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वैक्स लाइव से पोप ˸ "हमें चंगाई एवं मुक्ति के मार्ग की आवश्यकता हैं"

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को "वैक्स लाइव - दुनिया को फिर से संगठित करने के लिए संगीत" के प्रतिभागियों को एक वीडियो संदेश भेजाकर, कोविड-19 वायरस एवं व्यक्तिवाद और बंद राष्ट्रवाद के वायरस के प्रभाव से पूरी तरह चंगाई पाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 8 मई 2021 (रेई)- ग्लोबल सिटिजन ने वर्चुवल रूप में "वैक्स लाइव: दुनिया को फिर से संगठित करने के लिए संगीत", कार्यक्रम की घोषणा की जो दुनिया भर में कोविड -19 टीकाकरण को प्रोत्साहित करने का प्रयास है।

जड़ से चंगाई की आवश्यकता

संत पापा ने वीडियो संदेश में कहा, "इस बुजूर्ग से हार्दिक अभिवादन स्वीकार करें जो आपकी तरह न नाचता, न गाता है किन्तु आपके समान मानता है कि अन्याय एवं बुराई अजेय नहीं हैं।"

उन्होंने वर्तमान परिस्थिति पर गौर करते हुए कहा, "कोरोना वायरस ने सभी लोगों के जीवन को मौत और पीड़ा से प्रभावित किया है, खासकर, उन लोगों को जो सबसे कमजोर हैं। कृपया, सबसे दुर्बल लोगों को न भूलें।" उन्होंने कहा कि महामारी ने पहले के मौजूद सामाजिक एवं पर्यावर्णीय संकट को अधिक बढ़ा दिया है जैसा कि युवा हमें याद दिलाते हैं। "आप हमें याद दिलाकर अच्छा करते हैं।"   

बहुत अधिक अंधेरा एवं अनिश्चितता के सामने हमें प्रकाश एवं आशा की जरूरत है। हमें चंगाई एवं मुक्ति के मार्ग की आवश्यकता है। मैं पूरी चंगाई की बात कर रहा हूँ जो बीमारी को जड़ से ठीक करता है न कि केवल उसके लक्षण पर ध्यान देता।

व्यक्तिवाद दूसरों की पीड़ा के सामने उदासीन बना देता

बीमारी के कारण पर ध्यान देते हुए उन्होंने कहा, "बीमारी की जड़ में हम व्यक्तिवाद को पाते हैं। जो हमें मुक्त अथवा एक समान होने या भाई-बहन बनने नहीं देता बल्कि दूसरों की पीड़ा के सामने उदासीन बना देता है। इसमें एक सक्रिय वायरस है बंद राष्ट्रवाद, जो वैक्सिन के अंतरराष्ट्रीयवाद को रोकता है।"  

एक दूसरा वारिएंट है जो बाजार के नियमों या बौद्धिक संपदा को प्रेम के नियमों और मानवता के स्वास्थ्य से ऊपर रखता है। उससे भी अलग एक दूसरा वारिएंट है, "एक बीमार अर्थव्यवस्था पर विश्वास करना" और उसे "बढ़ावा देना, जो पूरी मानवता के बाकी हिस्सों की तुलना में, कुछ ही अमीर लोगों को अनुमति देता और ग्रह जो हमारा "आमघर" है उसे नष्ट करने के लिए उत्पादन और खपत के नमूने को स्वीकारता है।

सब कुछ एक दूसरे से जुड़ा हुआ  

संत पापा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सभी आपस में जुड़े हुए हैं। हर प्रकार के सामाजिक अन्याय, गरीबी में हाशिये पर रखा जाना अथवा दयनीय स्थिति, ये सभी पर्यावरण को प्रभावित करते हैं। प्रकृति एवं व्यक्ति एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।

उन्होंने कहा, "सृष्टिकर्ता ईश्वर हमारे हृदय में एक नया और उदार भावना डाल दे कि हम व्यक्तिवाद को छोड़ें एवं सार्वजनिक भलाई को बढ़ावा दें ˸ यह न्याय की भावना है जो हमें वैक्सीन के सार्वभौमिक उपयोग एवं बौद्धिक संपदा अधिकारों के अस्थायी निलंबन को सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करती है ; यह एकता की भावना है जो हमें अधिक समावेशी, निष्पक्ष और स्थायी आर्थिक मॉडल उत्पन्न करने की अनुमति देती है।"

महामारी के बाद एक बेहतर समाज

संत पापा ने गौर करते हुए कहा, "यह साफ है कि हम संकट को महसूस कर रहे हैं। महामारी ने हम सभी को संकट में डाल दिया है किन्तु हम न भूलें कि इस संकट से हम पहले की तरह नहीं, बल्कि या तो बेहतर अथवा बदतर स्थिति में बाहर निकल सकते हैं। समस्या इस बात में है कि बेहतर के लिए रास्ता की खोज करना है।"   

उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहा है, "ईश्वर जो हमारे डॉक्टर एवं बचानेवाले हैं, पीड़ितों को सांत्वना दें, मृतकों का अपने राज्य में स्वागत करें। संत पापा ने पृथ्वी के सभी तीर्थयात्रियों के लिए प्रार्थना की कि ईश्वर एक नया भाईचारा का वरदान प्रदान करें, एक वैश्विक एकात्मता दें ताकि हम उस अच्छाई और सुन्दरता को पहचान सकें जो हमारे अंदर बोया गया है तथा एकता के संबंध, संयुक्त योजनाओं एवं साझा उम्मीदों को मजबूत कर सकें।"

संत पापा ने अपने वीडियो संदेश में सभी प्रतिभागियों के प्रति अपना आभार प्रकट किया है एवं अपने लिए प्रार्थना का आग्रह किया है।

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08 May 2021, 14:30