रूसी युवाओं से पोप : संघर्ष के बीच शांति के शिल्पकार बनें
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, शनिवार, 26 अगस्त 2023 (रेई) : शुक्रवार, 25 अगस्त को, पोप फ्राँसिस ने सेंट पीटर्सबर्ग में रूस के काथलिक युवाओं की 10वीं राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेनेवाले लगभग 400 युवाओं के साथ करीब एक घंटे तक एक वीडियो के माध्यम से बातचीत की।
विश्वव्यापी कलीसिया के आच्छादन तले एकजुट
2000 से आयोजित हो रहे और इस वर्ष सेंट पीटर्सबर्ग में पहली बार आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लेनेवाले कुछ प्रतिभागियों को वहां पहुंचने के लिए रूस के 54 शहरों से 9,000 किलोमीटर तक की यात्रा करनी पड़ी।
मोस्को के महाधर्माध्यक्ष पाओलो पेत्सी ने बतलाया कि पोप के साथ बातचीत से उन्हें विशेष आनन्द एवं विश्व व्यापी कलीसिया की एकता की अनुभूति हुई।
संत पापा ने युवाओं को सम्बोधित कर कहा, “मैं चाहता हूँ कि रूसी युवाओं की बुलाहट संघर्ष और ध्रुवीकरण के बीच शांति के शिल्पकार बनने का हो, जो हर तरफ से हमारी दुनिया को प्रभावित कर रहे हैं। मैं आपको मेल-मिलाप के बीज बोने के लिए आमंत्रित करता हूँ, छोटे बीज जो युद्ध की इस सर्दी में फिलहाल जमी हुई जमीन पर अंकुरित नहीं होंगे, बल्कि भविष्य के वसंत ऋतु में खिलेंगे।”
उन्होंने कहा, “डर को सपने में बदलने का साहस करें। भय के प्रबंधक नहीं लेकिन सपने के उद्यामी बनें। बड़े सपने देखने की विलासिता को अपनायें।” मरियम और एलिजाबेथ की मुलाकात की याद दिलाते हुए जिन्होंने ईश्वर के परिवर्तनकारी शक्ति का साक्ष्य दिया, संत पापा ने गौर किया कि ईश्वर हमारे अंधकार और घाव के सामने हमें नाम लेकर बुलाते हैं।
मरियम की खुशी और शीघ्रता से चल पड़ने की याद दिलाते हुए संत पापा ने कहा कि ईश्वर जब बुलाते हैं तो हम भी चुपचाप खड़े नहीं रह सकते। हमें जल्दी से उठना चाहिए क्योंकि संसार, भाई-बहन, पीड़ित, और जो लोग ईश्वर की आशा को नहीं जानते उन्हें ईश्वर के आनंद को प्राप्त करने की आवश्यकता है।
ईश्वर का प्यार सभी के लिए है
संत पापा ने कलीसिया की भूमिका पर प्रकाश डाला, जो एक माता है जिसका हृदय खुला है और जो स्वागत करना एवं स्वीकार करना जानती है, विशेषकर, जिन्हें अधिक देखभाल की जरूरत है।
“ईश्वर का प्रेम सभी के लिए है और कलीसिया सबकी है।”
सुसमाचार में प्रभु द्वारा भोज में निमंत्रण की याद दिलाते हुए संत पापा ने प्रतिभागियों का आह्वान किया कि वे भी ईश वचन को हरेकजन तक ले जाने के लिए उनका अनुकरण करें। येसु का “हरेक जन, हरेक जन, हरेक जन” कहने का यही अर्थ है।
युवा और बुजूर्ग एक दुसरे के लिए खुलें
अपने पूरे संबोधन में, संत पापा ने युवाओं और वृद्धों के बीच संवाद पर जोर दिया। मरियम और एलिजाबेथ के बीच मुलाकात पर चिंतन करते हुए संत पापा ने रूसियीं युवाओं को अपने पूर्ववर्तियों के सपनों को पहचानते हुए "पीढ़ियों के बीच पुल बनने" हेतु आमंत्रित किया।
"पीढ़ियों के बीच संबंध लोगों के इतिहास और संस्कृति को जीवित रखता है।"
उन्होंने "मरियम की तरह आशा का प्रतीक, शांति और खुशी का चिन्ह" होने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, उनकी नम्रता का अनुकरण करके, "क्या आप उस इतिहास को बदल सकते हैं जिसमें आप रहते हैं।"
“इस प्रकार, बुजुर्ग लोकतंत्र और राष्ट्रों की एकता का सपना देखते हैं, जबकि युवा भविष्यवाणी करते हैं और पर्यावरण और शांति के कारीगर बनने के लिए बुलाए जाते हैं। वर्षों के अनुभव के साथ, एलिजाबेथ, जो बूढ़ी थी, युवा मरियम को मजबूत करती है जो आत्मा के नेतृत्व में अनुग्रह से भरी हुई थी।
विश्वास और कलीसिया दैनिक त्याग-तपस्या में मदद करते हैं
संत पापा ने आठ बच्चों में से दूसरी संतान वरवरा मोलोतिलोवा की कहानी भी सुनी। उसके माता-पिता ने उरल्स में जन्मे समुदाय की बदौलत शादी की, जहां येकातेरिनबर्ग पल्ली के डीन फादर यारोस्लाव ने सेवा की थी।
उसने पोप को बताया कि उसके परिवार में काथलिक धर्म को कैसे जीया और आगे बढ़ाया गया। एक स्वतंत्र विकल्प जो उसके माता-पिता के प्यार से कायम है, जो एक विश्वासी ख्रीस्तीय जोड़े के रूप में, दैनिक कठिनाइयों का सामना करने में विनम्रता, धैर्य और गरिमा सिखाते हैं।
रूसी युवा दिवस
सेंट पीटर्सबर्ग में चल रही राष्ट्रीय बैठक 27 अगस्त तक जारी रहेगी। इसमें प्रत्येक सुबह शहर के विभिन्न स्थानों पर 25-30 लोगों के समूहों में धर्मशिक्षा शामिल है, जो लिस्बन के विषयों पर आधारित है: अभिन्न पारिस्थितिकी, सामाजिक मित्रता, ईश्वर की दया पर।
रूस में आर्मेनिया, अजरबैजान, भारत, कोलंबिया और अन्य देशों के छात्र भी रहते हैं। वे भी सम्मेलन में शामिल हैं। 24 अगस्त को, एक बुलाहट दिवस के रूप में मनाया गया जहां विभिन्न धर्मसमाजों के प्रतिनिधियों ने अपनी प्रेरिताई के बारे बतलाया।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here