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आम दर्शन समारोह के दौरान संत पापा फ्राँसिस विश्वासियों से मिलते हुए आम दर्शन समारोह के दौरान संत पापा फ्राँसिस विश्वासियों से मिलते हुए 

हमारा जीवन व दुनिया का इतिहास ईश्वर के हाथों में, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने बुधवारीय आम दर्शन समारोह के अंत में पोलिश भाषी विश्वासियों का अभिवादन कर संत पापा जॉन पॉल द्वितीय पर हुए हमले की 40वीं वर्षगांठ को याद किया। मई का महीना, विशेष रूप से ईश्वर की माँ को समर्पित है, संत पापा ने सभी से रोजरी प्रार्थना मैराथन प्रार्थना में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित किया। माता मरियम हर एक की और उनके परिवारों की देखभाल करती है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 12 मई 2021 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने अक्सर विश्वासियों को कुवांरी माता मरियम की ओर मुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उनकी हर किसी से कामना है कि माता मरियम की भक्ति और आदर करने के विभिन्न रूप, विशेष रूप से रोज़री की प्रार्थना करना, विश्वास के मार्ग पर चलने और ख्रीस्तीय गवाही देने में मदद करेगा।

संत पापा ने संत पापा जॉन पॉल द्वितीय पर हुए हमले की 40वीं वर्षगांठ को याद किया।

संत पापा ने पोलिश भाषी विश्वासियों से कहा "मैं आपका हार्दिक अभिवादन करता हूँ। कल फातिमा की माता मरियम का त्योहार है, साथ ही संत पापा जॉन पॉल द्वितीय पर हुए हमले की 40 वीं वर्षगांठ भी है। उन्होंने खुद इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने फातिमा की माता मरियम के चरणों में अपना जावन समर्पित किया है। यह घटना हमें इस बात का एहसास कराती है कि हमारा जीवन और दुनिया का इतिहास हमेशा ईश्वर के हाथों में है। आइए, हम निष्कलंक कुवांरी माता मरियम के चरणों में खुद को, कलीसिया को और पूरी दुनिया को सौंपें। आइए, हम शांति के लिए, महामारी के अंत के लिए, तपस्या की भावना के लिए और अपने हृदय परिवर्तन के लिए प्रार्थना करें।”

महामारी के अंत के लिए रोजरी प्रार्थना

अपनी धर्मशिक्षा के अंत  में संत  पापा फ्राँसिस ने महामारी के अंत और सामाजिक और कार्य गतिविधियों को फिर से शुरू करने की संभावना हेतु पूरे विश्व की प्रमुख मरियम तीर्थालयों द्वारा निर्देशित मई महीने की रोजरी माला प्रार्थना, "मैराथन" प्रार्थना के संलग्न होने के लिए विश्वासियों को प्रोत्साहित किय।

आज रोजरी माला का प्रसारण अल्जीया में अफ्रीका की माता मरियम महागिरजाघर से किया जाएगा। प्रार्थना का मतलब है,"उन सभी के लिए प्रार्थना करना, जो अकेले रहते हैं और जिन्होंने आशा खो दी है।"

समारोह के अंत में संत पापा फ्राँसिस ने दामासियुस प्रांगण में उपस्थित सभी विश्वासियों को अपना आशीर्वाद दिया।

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12 May 2021, 14:56