1 जुलाई को लेबनान के लिए प्रार्थना की जाएगी
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार, 26 जून 2021 (रेई)- संत पापा फ्रांसिस ने 1 जुलाई को लेबनान के लिए एक दिवसीय प्रार्थना एवं चिंतन दिवस का आह्वान किया है ताकि देश में आशा एवं शांति को पुनः जागृत किया जा सके जो वर्षों से राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक संकट से पीड़ित है। एक दिवसीय प्रार्थना सभा का आयोजन, अगस्त 2020 में बेरूत के में हुए खतरनाक विस्फोट की पहली वर्षगाँठ के पहले रखा गया है जिसने शहर को तहस-नहस कर दिया था।
शुक्रवार को वाटिकन प्रेस कार्यालय द्वारा जारी बयान में पूर्वी कलीसियाओं के लिए गठित धर्मसंघ के अध्यक्ष कार्डिनल लेओनार्दो सांद्री ने 1 जुलाई के पहल को प्रस्तुत किया जिन्होंने कहा कि उस दिवस का उद्देश्य है "एक साथ चलना"। उन्होंने कहा कि लेबनान के ख्रीस्तीय समुदायों के प्रतिनिधि अपने आपसे सवाल पूछेंगे, चिंतन करेंगे और एक साथ प्रार्थना करेंगे। वे लोगों की पुकार को रोम तक पहुँचायेंगे जो निश्चिय ही प्रार्थना में उनके साथ होंगे।
कार्डिनल सांद्री ने कहा कि एक दिवसीय पहल का स्वरूप आध्यात्मिक है और इसका समापन संत पापा के भाषण से होगा। जिसमें उन्होंने कहा कि "निश्चित रूप से सिफारिशें और अपीलें होंगी जो दिन की चर्चाओं से उभरेंगी, और जो लेबनान के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं"।
वाटिकन के विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पौल रिचार्ड गलाघर ने बतलाया कि इस अवसर के लिए कोई भी राजनीतिक नेता की उम्मीद नहीं की जा रही है, क्योंकि प्रस्ताव, लेबनान से सीधे रूप से ख्रीस्तीय समुदायों की धार्मिक सभा के लिए की गई है जिसको संत पापा ने स्वीकार किया है। महाधर्माध्यक्ष गलाघर ने कहा कि पोप फ्राँसिस ने बार बार इच्छा व्यक्त की है कि वे लेबनान की यात्रा करना चाहते हैं किन्तु वे तभी यात्रा करेंगे जब देश अपनी राजनीतिक संकट का समाधान पा जाएगा। हालांकि यह क्षितिज में दिखाई नहीं पड़ रहा है, वाटिकन में सभा के द्वारा इस प्रक्रिया को मदद मिल सकती है। इस बिंदु पर, वर्ष के अंत तक पोप द्वारा लेबनान की यात्रा की परिकल्पना करना "मुश्किल है" लेकिन अगले साल की शुरुआत में इसकी अधिक संभावना है।
"प्रभु ईश्वर के पास शांति की योजना है। एक साथ लेबनान के लिए", 1 जुलाई की प्रार्थना दिवस की विषयवस्तु है।
प्रार्थना दिवस की शुरूआत वाटिकन के संत मर्था में 8.30 बजे पोप फ्रांसिस द्वारा लेबनान के ख्रीस्तीय समुदायों के प्रतिनिधियों के स्वागत से किया जाएगा। थोड़ी देर संत पेत्रुस महागिरजाघर में प्रार्थना की जायेगी। अलग-अलग अंतराल पर 3 अलग-अलग बैठकों के बाद, शाम 6 बजे पोप फ्रांसिस के भाषण के साथ दिन का समापन होगा।
लेबनान, एक भूमध्यसागरीय देश, जिसकी जनसंख्या 5 मिलियन है, यह मध्यपूर्व में ख्रीस्तियों की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है तथा एकमात्र अरब देश है जहां के राष्ट्रपति ख्रीस्तीय हैं।
संत पापा फ्रांसिस ने इस दिन की घोषणा 30 मई को अपने देवदूत प्रार्थना के दौरान की थी। उन्होंने इसका उद्देश्य बतलाया था, "शांति एवं स्थिरता के लिए एक साथ प्रार्थना करना।" उन्होंने बैठक से पहले प्रार्थना करने का आग्रह किया है ताकि लेबनान का "भविष्य अधिक शांत" हो सके।
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