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रोम का जॉन लातेरान महागिरजाघर, फाईल तस्वीर रोम का जॉन लातेरान महागिरजाघर, फाईल तस्वीर  (J.TUQUIB)

सन्त पापाः शाश्वत शहर पर हमला एक कायरतापूर्ण कृत्य

रोम के सन्त जॉन लातेरान महागिरजाघर तथा वेलाब्रो में सन्त जोर्जो गिरजाघर पर 30 वर्ष पूर्व किये गये हमलों को सन्त पापा फ्राँसिस ने कायरतापूर्ण कृत्य निरूपित किया है।

वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 28 जुलाई 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): रोम के सन्त जॉन लातेरान महागिरजाघर तथा वेलाब्रो में सन्त जोर्जो गिरजाघर पर 30 वर्ष पूर्व किये गये हमलों को सन्त पापा फ्राँसिस ने कायरतापूर्ण कृत्य  निरूपित कर युवाओं को आमंत्रित किया है कि वे इसकी स्मृति को कदापि न भुलाये क्योंकि यह "मानसिकता की स्थिति में एक सक्रिय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए" का एक अच्छा मौका हो सकता है।

अवैध कृत्यों का विरोध करें

रोम के महागिरजाघरों पर किये गये हमले की 30 वीं बरसी पर सन्त पापा ने एक पत्र में लिखाः “हर अवैध  कार्य का विरोध करने तथा समाज के किसी भी क्षेत्र का दुरुपयोग करने के विरुद्ध मैं आप सबको आमंत्रित करता हूँ, क्योंकि किसी भी सामुदायिक इमारत पर हमला आम भलाई को दांव पर लगाना है और इसपर, विशेष रूप से, सबसे नाजुक श्रेणियों का भाग्य निर्भर है, उन लोगों का जो सभी प्रकार के अन्याय सहते हैं।”

सन्त पापा फ्राँसिस का उक्त पत्र 28 जुलाई की सन्ध्या सन्त जॉन लातेरान महागिरजाघर से निकलनेवाली एक मोमबत्ती यात्रा से पूर्व रोम के सहयेगी धर्माध्यक्ष बाल्दो राईना द्वारा पढ़ा जा रहा है। रोम धर्मप्रान्त द्वारा आयोजित मोमबत्ती यात्रा का विषय है,  “रोम नहीं भूलता, माफिया के निर्दोष पीड़ितों की याद में स्मृति और प्रतिबद्धता"।

ग़ौरतलब है कि 1993 में 27 और 28 जुलाई के बीच की रात को दो बम विस्फोट किये गये थे। सन्त पापा ने लिखा, उस "कायरतापूर्ण कृत्य" के कारण कई लोग क्षतिग्रस्त हो गए थे और 22 घायल हो गए थे, इसने सभी काथलिक विश्वासियों की "और विशेष रूप से, रोम के विश्वासियों की आत्मा को गहनतम ढंग से झिंझोड़ कर रख दिया।"

संवेदनहीन उत्पीड़न

सन्त पापा ने लिखा, "इटली के सामाजिक इतिहास के उन काले वर्षों में", "संस्थाओं और राज्य के सेवकों के खिलाफ समान रूप से गंभीर हिंसा के कृत्यों से चिह्नित, आबादी ने उस" संवेदनहीन उत्पीड़न के सामने नपुंसकता की भावना का अनुभव किया।"

उन्होंने लिखा, "आज पहले से कहीं अधिक यह सभी का कर्तव्य है कि हम उन लोगों को कृतज्ञतापूर्वक याद करें जिन्होंने अपना कर्तव्य निभाते हुए, कभी-कभी अपनी जान जोखिम में डालकर, समुदाय की सुरक्षा के लिए ख़ुद का बलिदान कर दिया"

विवेक की मज़बूत अपील

सन्त पापा ने लिखा कि जो कोई भी "न्याय और स्वतंत्रता के मूल्यों तथा "लोकतंत्र की नींव" में विश्वास करने वाले और उनकी रक्षा करने वालों के बलिदान को पहचानता है, उनसे "विवेक की एक मजबूत अपील है कि हर कोई प्रेम की एक नई सभ्यता के निर्माण में स्वतः को सह-ज़िम्मेदार महसूस करे।" सन्त जॉन पौल द्वितीय के शब्दों को याद करते हुए उन्होंने लिखाः "सर्वत्र सौहार्द हो, सौहार्द और शांति हो जिसकी हर व्यक्ति आकांक्षा करता है... यहां हमें जीवन की सभ्यता की आवश्यकता है।"

युवाओं से

सन्त पापा ने युवाओं से आग्रह किया कि वे स्वतंत्रता, न्याय एवं सच्चाई के साक्षी बनें और "बिना किसी डर के "सुंदर भविष्य की आशा" का साहस करें, क्योंकि "जब डर दिल और दिमाग पर हावी हो जाता है तो माफिया वहाँ अपनी जड़ें जमा लेती हैं।" उन्होंने कहा, "आपको मानसिकता में बदलाव के लिए एक सक्रिय समर्थन, अंधेरे के बीच में प्रकाश की एक किरण बनने तथा  स्वतंत्रता, न्याय और धार्मिकता का प्रमाण बनने के लिए बुलाया गया है।"

उन्होंने आशा व्यक्त की कि सरकारी अंचलों में कार्यरत सभी ज़िम्मेदार लोग तथा कलीसियाई अधिकारी उन सब लोगों की सहायता को आगे आयेंगे जो समाज में नई मानवता लाने के लिये कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने लिखाः

"कोमलता और करुणा के साथ लोगों के संग खड़े होने में आप संकोच न करें, विशेषकर उन लोगों के साथ जो निर्धन हैं और हाशिये पर जीवन यापन करने को बाध्य हैं।"

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28 July 2023, 11:17