इटली के गुरूकुल छात्रों एवं उनके प्रशिक्षकों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांसिस इटली के गुरूकुल छात्रों एवं उनके प्रशिक्षकों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांसिस 

दुनिया ऐसे पुरोहितों के लिए तरस रही है जो प्रभु की अच्छाई बांटे

संत पापा फ्रांसिस ने बृहस्पतिवार को वाटिकन में इटली के गुरूकुल छात्रों (सेमिनेरियन्स) और उनके प्रशिक्षकों से मुलाकात करते हुए उन्हें नाजरेथ के परिवार के समान रहने पर जोर दिया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 10 जून 2021 (रेई)- संत पापा फ्रांसिस ने बृहस्पतिवार 10 जून को मार्के के परमधर्मपीठीय रीजनल सेमिनरी "पियुस 11वें" के प्रशिक्षकों एवं गुरूकुल छात्रों से मुलाकात की तथा उन्हें नाजरेथ के परिवार के समान जीते हुए संत जोसेफ के गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।

प्रशिक्षण के लिए विनम्रता आवश्यक

संत पापा ने कहा, "मैं सेमिनरी को नाजरेथ के एक परिवार के रूप में देखता हूँ जहाँ येसु का स्वागत किया गया तथा पिता द्वारा सौंपे गये मिशन के दृष्टिकोण से उनका विकास हुआ। ईश्वर के पुत्र ने अपने आपको, मानव माता-पिता मरियम एवं जोसेफ द्वारा प्रेम किये जाने और मार्गदर्शन दिये जाने दिया, जो हम सभी को सिखलाता है कि नम्रता के बिना हम बढ़ नहीं सकते और न ही परिपक्व हो सकते हैं।" राशियो, फंडामेंटालिस इंस्टीट्यूशन्स सचेरदोतालिस इस बात की पुष्टि देता है कि पुरोहित एक शिष्य है जो गुरूजी के पदचिन्हों पर लगातार चलता है। इस तरह उसका प्रशिक्षण एक विकासशील प्रक्रिया है जो परिवार से आरम्भ होकर, पल्ली की ओर बढ़ता, फिर सेमिनरी एवं जीवन भर चलता रहता है।" संत पापा ने कहा, "संत जोसेफ की छवि एक उत्तम आदर्श है जिनके द्वारा आपके प्रशिक्षक प्रेरित होते और आपकी बुलाहट की देखभाल करते हैं।"  

सेमिनरी के प्रशिक्षकों से पोप

मार्के की सेमिनरी का संचालन करनेवाले धर्माध्यक्षीय सम्मेलन एवं अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए संत पापा ने कहा, "आप अपने गुरूकुछ छात्रों के लिए वैसे ही बनें जैसे येसु के लिए जोसेफ थे। वे आपके शब्दों से अधिक आपके जीवन से सीखें जैसा कि नाजरेथ के परिवार में हुआ। जहाँ येसु जोसेफ के स्कूल में "रचनात्मक साहस" के साथ विकसित हुए। आपके आज्ञापालन से वे विनयशीलता सीखें, आपके समर्पण से मेहनती होना, आपकी सादगी एवं तत्परता से वे गरीबों के प्रति उदार होना सीखें।"

संत पापा ने कहा, "शुद्धता, जीवन के हर क्षेत्र में अधिकार से मुक्त होना है। जब प्रेम शुद्ध होता है तभी यह सच्चा प्रेम हो सकता है। प्रेम जो अधिकार करना चाहता है वह हमेशा खतरनाक, कैद करनेवाला, दम घुटाने एवं दुःख देनेवाला होता है।"

गुरूकुल छात्रों से पोप

संत पापा ने गुरूकुल छात्रों को सम्बोधित कर कहा कि कलीसिया उनसे उम्मीद करती है कि वे येसु के उदाहणों पर चलें और संत जोसेफ के समान अपने आप को विनम्र बनायें। शायद हमने युवा येसु पर पर्याप्त चिंतन नहीं किया है जिन्होंने अपनी बुलाहट के लिए आत्मपरख किया, सुना और मरियम एवं जोसेफ पर विश्वास किया, अपने मिशन को समझने के लिए पिता के साथ वार्तालाप किया।

उन्होंने कहा, "आप गुरूकुल छात्रों को भी नाजरेथ के घर के समान जहाँ ईश्वर के पुत्र ने दीनता और अपने माता-पिता के निकट रहना सीखा। संवाद करने के लिए सोशल मीडिया और मीडिया के उपयोग में कुशल होने मात्र से संतुष्ट न हो जाए। ईश्वर के वचन से रूपांतरित होकर ही आप जीवन के वचन को बांट सकते हैं। दुनिया ऐसे पुरोहितों के लिए तरस रही है जो उन लोगों के बीच प्रभु की अच्छाई को बांटते हैं जिन्होंने पापी एवं असफल होने का अनुभव किया है। पुरोहित जो विनम्र हैं, कि वे पीड़ित लोगों के बीच अपने आनन्द एवं भाइयों के परिश्रम को बांटने के लिए तत्पर हों। आप सुसमाचार एवं पवित्र साक्रमेंत में येसु की दीनता से प्रेरणा लें।"

ईश्वर के करीब और अपने भाइयों के करीब रहें

संत पापा ने उन्हें जोर दिया कि वे वास्तविकता, खतरों एवं दूसरों से न भागें बल्कि इनके विपरीत, ईश्वर के करीब और अपने भाइयों के करीब रहें। सेमिनरी की चारदीवारी के भीतर अपने हृदय को विस्तृत करें।

संत पापा ने गुरूकुल छात्रों के प्रशिक्षण के चार आयामों पर प्रकाश डाला- मानवीय, आध्यात्मिक, बौद्धिक और प्रेरितिक। उन्होंने कहा, "अपने मानवीय स्वभाव से अपने आपको दूर न करें, अपने आंतरिक दुनिया की जटिलता को न छोड़ दें, आपकी भावनाओं को सेमिनरी के द्वार के बाहर न रखें, जब आप संकट अथवा कमजोरी महसूस करते हैं तो अपने आप में बंद न हो जाएँ। अपने प्रशिक्षकों के लिए अपने आपको खोलें और अपनी अंदर की गलतियों के खिलाफ लड़ें। इस तरह स्वच्छ, प्रसन्नचित और खुला संबंध बनायें।

संत पापा ने कहा कि प्रार्थना एक अनुष्ठान की आदत न बने बल्कि ईश्वर के साथ व्यक्तिगत मुलाकात और वार्ता करने एवं उनके साथ संबंध में बढ़ने का अवसर हो। 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

10 June 2021, 15:34