खोज

यूक्रेन के ओदेस्सा प्रांत में आक्रमण जारी यूक्रेन के ओदेस्सा प्रांत में आक्रमण जारी  (AFP or licensors)

यूक्रेन में काईन और हाबिल का नाटक

संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 23 जून को पूर्वी रीति की कलीसियाओं की मदद करनेवाले संगठन (रोआको) की आमसभा के प्रतिभागियों से वाटिकन में मुलाकात की तथा उन्हें एक साथ चलने का प्रोत्साहन दिया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 23 जून 2022 (रेई) ˸ रोआको कलीसिया का एक ऐसा संगठन हो जो मध्यपूर्व के ख्रीस्तीयों को मदद प्रदान करता है। संत पापा ने उन्हें प्रार्थना, उपवास, मदद एवं कार्य करते रहने का प्रोत्साहन दिया ताकि शांति की राह को संघर्ष के जंगल में जगह मिल सके।

संत पापा ने यूद्ध पीड़ित यूक्रेन की याद करते हुए उसके लिए प्रार्थना, उपवास एवं कार्य करने की अपील की ताकि शांति की राह को संघर्ष के जंगल में स्थान मिल सके।   

रोआको एक ऐसा संगठन है जो विश्वभर से फंड जमा कर, मध्यपूर्व के संघर्षरत क्षेत्रों में गिरजाघर, अध्ययन हेतु छात्रवृत्ति, सामाजिक एवं स्वास्थ्य देखभाल सुविधा हेतु मदद प्रदान करता है।  

संत पापा ने स्वीकार किया कि रोआको  के सदस्यों ने संघर्ष से पीड़ित टाइग्रे एवं इरिट्रिया के लोगों पर ध्यान और चिंता दिखाई है। उन्होंने उन देशों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने "पीड़ित यूक्रेन" के शरणार्थियों का स्वागत किया है।

हम काईन और हाबल के नाटक में पुनः पहुँच गये हैं

संत पापा ने कहा, "यूक्रेन में "एक जीवन-विनाशकारी हिंसा शुरू की गई है, एक स्पष्ट, शैतानी हिंसा, जिसके लिए हम विश्वासियों को प्रार्थना की शक्ति, दान की ठोस मदद, हर ख्रीस्तीय साधन के साथ प्रतिक्रिया करने के लिए कहा जाता है ताकि हथियार बातचीत का रास्ता दे सके।"

संत पापा ने इस बात पर विश्वास व्यक्त किया कि मानवीय अभिमान और मूर्तिपूजा गिरेगा तथा निराशा और आँसू की घाटियाँ भर दी जायेंगी किन्तु उन्होंने कहा कि हम इसायस नबी की शांति को शीघ्र पूरा होते देखना चाहते हैं।

"कि एक देश दूसरे देश के खिलाफ तलवार नहीं उठायेगा, कि तलवार को फाल बनाया जाएगा एवं भाले को हँसिया बनाया जाएगा।"

संत पापा ने खेद प्रकट किया कि सब कुछ उल्टी दिशा में जा रही है ˸ अन्न कम हो रहे हैं और शस्त्रों की ताल बढ़ रही हैं।"

रोआको का सिनॉडल तरीका

उपस्थित सदस्यों को सम्बोधित कर संत पापा ने कहा कि वे रोआको के सिनॉडल चरित्र को बनाये रखें जिसमें हरेक (व्यक्ति, धर्मसमाजी, धर्माध्यक्ष, परमधर्मपीठ के प्रतिनिधि, पूर्वी रीति की कलीसिया का परिषद एवं अन्य एजेंसी) की एक भूमिका है और "परामर्श करने, अध्ययन करने, पूछने और सुझाव और स्पष्टीकरण देने के द्वारा, एक साथ चलते हुए "वे एक दूसरे के साथ वार्ता करने के लिए बुलाये गये हैं।  

उन्होंने सभी सदस्यों को निमंत्रण दिया कि वे दूसरों की ओर देखें ताकि उदारता का मधुर संगीत उत्तम तरीके से प्रस्तुत किया जा सके।

संत पापा ने उन्हें अकेलेपन एवं अपने आप में बंद रहने के हर प्रलोभन से बचने का प्रोत्साहन दिया कि वे सभी भाई-बहनों का स्वागत करने के लिए खुले हो सकें जो पूर्वी रीति की काथलिक कलीसियाओं की सेवा करते हैं, अपने देशों में और दूसरे देशों में जहाँ वे रहते हैं।  

उन्होंने कहा, अब इस क्षेत्र में कलीसियाओं के साथ निकटता व्यक्त करने और लेबनान सहित सीरिया और इराक पर समन्वय के काम को फिर से शुरू करने के लिए अद्यतन उपकरण और उपयुक्त तरीके खोजना आवश्यक है।

23 June 2022, 17:09