पोप ने सिनॉड के लिए पत्रकारों से मदद मांगी
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, शनिवार, 26 अगस्त 2023 (रेई) : ई जोरनालिस्मो पुरस्कार की स्थापना 1995 में हुई थी जिसके द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध इतालवी पत्रकारों के एक समूह को प्रभावशाली इताली प्रेस और टीवी हस्तियों एवं पत्रकारों को सम्मानित किया जाता है जो निष्पक्षता, व्यावसायिकता और रचनात्मकता के साथ इटली में वर्तमान मामलों की कहानी को आकार देते हैं।
पुरस्कार प्रदान करनेवाले प्रतिनिधियों को 26 अगस्त को सम्बोधित भाषण में संत पापा ने कहा कि हालांकि वे इस तरह के सम्मान को हमेशा अस्वीकार करते हैं, उन्होंने इसे स्वीकार करने का निश्चय किया है ताकि रचनात्मक संचार की अति आवश्यकता पर प्रकाश डाला जा सके। जो विरोध को नहीं बल्कि मुलाकात की संस्कृति को, युद्ध को नहीं बल्कि शांति की संस्कृति को, पूर्वाग्रह को नहीं लेकिन खुलापन को बढ़ावा देता है।”
दुष्प्रचार से लड़ें
उन्होंने कहा, "ऐसे समय में जब हर कोई हर चीज पर टिप्पणी करता दिखता है, यहां तक कि तथ्यों की परवाह किए बिना और कई बार सूचना प्रकाशित होने के पहले ही," तब यह आवश्यक है कि "तथ्यों की वास्तविकता के सिद्धांत को विकसित किया जाए।"
पोप ने कहा कि दुष्प्रचार पत्रकारिता के पापों में से एक है, जिनमें चार पाप हैं: “गलत सूचना, जानकारी नहीं देना या बूरी तरह सूचना देना; बदनामी (...); मानहानि, जो बदनामी से भिन्न है परन्तु नष्ट कर देती है; और चौथा है कोप्रोफिलिया, यानी कलंक, गंदगी से प्रेम, जो बिकता है।''
उन्होंने कहा कि दुष्प्रचार से निपटने के लिए, संचार में काम करनेवालों को मुलाकात की संस्कृति, संवाद की संस्कृति, दूसरे को और उसके कारणों को सुनने की संस्कृति का प्रसार करने की आवश्यकता है।
उन्होंने डिजिटल संस्कृति में निहित जोखिमों के प्रति आगाह किया, उन्होंने कहा, यह हमारे लिए आदान-प्रदान की बहुत सारी नई संभावनाएँ लेकर आया है, लेकिन संचार को नारों में बदलने का जोखिम भी है।
फर्जी खबरों से जनता की राय को प्रभावित करने से बचें
उन्होंने कहा कि सच्चा संचार हमेशा दोनों पक्षों के तथ्यों को बताने पर आधारित होता है, और उन्होंने "उन लोगों की चालाकी पर चिंता व्यक्त की जो जनता की राय को नियंत्रित करने के लिए फर्जी खबरों को दिलचस्प तरीके से प्रचारित करते हैं।"
ऐसे समय में जब यूरोप यूक्रेन में युद्ध का अनुभव कर रहा है, संत पापा ने अपील की, "कृपया, हम विरोध के तर्क के आगे न झुकें, हम नफरत भरी भाषा से प्रभावित न हों।"
उन्होंने कहा, "मेरी आशा है कि शांति की आवाज़ों को जगह दी जाएगी, उन लोगों को जो इसे और कई अन्य संघर्षों को समाप्त करने का प्रयास करते हैं, उन लोगों को जो युद्ध के 'कैनिस्ट' तर्क के आगे नहीं झुकते, लेकिन सब कुछ के बावजूद जारी रखते हैं, शांति के तर्क, संवाद के तर्क और कूटनीति के तर्क पर विश्वास करें।”
धर्मसभा पर रिपोर्टिंग
अंत में, उन्होंने सिनॉडालिटी पर आगामी धर्मसभा पर चर्चा की, जिसे कलीसिया अक्टूबर में आयोजित करने की तैयारी कर रही है, और पत्रकारों से कहा कि कलीसिया को "एक साथ शब्द को फिर से खोजने" में मदद करें।
संत पापा ने कहा, “आइये हम एक-दूसरे को सुनने, एक दूसरे से बात करने की आदत डालें, एक शब्द के लिए सिर काटने की नहीं। सुनें और परिपक्व तरीके से तर्क-वितर्क करें। यह एक कृपा है जिसको हम सभी को आगे बढ़ने के लिए आवश्यकता है। और कलीसिया आज इसे दुनिया को प्रदान कर रही है, एक ऐसी दुनिया को जो अक्सर निर्णय लेने में असमर्थ होती है, तब भी जब हमारा अस्तित्व ही खतरे में है। हम रिश्तों को जीने का एक नया तरीका सीखने की कोशिश कर रहे हैं, एक-दूसरे को सुनने और आत्मा की आवाज का पालन करने की कोशिश कर रहे हैं। ”
यह दोहराते हुए कि धर्मसभा के प्रतिभागी एक कलीसिया के निर्माण में एक साथ योगदान देना चाहते हैं जहां हरेक जन घर जैसा महसूस कर सके, जहां किसी को बाहर न रखा जाए, पोप फ्रांसिस ने "पत्रकारिता के विशेषज्ञों" से मदद का अनुरोध दोहराया कि "इस प्रक्रिया को बताएँ कि यह वास्तव में क्या है, नारों और पहले से पैक की गई कहानियों के तर्क को पीछे छोड़कर।”
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