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पारिस्थितिकी तंत्र दशक पर सन्त पापा का सन्देश

सन्त पापा फ्राँसिस ने संयुक्त राष्ट्र संघीय पर्यावरण कार्यक्रम की कार्यकारी निदेशिका इन्गर एन्डरसन तथा खाद्य एवं कृषि संगठन के महानिदेशक कू डॉन्गयू के नाम प्रकाशित एक सन्देश में कहा है कि विश्व पर्यावरण दिवस हमें स्मरण दिलाता है कि सबकुछ अन्तरसम्बन्धित है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 4 जून 2021 (रेई,वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस ने संयुक्त राष्ट्र संघीय पर्यावरण कार्यक्रम की कार्यकारी निदेशिका इन्गर एन्डरसन तथा खाद्य एवं कृषि संगठन के महानिदेशक कू डॉन्गयू के नाम प्रकाशित एक सन्देश में कहा है कि विश्व पर्यावरण दिवस हमें स्मरण दिलाता है कि सबकुछ अन्तरसम्बन्धित है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति यथार्थ चिन्ता को मानव प्राणी के प्रति प्रेम तथा समाज की समस्याओं को सुलझाने हेतु समर्पण के साथ संयुक्त होना चाहिये। 

पर्यावरण की रक्षा हेतु जागरुकता

शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रारम्भ पारिस्थितिकी तंत्र दशक के विषय में सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि यह दशक हम सबको आमंत्रित करता है कि हम दस वर्ष तक अपने सामान्य घर का रक्षा के प्रति समर्पित रहें तथा "समस्त विश्व में व्याप्त पारिस्थितिकी तंत्र के क्षरण को रोकने के प्रयासों को समर्थन देकर सफल पारिस्थितिकी तंत्र बहाली के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ायें"।

बाईबिल धर्मग्रन्थ के स्तोत्र ग्रन्थ के 19 वें भजन को उद्धृत कर सन्त पापा ने कहा, "आकाश ईश्वर की महिमा बखानता है, तारामण्डल उसका सामर्थ्य प्रकट करता है। दिन, दिन को उसकी कहानी सुनाता है और रात, रात को उसे बताती है। न तो कोई वाणी सुनाई देती है, न कोई शब्द और न कोई स्वर।" उन्होंने कहा कि बाईबिल धर्मग्रन्थ हमें बताता है कि हम सब सृष्टि के इस वरदान के अंग हैं, हम प्रकृति के अंग है, उससे अलग नहीं।  

सृष्टि के ज़िम्मेदार प्रबन्धक बनें

सन्त पापा ने कहा, "वर्तमान पर्यावरणीय स्थिति हमारा आह्वान करती है कि हम सृष्टि के ज़िम्मेदार प्रबन्धक बनें तथा प्रकृति को वह सब वापस लौटाने के लिये सक्रिय होवें जिसे हम बहुत लम्बे समय से नुकसान पहुँचा रहे हैं तथा जिसका हम अब तक शोषण करते रहे हैं। अन्यथा, हम उसी आधार को नष्ट करने का जोखिम उठा रहे हैं, जिसपर हम निर्भर हैं।"

सन्त पापा ने कहा कि वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यदि पर्यावरण की सुरक्षा हेतु उपयुक्त कदम न उठाये गये तथा लोगों में जागरुकता न बढ़ाई गई तो आनेवाली पीढ़ियों को बाढ़, भुखमरी, सूखा और अकाल जैसे गम्भीर परिणामों का समाना करना पड़ेगा।

प्रकृति का शोषण एवं विनाश बन्द करें

सन्त पापा ने कहा कि एक दूसरे की देखभाल हमारा दायित्व है, विशेष रूप से, कमज़ोर वर्ग के लोगों की देखभाल। हमारा ज़िम्मेदार अन्तःकरण हमसे कहता है कि हम प्रकृति के शोषण एवं विनाश को बन्द करें क्योंकि हमारे बच्चों एवं भावी पीढ़ियों के लिये एक रहने योग्य सामान्य धाम छोड़ने की ज़िम्मेदारी हम पर है।

सन्त पापा ने कहा, "कई चेतावनियाँ जैसे कोविद-19 तथा ग्लोबल वॉर्मिंग हमें तत्काल उपाय के लिये आमंत्रित कर रही हैं। मेरी आशा है कि आगामी नवम्बर माह के लिये ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर आयोजित कॉप-26, जागरुकता के प्रसार के माध्यम से हमें पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने हेतु सही उत्तर देने में मदद प्रदान करेगा।"

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04 June 2021, 12:17