फातिमा में पोप : मरियम हमेशा स्वागत करतीं और शीघ्र हमारी मदद करतीं हैं
वाटिकन न्यूज
फातिमा, शनिवार, 5 अगस्त 2023 (रेई) : संत पापा ने प्रार्थना के उपरांत उपस्थित विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, “मैं आप सभी को आपकी उपस्थिति और आपकी प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद देता हूँ। हमने रोजरी माला विन्ती की है, जो एक अति सुन्दर और महत्वपूर्ण प्रार्थना है; महत्वपूर्ण इसलिए क्योंकि यह हमें येसु और मरिया के जीवन से जोड़ती है।” हमने आनन्द के भेद पर चिंतन किया है जो हमें स्मरण दिलाती है कि कलीसिया सिर्फ एक आनन्द का घर हो सकती है।
कलीसिया का कोई दरवाजा नहीं
यह माता मरियम के दिव्यदर्शन का प्रार्थनालय एक सुंदर छवि है: स्वागत करने और बिना दरवाजेवाला। इस प्रांगण के मध्य में खुले आकाश में स्थित यह तीर्थस्थल, जो हमें एक महान मातृ आलिंगन की याद दिलाती है कलीसिया का प्रतीक है, जो एक माँ है : उसका द्वार सभी के लिए खुला है, जिससे कि सभी ईश्वर के साथ मुलाकात कर सकें।
संत पापा ने जोर देकर कहा, “हर कोई प्रवेश कर सकता है, क्योंकि यह माँ का घर है, और एक माँ का दिल अपने सभी बच्चों के लिए हमेशा खुला रहता है, सभी के लिए, सभी के लिए, बिना किसी बहिष्कार के।”
मरियम हमेशा हमारे पास आती हैं
यह वास्तव में तीर्थयात्रा है जो माता मरियम की विशेषता है क्योंकि वे पहली हैं जिन्होंने येसु के जन्म के संदेश के बाद तुरन्त तीर्थयात्रा कीं। जैसे ही उन्हें मालूम हुआ कि उनकी कुटुम्बनी गर्भवती है, जो काफी उम्र की थी उसकी मदद के लिए शीघ्रता से चल पड़ीं। सुसमाचार बतलाता है कि वह शीघ्रता से चल पड़ी। हम कह सकते हैं कि वह मदद करने और उसका साथ देने के लिए बड़ी उत्सुकता से चल पड़ी।
संत पापा ने कहा कि कुंवारी मरियम जो शीघ्रता से चली, जब कभी कोई समस्या हो जाती है, और जब कभी हम उन्हें पुकारते हैं वे बिन देरी शीघ्र आती हैं, “हमारी माता मरियम शीघ्रता की मरिया हैं।”
वे हमारे निकट आने में शीघ्रता करती हैं, वे जल्दी आती हैं क्योंकि वे माता हैं। वे येसु के जीवन का अनुसरण करती हैं और पुनरूत्थान के बाद भी वे नहीं छिपतीं, शिष्यों के साथ होती, पवित्र आत्मा की प्रतीक्षा करतीं एवं कलीसिया को साथ देती हैं जो पेंतेकोस्त के बाद बढ़ती है। हमारी माता मरियम जो हमारा साथ देती हैं वे कभी मुख्यपात्र नहीं रहीं।
माता मरियम हमें राह दिखाती हैं : येसु का अनुसरण
स्वागत करनेवाली माता मरियम का भाव दोहरा है : सबसे पहले वे स्वागत करती हैं और उसके बाद येसु की ओर इंगित करतीं। मरियम अपने जीवन में कुछ नहीं करतीं बल्कि येसु की ओर इंगित करती हैं। “वे जैसा कहते हैं वैसा ही करो, येसु का अनुसरण करो, ये मरियम के दो भाव हैं। “आइये, हम इसपर चिंतन करें कि वे हम सभी का स्वागत करती और हमें येसु को दिखाती हैं।” इसके लिए उन्हें फुर्ती से आगे बढ़ना पड़ा। अनुसरण करनेवाली हमारी माता मरियम जो सभी का स्वागत करतीं और हमें येसु को दिखाती हैं, हम इस बात को याद रखें कि मरियम खुद को विशेष रूप से हमारे लिए प्रस्तुत करती हैं ताकि कई हृदयों के अविश्वास येसु के लिए खुल सकें। संत पापा ने कहा, “वे हमेशा हमारे साथ रहती हैं लेकिन आज मैंने उनकी निकटता को अधिक गहराई से महसूस किया। मरियम एक अच्छी दोस्त हैं, येसु हमें इतना प्यार करते हैं कि वे अपने आपको हमारे साथ रखते और कहते हैं कि हम उनके साथ सहयोग करें और मरियम येसु की इस बात को हमारे लिए इंगित करती है।”
मरियम की उंगलिया मेरे लिए क्या इंगित कर रही हैं?
कोवा दा इरिया के प्रांगण में मौजूद तीर्थयात्रियों को मरियम की ओर देखने और खुद से पूछने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा, “एक माँ के रूप में मरियम मुझसे क्या कह रही है? उनकी उंगलिया मेरे लिए क्या इंगित कर रही हैं? वे हमें येसु को दिखाती हैं। कभी-कभी वे उन चीजों की ओर भी इंगित करती हैं जो हमारे हृदय में ठीक से नहीं चलती। हम उनसे पूछें, माँ आप मुझे क्या दिखला रही हैं?” आइये, हम थोड़ी देर मौन रहें और प्रत्येक अपने दिल में कहें, “माँ आप मेरे लिए क्या इंगित कर रही हैं?” मेरे जीवन में क्या है जो मुझे चिंतित करता है। मेरे हृदय में क्या है जो मुझे प्रभावित करता है? मुझमें क्या है जो आपको आकर्षित करता है? और आप उसे इंगित कर रही हैं? वे येसु के आने के लिए हमारे हृदयों की ओर संकेत करती हैं, और हमें येसु की ओर इंगित करती हैं।
संत पापा ने कहा, “आइये, आज हम माता मरियम की उपस्थिति को महसूस करें, उस माता को जो हमेशा कहती हैं, “येसु तुम लोगों से जो कुछ कहें वही करना।” आज हमसे भी यही कह रही हैं, वे तुमसे जो कहें वही करो। माता मरियम हमारी माता, हमें आशीर्वाद प्रदान करें।
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