फ्रांसीसी पुरोहितों के एक समूह के साथ संत पापा फ्राँसिस फ्रांसीसी पुरोहितों के एक समूह के साथ संत पापा फ्राँसिस 

पुरोहितों से संत पापा, "भेड़ों की गंध वाले चरवाहे" बनें

संत पापा फ्राँसिस ने रोम में उच्च कलीसियाई अध्ययन करने वाले फ्रांसीसी पुरोहितों के एक समूह के साथ मुलाकात की और उनसे उनके भविष्य के प्रेरितिक कार्यों और उनके सामुदायिक गवाही के बारे में बातें की।

माग्रेट सुनीता मिंज –वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 7 जून 2021 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 7 जून को रोम स्थित संत लुइजी देई फ्रांचेसी कॉलेज समुदाय के पुरोहितों से मुलाकात की। संत पापा ने वाटिकन में उनका सहृदय स्वागत कर कॉलेज के रेक्टर मोन्सिन्योर लाउरेंट ब्रेगुएट को उनके परिचय भाषण के लिए धन्यवाद दिया।

संत पापा ने कहा कि व्यक्तिवाद, आत्म-पुष्टि, उदासीनता से चिह्नित समाज में, आपको इसकी दैनिक चुनौतियों के साथ मिलकर रहने का अनुभव है। रोम के केंद्र में स्थित, आपका घर, जीवन साक्ष्य के साथ एक विविध और सहायक भाईचारे के सुसमाचारी मूल्यों के बारे में, उन लोगों से संवाद कर सकता है,खासकर जब कोई मुश्किल क्षण से गुजर रहा हो। वास्तव में, आपका सामुदायिक जीवन और आपकी विभिन्न प्रतिबद्धताएं आपको ईश्वर के प्रेम और उनकी निकटता की निष्ठा का अनुभव कराने में सक्षम हैं।

संत जोसेफ

संत पापा ने संत जोसेफ वर्ष की याद दिलाते हुए कहा, "संत जोसेफ को समर्पित इस वर्ष में, मैं आपको विश्वास में दृढ, कोमल पिता के चेहरे को फिर से खोजने के लिए आमंत्रित करता हूँ,  वे ईश्वर की इच्छा, ईश्वर की योजना के प्रति निष्ठा और भरोसेमंद परित्याग के मॉडल हैं। इस प्रकार संत जोसेफ हमें सिखाते है कि ईश्वर में विश्वास रखने में यह विश्वास भी शामिल है। वे हमारे डर, हमारी निर्बलताऔर हमारी कमजोरियों के माध्यम से भी काम कर सकते हैं।" (प्रेरितिक पत्र पैट्रिस कॉर्ड, 2)  इस वर्ष संत जोसेफ के साथ, हम स्वागत, कोमलता, स्वयं के उपहार के सरल कृत्यों के अनुभव पर लौटने के लिए बुलाये गये हैं।"

सामुदायिक जीवन

सामुदायिक जीवन की अच्छाईयों व कमजोरियों पर प्रकाश डालते हुए संत पापा ने कहा,"सामुदायिक जीवन में, छोटे-छोटे बंद समूह बनाने, खुद को अलग-थलग करने, दूसरों की आलोचना और बुराई करने, खुद को श्रेष्ठ और अधिक बुद्धिमान मानने का प्रलोभन हमेशा बना रहता है और यह हम सभी को कमजोर करता है! यह अच्छा नहीं है। आप हमेशा उपहार के रूप में एक दूसरे का स्वागत करें। सच्चाई से जीने वाले भाईचारे में, रिश्तों की ईमानदारी में और प्रार्थनामय जीवन में, हम एक ऐसा समुदाय बना सकते हैं जिसमें आप आनंद और कोमलता की हवा में सांस ले सकें।"

भेड़ की गंध वाले चरवाहे

संत पापा ने कहा कि वे उन्हें सामुदायिक प्रार्थना में सक्रिय और आनंदमय भागीदारी एवं साझा करने के अनमोल क्षणों को जीने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। पुरोहित एक ऐसा व्यक्ति है जो सुसमाचार के प्रकाश में अपने चारों ओर ईश्वर की उपस्थिति महसूस कराता है और बेचैन दिलों में आशा का संचार करता है। विभिन्न रोमन विश्वविद्यालयों में आप जो अध्ययन करते हैं वह आपको परोहित के रूप में आपके भविष्य के कार्यों के लिए तैयार करता है और आपको उस वास्तविकता की बेहतर सराहना करने की अनुमति देता है जहाँ आप आनंद के सुसमाचार की घोषणा करने के लिए बुलाये गये है। हालाँकि, आप उस वातावरण को ध्यान में रखे बिना सिद्धांतों को लागू नहीं करेंगे जहाँ आप रहते हैं, साथ ही साथ जिन लोगों को आपको सौंपा गया है। मैं चाहता हूँ कि आप अपने लोगों के साथ जीने, हंसने और रोने में सक्षम, उनके साथ संवाद करने वाले, "भेड़ की गंध" वाले "चरवाहे" बनें। (प्रवचन, मार्च 28,2013) ईश्वर और लोगों को अपनी दैनिक चिंताओं के केंद्र में रखने के लिए आप अपने आप से अपने पूर्वकल्पित विचारों, महानता के अपने सपनों, अपनी आत्म-पुष्टि को हटा दें।

सुसमाचार की खुशी

संत पापा ने पुरोहितों को हमेशा व्यापक क्षितिज रखने के लिए आमंत्रित किया साथ ही  पूरी तरह से सेवा में समर्पित कलीसिया, एक अधिक भाईचारा और सहायक दुनिया का सपना देखने को कहा और इसके लिए, नायक के रूप में उन्हें अपना योगदान देना होगा। हिम्मत करने, जोखिम उठाने, आगे बढ़ने से न डरें क्योंकि वे मसीह के साथ सब कुछ कर सकते हैं जो उन्हें बल प्रदान करते हैं (सीएफ. फिलि 4:13)। उनके साथ वे आनंद के प्रेरित होकर, अपने भाइयों और कलीसिया की सेवा में होने का आभार अपने में पैदा कर सकते हैं। संत पापा ने कहा,"याजकों के रूप में, आपको "आनंद के तेल से अभिषेक किया गया है और केवल मसीह में जुड़े रहने के द्वारा ही आप एक ऐसे आनंद का अनुभव कर सकते हैं जो आपको लोगों का दिल जीतने के लिए प्रेरित करता है। पुरोहितिक आनंद अपने समय के मिशनरी के रूप में कार्य करने का स्रोत है।"

कृतज्ञता

अंत में संत पापा ने अपने अंदर कृतज्ञता विकसित करने के लिए आमंत्रित किया। संत पापा ने कहा, आप अपने और दूसरों के लिए प्रभु के प्रति आभारी बनें। आपकी दुर्बलताओं, कमजोरियों, क्लेशों के बावजूद आपके अंदर हमेशा प्यार है और जो आपको आत्मविश्वास देता है। कृतज्ञता "हमेशा" एक शक्तिशाली हथियार है जो हमें निराशा, अकेलेपन और परीक्षा के क्षणों में आशा की लौ को जलाता है।

संत पापा ने वहाँ उपस्थित सभी पुरोहितों, समुदाय के कार्यकर्ताओं, अपने परिवार के सभी लोगों साथ ही संत लुइजी देई फ्रांसेसी पल्ली के सदस्यों को कुवांरी माता मरियम की मध्यस्ता और संत लुइस की सुरक्षा में समर्पित करते हुए अपना आशीर्वाद दिया।

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07 June 2021, 14:57