शिक्षा पर्यावरण की देखभाल पर रहे केन्द्रित
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 1 अक्तूबर 2021 (रेई, वाटिकन रेडियो): इटली के मिलान शहर में यूथ फॉर क्लाईमेट शीर्षक से आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन में एकत्र 197 राष्ट्रों के लगभग 400 युवा प्रतिनिधियों को गुरुवार को प्रेषित एक विडियो सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने पर्यावरण की देखभाल हेतु शिक्षा की भूमिका को महत्वपूर्ण निरूपित किया।
सन्त पापा ने कहा कि मानव जाति पर पड़े संकटों, जैसे जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण, हेतु राजनैतिक एवं तकनीकी समाधान तब तक पर्याप्त नहीं होंगे जब तक कि देखभाल एवं ज़िम्मेदार साझाकरण की संस्कृति विकसित न की जाये। उन्होंने कहा कि ऐसी संस्कृति शिक्षा के माध्यम से ही पोषित हो सकती है, जो बंधुत्व के आधार पर विकास और स्थिरता को प्रोत्साहित करती है।
यूथ फॉर क्लाईमेट
यूथ फॉर क्लाईमेट सम्मेलन का आयोजन 26वें संयुक्त राष्ट्र संघीय जलवायु परिवर्तन सम्मेलन COP26 की तैयारी में किया गया था। यह सम्मेलन पहली नवंबर से 12 नवंबर तक स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में सम्पन्न होगा। 28 से 30 सितम्बर तक जारी रहे यूथ फॉर क्लाईमेट सम्मेलन में युवाओं ने COP26 में भाग लेनेवाले राष्ट्रों एवं सरकारों के प्रतिनिधियों के समक्ष पर्यावरण की सुरक्षा तथा जलवायु परिवर्तन सम्बन्धी प्रस्ताव रखें हैं। इस सम्मेलन में पर्यावरण कार्यकर्त्ता स्वीडन की युवा ग्रेटा थूनबेर्ग ने इस तथ्य को ध्यान में रख कर कि उत्सर्जन में वृद्धि जारी है, तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, "हम जलवायु न्याय चाहते हैं, और हम इसे अभी चाहते हैं"।
चुनौती देना, सुनना, संवाद करना
सन्त पापा ने युवाओं को पर्यावरण के प्रति उनकी चिन्ता तथा उनके सपनों एवं उनकी योजनाओं के लिये धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं की दूरदृष्टि वयस्क विश्व को चुनौती देने में सक्षम है, इसलिये कि वे केवल कार्यवाही के लिये ही नहीं अपितु धैर्यपूर्वक सुनने एवं रचनात्मक संवाद करने के लिये भी तैयार रहते हैं।
शिक्षा का महत्व
सन्त पापा ने युवाओं को शिक्षा पर आधारित एक विस्तृत और नवीन सम्विदा की रचना हेतु आमंत्रित किया ताकि वे ऐसी पीढ़ियों के निमार्ण करें जो भलाई में दृढ़ हों, परिपक्व हों, विभाजन और विखण्डन पर काबू पाने तथा मानवता को और अधिक भाई सुलभ बनाने के लिये रिश्तों की संरचना में समर्थ हों।
संत पापा फ्राँसिस युवाओं को न केवल दुनिया का भविष्य बल्कि इसका वर्तमान भी मानते हैं, "जो आज अपने कार्यों द्वारा भविष्य का निर्माण कर रहे हैं"। सन्त पापा ने कहा कि इस दिशा में 2019 में शिक्षा पर आरम्भ ग्लोबल कॉम्पैक्ट एक कदम है, जो ऐतिहासिक परिवर्तन हेतु साझा प्रतिक्रिया प्रदान करता है।
लोगों के बीच और सृष्टि के बीच सामंजस्य ज़रूरी
सन्त पापा ने युवाओं से कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों को रोकने के लिये मानव और पर्यावरण के बीच भाईचारे और सामंजस्य पर केंद्रित विकास और स्थिरता के सांस्कृतिक मॉडल की नितान्त आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "लोगों के बीच, पुरुषों और महिलाओं तथा पर्यावरण के बीच सामंजस्य एवं समरसता का होना ज़रूरी है।
हम दुश्मन नहीं हैं, हम एक दूसरे के प्रति उदासीन नहीं हैं।
"हम इस ब्रह्मांडीय सामंजस्य का हिस्सा हैं।"
सन्त पापा ने कहा कि युवाओं के विचार निर्धनता का समाधान खोजने में मदद कर सकते हैं। ये विचार सामान्य जनकल्याण के लक्ष्य को हासिल करने के लिये राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय नीतियों में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here