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लम्पेदूसा में  मृत आप्रवासियों को श्रद्धांजलि देते संत पापा फ्रांँसिस लम्पेदूसा में मृत आप्रवासियों को श्रद्धांजलि देते संत पापा फ्रांँसिस   (ANSA)

भूमध्यसागर में जहाज दुर्घटना में 41 आप्रवासियों के मरने की आशंका

संत पापा फ्राँसिस ने भूमध्यसागर में पिछले हफ्ते हुए जहाज दुर्घटना के शिकार लोगों के लिए शोक व्यक्त किया है तथा ऐसी घटनाओं के लिए उदासीन नहीं होने का आह्वान किया है।

वाटिकन न्यूज

रोम, बृहस्पतिवार, 10 अगस्त 23 (रॉयटर) : इताली अधिकारियों और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने बुधवार को दुर्घटना से बचे लोगों के हवाले से, जिन्हें इताली द्वीप लम्पेदूसा ले जाया गया, कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि केंद्रीय भूमध्यसागर में पिछले हफ्ते एक जहाज दुर्घटना में 41 आप्रवासियों की मौत हो गई।

स्थानीय लोक अभियोजक सलवातोरे वेल्ला और तीन यूएन एजेंसियों ने मीडिया को पुष्टि दी कि चार लोग जिस जहाज दुर्घटना से बचे हैं, वह तीन बच्चों सहित 45 लोगों को ले जा रहा था।

अंतर्राष्ट्रीय आप्रवासन संगठन (आईओएम), यूनिसेफ और यूएनएचसीआर ने एक संयुक्त बयान में कहा कि बचाये गये लोगों में एक 13 साल का लड़का, एक महिला और दो पुरूष हैं जो जहाज डूबने के छः दिन बाद बुधवार को लम्पेदूसा पहुँचे। जहाज ट्यूनिशिया से 3 अगस्त को प्रस्थान किया था लेकिन तेज लहरों से टकराकर पलट जाने के कारण डूब गया।

पोप की संवेदना

पोप फ्राँसिस ने 10 अगस्त को एक ट्वीट के माध्यम से कहा, “मैंने बड़े दुःख के साथ भूमध्यसागर में जहाज की तबाही से बचे लोगों की खबर सुनी। आइये, हम इन त्रासदियों में उदासीन न बने रहें और आइये, हम पीड़ितों एवं उनके परिवारवालों के लिए प्रार्थना करें।”

रेड क्रोस की इताली शाखा और समुद्र देखभाल उदार राहतकर्मी ने कहा कि चारों लोग लाइफ जैकेट पर लटककर या किसी हवा भरने योग्य रबर के उपकरण और फिर समुद्र में एक दूसरी खाली नाव मिलने से बच गए थे, जिस पर उन्होंने कई दिन बिताए।

अभियोजक वेला ने कहा कि लम्पेदूसा पहुँचे आप्रवासी थके और सदमे की स्थिति में हैं और पुलिस द्वारा उन्हें पूछा जाना है। ऐसा बतलाया जा रहा है कि मंगलवार को उनके बचाव तक उनके पास कोई भोजन या पीने का पानी नहीं था।

संख्या में वृद्धि

इताली अधिकारियों के अनुसार, 90,000 से अधिक आप्रवासी इस साल भूमध्यसागर के रास्ते से इटली पहुँचे हैं। जो पिछले साल की तुलना में दो गुणी अधिक संख्या है।

वे संघर्ष, अकाल, भूखमरी, प्राकृतिक आपदा आदि की समस्या के कारण, सूडान, इथोपिया, साहेल प्रांत एवं अफ्रीकी देशों से जीविका की खोज में पलायन कर रहे हैं। इस मार्ग का उपयोग अफगानिस्तान, सीरिया और अन्य मध्य पूर्वी और एशियाई देशों में उत्पीड़न और हिंसा से भाग रहे शरणार्थियों द्वारा भी किया जाता है।

कुछ को यद्यपि उत्तरी अफ्रीकी तट से रोक लिया और वापस कर दिया जाता है, तथापि कई को इताली तट रक्षक या चैरिटी नौकाओं द्वारा उठा लिया जाता है जो उन्हें स्वागत केंद्रों में ले जाते हैं।

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10 August 2023, 16:16