रात्रि जागरण में संत पापा : खुशी मिशनरी है और इसके लिए प्रशिक्षण चाहिए
वाटिकन समाचार
लिस्बन, रविवार, 6 अगस्त 2023 (रेई, वाटिकन न्यूज) : जैसे ही लिस्बन में शाम हुई, युवा तीर्थयात्री विश्व युवा दिवस के पांचवें दिन संत पापा फ्राँसिस के साथ रात्रि जागरण समारोह मनाने के लिए तेहो पार्क में एकत्र हुए।
यह स्थान 1998 में लिस्बन के विश्व मेले के लिए स्थापित किया गया था और टैगस रिवर एस्टुअरी नेचर रिजर्व के निकट है कार्यक्रम के पहले भाग में एक मंच प्रदर्शन किया गया और दूसरे भाग को धन्य संस्कार की आराधना के लिए समर्पित किया गया, संत पापा फ्राँसिस दो पलों के बीच में युवा तीर्थयात्रियों को संबोधित किया।
एक परिवर्तनकारी मुलाकात
प्रारंभिक कलात्मक क्षण समकालीन संगीत और नृत्य के माध्यम से एक परिवर्तनकारी मुलाकात की कहानी का प्रतिनिधित्व करता है।
21 अलग-अलग देशों के 50 युवाओं के समूह, एन्सेम्बल 23 के सदस्यों ने एक लड़की के उतार-चढ़ाव को चित्रित किया, जो दोहराव और परेशान करने वाली दिनचर्या में फंस गई थी और खुद को ईश्वर द्वारा चुनौती देने की अनुमति दे रही थी। प्रभु के साथ मुलाकाकत से उसकी घटनाओं की दिशा बदल जाती है,और नायिका का जीवन कदम दर कदम फिर से फलता-फूलता है क्योंकि वह अपने साथियों को आशा और खुशी से "संक्रमित" करती है।
प्रदर्शन में नायिका और कुँवारी मरिया के जीवन की कहानी के बीच एक समानता को दिखाया गया, जो एक मुलाकात (दूत संवाद) से उसका जीवन बदल गया और वह अपनी चचेरी बहन एलिजाबेथ से शुरू होने वाली खुशी को साझा करने में कामयाब रही।
मंच प्रदर्शन के बाद संत पापा ने युवाओं को संबोधित कियाः
प्रिय भाइयों और बहनों, शुभ संध्या!
“आपके संग मुझे बहुत खुशी मिलती है, आपको देखकर बहुत अच्छा लगा! यात्रा करने और यहां आने के लिए धन्यवाद! और मुझे लगता है कि कुँवारी मरिया को भी एलिजाबेथ को देखने के लिए यात्रा करनी पड़ी, उसने यात्रा की: "वह उठी और शीघ्रता से चल पड़ी।" (लूकस 1:39), किसी को आश्चर्य होता है: मारिया क्यों उठती है और जल्दी से अपने चचेरी बहन के पास जाती है? निश्चित रूप से, उसे अभी-अभी पता चला है कि उसकी चचेरी बहन गर्भवती है, लेकिन वह भी गर्भवती है: स्वर्गदूत ने उससे अपनी चचेरी बहन के पास जाने के लिए नहीं नहीं पूछा था। फिर वह क्यों गई?
खुशी मिशनरी है
संत पापा ने “द इमिटेशन ऑफ क्राइस्ट” के एक अंश को उद्धृत करते हुए उत्तर दिया: "क्योंकि उसने प्रेम किया, और 'जो कोई प्रेम करता है वह उड़ता है, दौड़ता है और आनन्दित होता है।”
अपनी तैयार की गई टिप्पणियों को अलग रखते हुए, संत पापा ने लिस्बन में एकत्रित हुए 1.5 मिलियन युवा तीर्थयात्रियों से हमारे चारों ओर सुसमाचार की खुशी लाने के हमारे मिशन के बारे में बात की।
उन्होंने कहा, "खुशी मिशनरी है तो, हममें से प्रत्येक का कर्तव्य है कि हम उस खुशी को दूसरों तक पहुंचाएं।"
खुशी की जड़ें
संत पापा फ्राँसिस ने हमारी खुशी की जड़ों पर विचार किया और याद किया कि हमें भी उन लोगों से एक आनंददायक ख्रीस्तीय का उदाहरण मिला है जो हमसे पहले आए थे।
उन्होंने कहा "अगर हम पीछे मुड़कर देखें, हम उन लोगों को याद करेंगे जो हमारे जीवन के लिए प्रकाश की किरण थे: माता-पिता, दादा-दादी, दोस्त, पुरोहित, धर्मसंघी, धर्मबहनें , प्रचारक, अनुप्राणदाता और शिक्षक। वे हमारे आनंदमय जीवन की जड़ें हैं।"
इसके बाद संत पापा ने तेहो पार्क में 15 लाख तीर्थयात्रियों को अपनी आँखें बंद करने और उन लोगों के चेहरों को याद करने के लिए आमंत्रित किया जिन्होंने उनके जीवन को प्रभावित किया है। एक क्षण के मौन के बाद, उन्होंने सभी से दूसरों के लिए भी ऐसा ही करने का आग्रह किया, ताकि वे भी "खुशी की जड़ें" विकसित कर सकें।
येसु के साथ चलने के लिए स्वयं को प्रशिक्षित करें
संत पापा फ्राँसिस ने आगे कहा, “ख़ुशी बंद पुस्तकालय में नहीं है - भले ही अध्ययन करना आवश्यक हो! - लेकिन यह कहीं और है। इसे ताले और चाबी के नीचे नहीं रखा जाता है। दूसरों को खुशी देने के लिए, हमें पहले खुशी की तलाश करनी चाहिए और खुद को खुश रहने के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए। आप यह सीखते हैं, आप अपने माता-पिता से सीखते हैं, आप अपने दादा-दादी से सीखते हैं, आप अपने दोस्तों से सीखते हैं, एक-दूसरे का हाथ बंटाते हैं। जीवन में आप सीखते हैं और यह चलने का प्रशिक्षण है।
उन्होंने स्वीकार किया कि दूसरों के लिए खुशी की जड़ बनना थका देने वाला और कठिन हो सकता है। उन्होंने आगे कहा, यहां तक कि जब हम गिरते हैं, तब भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हम उठें और फिर से प्रयास करें।”
संत पापा फ्राँसिस ने विश्व युवा दिवस के तीर्थयात्रियों को गिरने पर एक-दूसरे की मदद करने के उनके कर्तव्य की याद दिलाते हु अपने संदेश को समाप्त किया। संत पापा ने कहा, "जीवन में कुछ भी मुफ़्त नहीं है; हर चीज़ के लिए ईश्वर की आवश्यकता होती है।" "केवल एक ही चीज़ है जो मुफ़्त है: येसु का प्यार। इसलिए, इस मुफ़्त दिए गए प्यार के साथ जो हमें मिला है और चलने की हमारी इच्छा के साथ, आइए, हम आशा में चलें, अपनी जड़ों की ओर देखें और निडर होकर आगे बढ़ने का प्रयास करें।" निडर बनें। डरें नहीं!"
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