2 मई को हुई घटना के शिकार यहूदियों को श्रद्धांजलि 2 मई को हुई घटना के शिकार यहूदियों को श्रद्धांजलि 

इज़राइल में दुखद दुर्घटना के लिए संत पापा की संवेदना

उत्तरी इजरायल में शुक्रवार तड़के दसियों हज़ारों ऑर्थोडोक्स यहूदियों के धार्मिक उत्सव में भगदड़ मचने से कम से कम 44 लोगों की मौत हो गई और लगभग 150 घायल हो गए। संत पापा ने इस एक दुर्घटना के लिए दुःख व्यक्त किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 3 मई 2021 : वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 2 मई को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया। इसके उपरांत उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर इस्राएल में हुई दुर्घटना के लिए दुःख प्रकट करते हुए कहा, "मैं इस्राएल के लोगों के प्रति अपना आध्यात्मिक सामीप्य व्यक्त करता हूँ जहाँ पिछले शुक्रवार को मेरोन पर्वत पर एक दुर्घटना हुई जिसमें 45 लोगों की मौत हो गई एवं अनेक लोग घायल हो गये। मैं इस त्रासदी के शिकार एवं उनके परिवार के सदस्यों के लिए अपनी प्रार्थना का आश्वासन देता हूँ।"

यहूदी ऑर्थोडोक्स बीओमर त्योहार पर भगदड़ के बाद राष्ट्र रविवार को राष्ट्रीय शोक दिवस रखा। उत्तरी इजरायल के मेरोन पर्वत पर 45 लोगों की मौत हो गई और लगभग 150 अन्य घायल हो गए।

अस्पताल में गंभीर रूप से घायल होने वालों की खबर से देश सदमे में है। मेरोन पर्वत पर ऑर्थोडोक्स यहूदियों के धार्मिक उत्सव के दौरान बड़ी संख्या में लोगों के एक संकीर्ण सुरंग से पार होने के उपक्रम में भगदड़ मच गई। इस अफरा-तफरी में अनेक लोग जमान पर गिर गये और लोग अपने को बचाने के लिए दूसरों को कुचल दिया।

इज़राइल ने कोरोनावायरस महामारी से संबंधित लगभग सभी प्रतिबंध हटा दिए थे और यह पहली सामूहिक धार्मिक सभा थी जिसे कानूनी रूप से आयोजित किया जाना था। अनुमान है कि इसमें लगभग 100,000 लोग मौजूद थे।

बीओमर त्योहार हजारों लोगों को आकर्षित करता है, उनमें से अधिकांश अल्ट्रा- ऑर्थोडोक्स यहूदी हैं। 2री शताब्दी के संत और सिद्धि प्राप्त रब्बी शिमोन बार योचाई जो वहां दफन हैं, उन्हें सम्मानित करने के लिए हर साल एक बड़ी भीड़ पारंपरिक रूप से प्रकाश अलाव, प्रार्थना और उत्सव के भाग के रुप में नृत्य करती है।

अधिकारियों का कहना है कि यह देश की सबसे घातक नागरिक आपदाओं में से एक है। अब तक की मौत, 2010 की जंगल की आग में मारे गए लोगों की संख्या के बराबर है, जो देश के इतिहास में सबसे घातक नागरिक त्रासदी माना जाता है।

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03 May 2021, 16:06