मंगोलिया में पोप की प्रेरितिक यात्रा का कार्यक्रम, आदर्शवाक्य एवं प्रतीक चिन्ह
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 6 जुलाई 2023 (रेई) : गुरुवार, 6 जुलाई को वाटिकन प्रेस कार्यालय द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, पोप फ्राँसिस गुरुवार, 31 अगस्त की शाम को रोम के फ्यूमिचिनो हवाई अड्डे से प्रस्थान करेंगे और शुक्रवार, 1 सितंबर को सुबह 10 बजे उलानबतार के "चिंगगिस खान" अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे। जहाँ उनका आधिकारिक स्वागत होगा।
संत पापा मंगोलिया में अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान पूरा समय राजधानी उलानबतार में ही ठहरेंगे।
प्रेरितिक यात्रा का कार्यक्रम
शनिवार, 2 सितम्बर को उलानबतार में प्रातः 9.00 बजे सुखाबातर प्राँगण में स्वागत समारोह होगा। उसके बाद 9:30 बजे स्टेट पैलेस पर मंगोलिया के राष्ट्रति से औपचारिक मुलाकात होगी। पूर्वाहन 10:20 बजे वे “इख मंगोल” हॉल में सरकारी अधिकारियों, नागरिक समाज एवं राजनयिक कोर के सदस्य से मुलाकात करेंगे। संत पापा 11:00 बजे राष्ट्र के महान हुरल के अध्यक्ष से तथा 11:10 बजे प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। शाम 4:00 बजे संत पेत्रुस एवं पौलुस महागिरजाघर में धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, मिशनरी, धर्मसमाजियों एवं प्रेरितिक कार्य से जुड़े लोगों से मिलेंगे और उन्हें अपना संदेश देंगे।
रविवार 3 सितम्बर को संत पापा सुबह 10:00 बजे हन थियेटर में ख्रास्तीय एकता एवं अंतरधार्मिक वार्ता के सदस्यों को सम्बोधन करें। वे 4:00 बजे “स्तेप्पे अरेना” में पवित्र यूखरिस्त अर्पित करेंगे।
सोमवार, 4 सितम्बर को सुबह 9:30 बजे उदार कार्यों से जुड़े लोगों के साथ मुलाकात करने और करुणा गृह का उद्घाटन करने के बाद, संत पापा 12.00 बजे चिंगगिस खान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से विदा होकर शाम 5:20 बजे रोम लौटेंगे।
आदर्शवाक्य
मंगोलिया में संत पापा के प्रेरितिक यात्रा का आदर्शवाक्य है, “एक साथ आशा करना”।
इस आदर्श वाक्य को संत पापा की मंगोलिया की प्रेरितिक यात्रा के दो पहलुओं को सामने लाने के लिए चुना गया है, जो एक प्रेरितिक यात्रा और एक राजकीय यात्रा दोनों है। आशा विशेष रूप से ख्रीस्तीय गुण है, फिर भी इसे गैर-ख्रीस्तीयों के बीच भी सामान्य रूप से स्वीकार किया जाता है। नतीजतन, "एक साथ" शब्द संत पापा और मंगोलिया के बीच द्विपक्षीय सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालता है। संत पापा की उपस्थिति ईश प्रजा के इस छोटे से हिस्से के लिए अपार आशा और प्रोत्साहन का प्रतीक है। साथ ही, मंगोलिया की कलीसिया, द्वारा सार्वभौमिक कलीसिया के लिए आशा का संकेत भी है।
प्रतीक चिन्ह
प्रतीक चिन्ह में मंगोलिया के मानचित्र को लिया गया है जिसको राष्ट्रीय ध्वज के लाल और नीले रंगों से अंकित किया गया है। बीच में एक घर है जिसमें से पीला धूँआ ऊपर उठ रहा है। पीला वाटिकन का प्रतीक है। घर की दाहिनी ओर क्रूस है। घर और क्रूस के अगल-बगल प्रेरितिक यात्रा के आदर्शवाक्य लिखे हुए हैं, “एक साथ आशा करना।”
मंगोलिया में पहली प्रेरितिक यात्रा
पोप फ्राँसिस रूस और चीन की सीमा से लगे पूर्वी एशियाई देश का दौरा करनेवाले पहले पोप हैं। केवल 3.3 मिलियन निवासियों के साथ यह दुनिया का सबसे कम आबादी वाला संप्रभु राज्य है। 1911 में चीन के किंग राजवंश के पतन के बाद, मंगोलिया ने 1921 में चीन गणराज्य से स्वतंत्रता हासिल की जिसके बाद यह सोवियत संघ के उपग्रह राज्य के रूप में संचालित हुआ।
शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक क्रांति और 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद, वर्तमान सामाजिक लोकतांत्रिक मंगोलियाई पीपुल्स पार्टी ने देश के राजनीतिक परिदृश्य को नया आकार दिया और एक नया संविधान पेश किया।
1990 में धार्मिक दमन के अंत के साथ धार्मिक स्वतंत्रता का पुनर्जन्म हुआ और बहुसंख्यक बौद्ध राष्ट्र में, काथलिक मिशनरी 1992 में कलीसिया के पुनर्निर्माण के लिए लौट आए। वर्तमान में देश में लगभग 1,300 बपतिस्मा प्राप्त काथलिक हैं, जो इटली के कार्डिनल जॉर्जो मारेंगो द्वारा प्रशासित हैं।
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