तौकते तुफान से पहले सुरक्षित स्थान की ओर भागती हुई गुजरात की महिलाएँ तौकते तुफान से पहले सुरक्षित स्थान की ओर भागती हुई गुजरात की महिलाएँ 

संत पापा द्वारा भारत में महिला स्वास्थ्य केंद्र को दान

संत पापा फ्राँसिस ने विकास, शिक्षा और सहयोग के एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र शांति आश्रम केंद्र के लिए धन जुटाने हेतु काथलिक विश्वविद्यालय और अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता के लिए विश्वविद्यालय केंद्र द्वारा प्रचारित "मैराथन फॉर सॉलिडेरिटी" (एकजुटता के लिए मैराथन) को अपना समर्थन दिया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 17 मई 2021 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने भारत के कोयंबटूर में शांति आश्रम महिला स्वास्थ्य और सामाजिक केंद्र के समर्थन में लगभग 20 हजार यूरो का दान दिया है। महिला उद्यमियों के लिए एक खाद्य बैंक और चिकित्सा सहायता और प्रशिक्षण सुविधाओं के माध्यम से, शांति आश्रम तमिलनाडु राज्य में कोयंबटूर शहर के आसपास के गांवों में 50,000 बच्चों और उनके परिवारों की सहायता करता है।

संत पापा की ओर से परमधर्मपीठीय कोष के दानदाता कार्डिनल कोनराड क्रेजेवस्की, शनिवार को प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञों और बाल रोग विशेषज्ञों के एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन सम्मेलन के बाद संत पापा फ्राँसिस के उपहार की घोषणा की, जिसका उद्देश्य शांति आश्रम के लिए 60 हजार यूरो जुटाना है।

"मैराथन फॉर सॉलिडेरिटी" धन जुटाना काथलिक विश्वविद्यालय रोम परिसर में स्त्री रोग और प्रसूति के प्रोफेसर अंतोनिया टेस्टा की प्रेरणा थी। दो साल पहले, भारत की यात्रा के दौरान, उनकी मुलाकात शांति आश्रम के अध्यक्ष, बाल रोग विशेषज्ञ केज़ेविनो अराम से हुई थी।

प्रोफेसर टेस्टा कहती हैं, "जनवरी में, केज़ेविनो ने मुझसे मदद के लिए अनुरोध किया था।" उसने मुझसे कहा, "आठ महीने के लॉकडाउन के बाद,  'हमने अपने सभी संसाधनों को समाप्त कर दिया है, मैंने इतनी गरीबी कभी नहीं देखी।' चूंकि केज़ेविनो ने भविष्य को अंदाज कर कहा कि जून 2021 से पहले स्थिति का समाधान नहीं होगा। मई में वह कम से कम अगले पांच महीनों के लिए सहायता और देखभाल के काम की लागत को पूरा करने के लिए आर्थिक सहायता की तलाश में है।

प्रोफेसर टेस्टा ने "मैराथन फॉर सॉलिडेरिटी" की उत्पत्ति की व्याख्या की। " शांति आश्रम की मदद करने के लिए, मैंने सहकर्मियों और व्यवसायों को 'एकजुटता के लिए स्त्री रोग मैराथन' में शामिल करने का फैसला किया, जो लगभग 10 घंटे तक चलने वाला एक आभासी कार्यक्रम था, जिसमें संवाद और अनुभव साझा करना शामिल था। इस महामारी संकट में भारतीय समुदायों के विकास का समर्थन करने के लिए, लगभग बीस सहयोगियों ने इस परियोजना को अपनाया। फरवरी के अंत से भारत में संक्रमण और मौतों में तेजी से वृद्धि हुई है।”

शनिवार के आयोजन ने लगभग ४० हजार यूरो जुटाए, जो उनके लक्ष्य से काफी कम था। लेकिन सम्मेलन के बाद एक आश्चर्यजनक फोन कॉल में, कार्डिनल क्रेजेवस्की ने प्रोफेसर टेस्टा को बताया कि संत पापा ने इस अंतर को दूर करने के लिए दान देने का फैसला किया, जिससे शांति आश्रम दक्षिण भारत के लोगों के लिए अपना काम जारी रख सके।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

17 May 2021, 14:53