संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

संत इग्नासियुस आध्यात्मिक साधना किताब हेतु पोप की प्रस्तावना

फादर मिगुएल एंजेल फियोरिटो ने "ईश्वर की इच्छा की तलाश और खोज" किताब लिखी और संत पापा फ्राँसिस ने इस किताब की प्रस्तावना लिखी। आध्यात्मिक फ्लैशकार्ड से बना, यह किताब लोयोला के संत इग्नासियुस के आध्यात्मिक साधना के लिए एक व्यावहारिक मार्गदर्शक है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 10 मई 2021 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को एक वीडियो संदेश में, "ईश्वर की इच्छा की तलाश और खोज" पर अपने कुछ चिंतन साझा किया। इस किताब को फादर मिगुएल एंजेल फियोरिटो ने लिखा है और संत पापा फ्राँसिस ने इसकी प्रस्तावना लिखी।

संत पापा ने कहा, "संक्षिप्त प्रस्तावना का संकेत शब्द ‘मदद’ है इसी के साथ मिगुएल ने हमें अपनी पुस्तक का परिचय कराया। यह संत इग्नासियुस की आध्यात्मिक साधना की आत्मा में प्रवेश करने का एक वास्तविक खजाना है।"

स्वतंत्रता के लिए आध्यात्मिक मदद

संत पापा ने कहा, "फियोरिटो दो बार जोर देकर कहते हैं कि उनकी मदद केवल एक बिंदु तक है। लेखक की अपनी सीमाओं के बारे में स्वीकृति और जागरूकता हमें बताती है कि दूसरे की स्वतंत्रता का सम्मान और विश्वास के भाव उनमें कितने गहरे हैं।"

संत पापा फ्राँसिस ने समझाया कि इसमें, फियोरिटो की मदद उस बिंदु पर जाती है जहां अन्य, अपनी स्वतंत्रता में, खुद को मदद करने की अनुमति देता है, इसलिए, मदद "एक विवेकशील दान द्वारा निर्देशित एक समर्थन है, जो सीमाओं का दुरुपयोग किए बिना, जानता है कि उन इच्छाओं को भी कैसे पाया जाए, जिन पर अनुग्रह निर्भर करता है।

संत पापा फ्राँसिस ने जोर देकर कहा, "आध्यात्मिक मदद स्वतंत्रता के लिए मदद है।"

आध्यात्मिक फ्लैशकार्ड

संत पापा फ्राँसिस तब आगे बताते हैं कि यह पुस्तक आध्यात्मिक "फ्लैशकार्ड" से बनी है जिसमें फियोरिटो ने वह सब कुछ डाला जो लेखकों में मददगार था। कुछ तरीकों में यह आध्यत्मिक साधना महीने की साधना है, जिसका अर्थ है कि उसने उन सबको उद्धृत किया जो लेखकों के लिए सबसे अच्छा था।"

संत पापा ने पुष्टि की कि फियोरिटो का 'आध्यात्मिक फ्लैशकार्ड' एक साहित्यिक शैली है जो अपने आप में मूल है।" नोट्स में लिखे गए विषयों को क्षैतिज शीट पर कभी-कभी बिना किसी मार्जिन के फिट करना पड़ता था,  ताकि इसे एक पंक्ति में पढ़ा जा सके। इन छोटे, दिलचस्प और व्यावहारिक लेखन में, फियोरिटो ने "अन्य लेखकों के अपने स्वयं के ग्रंथों का निर्माण किया, उनका स्वतंत्र रूप से उपयोग करते हुए, उन पर टिप्पणी करते हुए, उनकी व्याख्या की।"

संत पापा ने आगे कहा कि इस समृद्ध सामग्री को आसान फ्लैशकार्ड में परिवर्तित करना "चिंतन और विवेक के लंबे काम का परिणाम है।" इसलिए, " संत इग्नासियुस ने साधना को फल प्राप्त करने का माध्यम कहा है जो हमारी भलाई के लिए है - फियोरिटो के हाथों में, एक कटे हुए फल में तब्दील हो जाता है और जिसे खाने के लिए वितरित किया जाता है आध्यत्मिक साधना करने वाले को साधना के प्रत्येक चरण का आत्मसात करना चाहिए।"

आध्यात्मिक साधना देने और करने वाले दोनों को सहायता प्रदान करने के लिए लिखी गई इस पुस्तक को, संत पापा फ्राँसिस पाठकों को इसे पढ़ने और उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जिसमें उन्होंने लिखा था, अनुक्रमणिका और अभ्यास के पाठ जो प्रकाशन को समृद्ध करते हैं।

सुधार और अनुरूपता

संत पापा फ्राँसिस बताते हैं कि इसका उद्देश्य "स्वयं को आत्मा की भावना को महसूस करने के लिए और अपने स्वयं के जीवन के सुधार के माध्यम से ईश्वर की इच्छा को तलाश करने के लिए समय देना है।"

उन्होंने समझाया कि "सुधार की अवधारणा का विस्तार किया जा रहा है।" आध्यात्मिक साधना में, "सुधार" केवल इस बात से नहीं था कि जो एक बार विकृत हो गया था, बल्किसुधार ’वह भी है जो नया है।

"एक नया रूप लेने के लिए: जो नया है, उसके अनुरूप, जिसके पास जीवन है, उसके पास एक शैली है, प्रभु के मापदंड और विकल्प हैं। सुधार में एक कार्यात्मक चरित्र नहीं है, और न ही आत्म-पूर्णता, बल्कि जीवन में हम में से प्रत्येक के बुलाहट का उद्देश्य मिशन है। ”

संत पापा फ्राँसिस ने संत पेत्रुस के उदाहरण को याद किया, प्रभु ने उसे हमेशा अपना अनुसरण करने को कहा और पेत्रुस ने हमेशा पापी होने की बात कबूल की। उन्होंने रेखांकित किया कि हमारे प्रभु ने उन्हें सब कुछ में नहीं, बल्कि पुरुषों के मछुए बनने और अपनी भेड़ों को चराने के लिए निपुर्ण बनाया।

“प्रभु अपने पिछले जीवन से उसके साथ किए गए सभी दोषों को सुधारने के लिए पेत्रुस से नहीं पूछा लेकिन "सुसमाचार का प्रचार करने के लिए खुद से बाहर जाने के लिए आमंत्रित किया। एक मिशन जिसमें अतीत की कुछ चीजों के संबंध में और दूसरों के संबंध में इतना नहीं कहा जाएगा।"

उन्होंने कहा, सुसमाचार के इस मॉडल के अनुसार, "फोकस और साधना के आंतरिक रूप, जैसा कि फियोरिटो कहते हैं, जानने की आंतरिक क्रिया में शामिल है, विवेक के माध्यम से, ईश्वर हमारे आध्यात्मिक जीवन में रहेंगे।"

समापन करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने उम्मीद जताई कि साधना के लिए छोटे नोटों के अपने आयाम में यह पुस्तक, लिखा गया है, "उन सभी के जीवन में सुधार लाने में मदद करेगा जो आध्यात्मिक साधना करना चाहते हैं।"

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10 May 2021, 20:55