्षेत्रों के एकीकरण को सक्षम बनाता है, जिससे बेरोजगारी, गरीबी और हिंसा जैसी चुनौतियों का सामना करनेवाले विविध हाशिए के समुदायों को एक साथ लाया जा सकता है।

यह इन समुदायों के लोगों को स्वतंत्रता के नए स्थानों का अनुभव करने की अनुमति देता है जहाँ उनकी आवाजें सुनी जा सकती हैं, और जहां वे दुनिया के सामने अपने दृष्टिकोण और आशाएँ प्रस्तुत कर सकते हैं।

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06 September 2023, 17:20