खोज

ग्लोबसेक ब्रतिस्लावा मंच ग्लोबसेक ब्रतिस्लावा मंच 

राजनीतिक नेताओं से पोप ˸ मौत को जीवन में बदलें

संत पापा फ्रांसिस ने ग्लोबसेक ब्रतिस्लावा मंच के 16वें सम्मेलन में भाग लेनेवाले राजनीतिक नेताओं को एक संदेश भेजा। जिसको 15- 17 जून तक आयोजित किया गया है। सम्मलेन की विषयवस्तु है – "दुनिया को फिर से बेहतर बनायें।"

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 15 जून 2021 (रेई)- संत पापा ने अपने वीडियो संदेश में सम्मेलन के प्रतिभागियों का अभिवादन करते हुए उनके मंच के लिए धन्यवाद दिया, जिसमें वे महामारी के बाद हमारे विश्व के पुनःनिर्माण के लिए महत्वपूर्ण विचार-विमर्श करेंगे।

उन्होंने कहा है कि "इस संबंध में, मैं आपको कुछ विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ।" तीन शब्दों से प्रेरणा लेते हुए – देखना, अवलोकन करना, कार्य करना।

देखना

संत पापा ने कहा, "अतीत की गंभीर एवं सच्ची व्याख्या, जिसमें सृष्टिकर्ता, पड़ोसियों एवं सृष्टि के प्रति प्रणालीगत कमियों, गलतियों एवं जिम्मेदारी की कमी को स्वीकारना शामिल है, मेरे लिए यह आवश्यक प्रतीत होता है कि सुधार के विचार को बढ़ाया जाए न केवल उन चीजों का पुनः निर्माण करते हुए जो पहले थे, बल्कि कोरोनावायरस के पहले जो चीज सही तरीके से नहीं चल रहा था उसमें भी सुधार किया जाए।" उन्होंने कहा कि जो कोई गिरने के बाद उठना चाहे उसे अपने गिरने की स्थिति का सामना करना एवं जिम्मेदारी के घटकों को पहचानना चाहिए।

संत पापा के विचार से दुनिया, उपलब्धियों की भूख पर आधारित सुरक्षा की भ्रमित भावना से ठगी गई है।

उन्होंने कहा, "मैं एक ऐसे आर्थिक एवं सामाजिक जीवन के मॉडल को देखता हूँ जो कई प्रकार की असामनताओं एवं स्वार्थी भावनाओं से चिन्हित है, जिसमें विश्व की कुल  आबादी में से मुद्ठीभर लोग इसकी सम्पति पर कब्जा किये हुए हैं जो अकसर लोगों एवं संसाधनों का शोषण करने से भी नहीं हिचकिचाते हैं।"

संत पापा ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पर्यावरण की पर्याप्त देखभाल नहीं की जा रही है। "हम सार्वजनिक संसाधनों का बेहिचक उपभोग एवं विनाश कर रहे हैं जिनका सम्मान के साथ रक्षा किया जाना चाहिए।" हम  एक "पारिस्थितिक ऋण" बना रहे हैं जिसे सबसे बढ़कर गरीबों और भावी पीढ़ियों को चुकाना पड़ेगा।  

अवलोकन करना

संत पापा ने कहा कि संकट नई संभवनाओं को खोलता है। यह वास्तव में, वर्तमान स्थिति का सामना करने के लिए एक खुली चुनौती है कि हम परीक्षा की घड़ी को विकल्प के समय के रूप में ले सकें। संकट वास्तव में हमें अच्छाई अथवा बुराई का चुनाव करने के लिए प्रेरित करता है। संकट से हम पहले की तरह नहीं बल्कि अच्छे या बुरे रूप में ही निकल सकते हैं। हमने जो देखा और अनुभव किया है उसका अवलोकन करना हमें बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। संकट जिसने हम प्रत्येक को प्रभावित किया है स्मरण दिलाता है कि अकेला कोई नहीं बच सकता। संकट हमारे लिए भविष्य की ओर रास्ता खोल देता है जो हर मानव प्राणी की सच्ची समानता को स्वीकारता है।  

कार्य करना  

संत पापा ने वीडियो संदेश में कहा कि जो लोग कार्य नहीं करते वे संकट द्वारा मिले अवसर को बर्बाद करते हैं। सामाजिक अन्याय का सामना करना एक ऐसे विकास मॉडल की मांग करता है जिसमें हरेक व्यक्ति और मानव केंद्र में होता है।  

संत पापा में सम्मेलन के प्रतिभागियों से आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इन दिनों के विचार-विमर्श से अधिक समावेशी और टिकाऊ समाधान प्राप्त हो पायेगा।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

15 June 2021, 16:37