आर्थिक न्याय, जलवायु के लिए सन्त पापा के आह्वान का स्वागत
वाटिकन सिटी
लिस्बन, शुक्रवार, 4 अगस्त 2023 (रेई,एपी): विश्व के विभिन्न देशों से इन दिनों पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में एकत्र अनेक युवा काथलिकों ने इस तथ्य की पुष्टि की है कि विश्व में व्याप्त आर्थिक अन्याय को समाप्त करने तथा पर्यावरणीय संरक्षकता को बढ़ावा देने के बारे में उन्होंने सन्त पापा फ्रांसिस की मूल शिक्षाओं को अपनाया है।
युवाओं ने हमारे संवाददाताओं को यह भी बताया कि वे "फ्रांसिस की अर्थव्यवस्था" और फ्रांसिस के नाम पर "लाओदातो सी" आंदोलन के बैनर तले कलीसिया-प्रायोजित न्यासों और सामाजिक आंदोलनों में शामिल हुए हैं।
जोखिम से न डरें
सन्त पापा फ्राँसिस ने गुरुवार को इन्हीं चुनौतियों का पुनः स्मरण दिलाया। पहले पुर्तगाली काथलिक विश्वविद्यालय में, जहाँ उन्होंने छात्रों से जोखिम से न डरने और केवल यथास्थिति अथवा "अभिजात्यवाद और असमानता की वर्तमान वैश्विक व्यवस्था" को बनाए रखने के प्रलोभन को अस्वीकार करने का आग्रह किया। उन्होंने छात्रों से कहा, एक अकादमिक डिग्री को केवल व्यक्तिगत कल्याण के लिए एक लाइसेंस के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि अधिक न्यायपूर्ण और समावेशी - यानी वास्तव में प्रगतिशील - समाज के लिए काम करने के जनादेश के रूप में देखा जाना चाहिए।
उन्होंने युवा छात्रों का आह्वान किया कि वे अपनी शिक्षा के विशेषाधिकार का उपयोग पर्यावरण की रक्षा करने, गरीबों और हाशिए पर मौजूद लोगों की देखभाल करने और "प्रगति एवं विकास का सही अर्थ क्या है, इसे फिर से परिभाषित करने" के लिए करें।
सन्त पापा ने मरुस्थलीकरण की त्रासदी को शरणार्थियों की त्रासदी के साथ जोड़ने की जरूरत पर, बढ़ते प्रवासन के मुद्दे को घटती जन्म दर के साथ जोड़ने की जरूरत पर, और जीवन के भौतिक आयाम को आध्यात्मिक आयाम के विशाल दायरे में देखने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि ये सब चुनौतियाँ हैं जिनका सामना करने के लिये युवाओं को तैयार होना पड़ेगा।
संकटों के बीच से आगे बढ़ें
इसी प्रकार, कासकियास में "स्कोलास ओकोरेन्तेस" संगठन के प्रतिनिधि युवाओं को सम्बोधित कर सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि कोलाहल या संकट के बिना जीवन आसुत जल पीने जैसा है: बेस्वाद और "घिनौना"। इसके विपरीत, "एक साथ चलना तथा संकटों को एक साथ हल करते हुए आगे बढ़ना महत्वपूर्ण है।"
श्रोताओ, हालाँकि सन्त पापा फ्राँसिस की लिस्बन प्रेरितिक यात्रा का मूल उद्देश्य विश्व युवा दिवस के समारोहों की अध्यक्षता था तथापि, आर्थिक असमानताओं को उलट कर रख देने के बारे में उनका संदेश सभी उम्र के लोगों के बीच प्रतिध्वनित हुआ है, जिन्होंने उनके रास्ते के ओर-छोर कतारों में खड़े होकर, अपने घरों और होटल की बालकनियों या सड़क से गुज़रते उनके काफिले का गर्मजोशी से अभिनन्दन किया है तथा मन में बसी बेहतर जीवन की आशा को मज़बूत किया है।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here