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विश्व बैंक दल एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की वर्चुवल सभा का बैनर विश्व बैंक दल एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की वर्चुवल सभा का बैनर  

विश्व बैंक दल एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने विश्व बैंक दल एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष 2021 की सभा के प्रतिभागियों को एक पत्र भेजा और आशा व्यक्त की कि सभा में विचार-विमर्श द्वारा कोविड-19 महामारी से उत्पन्न विभिन्न संकटों के बीच पुनःनिर्माण करने, अधिक समावेशी होने एवं सतत् समाधान हेतु सुधार के प्रतिमान को सहयोग दिया जा सकेगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सटी, बृहस्पतिवार, 8 अप्रैल 21 (रेई)- पत्र को संत पापा ने समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल पीटर टर्कसन के माध्यम से भेजा।

समान किन्तु समावेशी

संत पापा ने कहा, "पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण हमारा विश्व कई गंभीर एवं सामाजिक, आर्थिक, पारिस्थितिक और राजनीतिक संकटों का सामना कर रहा है। मेरी आशा है कि विचार-विमर्श सुधार का एक प्रतिमान प्रदान करेगा जो वास्तविक अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए नए, अधिक समावेशी और स्थायी समाधान तैयार करने में सक्षम होगा तथा व्यक्तियों और समुदायों को उनकी गहरी आकांक्षाओं और सार्वभौमिक सामान्य अच्छाई को प्राप्त करने में सहायक होगा। पुनर्प्राप्ति की धारणा आर्थिक और सामाजिक जीवन के एक असमान और अरक्षणीय मॉडल की  वापसी से संतुष्ट नहीं हो सकती, जहां दुनिया की आबादी की एक छोटी संख्या इसकी आधी संपत्ति का मालिक हो।"

संत पापा ने कहा कि सभी स्त्री और पुरूष समान बनाये गये हैं जबकि मानव परिवार में हमारे बहुत सारे भाई बहन, खासकर, समाज के हाशिये पर जीवन यापन करनेवाले लोग आर्थिक जगत से बहिष्कृत होते हैं। हालांकि, महामारी ने हमें याद दिलायी है कि कोई भी अकेला नहीं बच सकता। यदि हमें इस परिस्थिति से बेहतर, अधिक मानवीय एवं एकात्मक रूप से बाहर निकलना है, तो एक नया और रचनात्मक समाज का निर्माण करना होगा जो राजनीतिक एवं आर्थिक सहभागिता में गरीबों की आवाज के प्रति सचेत एवं संवेदनशील हो तथा आम भविष्य के निर्माण में उन्हें भी शामिल किया जाए। संबंधों का निर्माण तभी किया जा सकता है जब मुलाकात की संस्कृति को विकसित किया जाए जिसमें सभी की आवाज सुनी जा सके, सभी बढ़ सकें, संपर्क के बिंदुओं को पा सकें, पुलों का निर्माण किया जा सके, और दीर्घकालिक परियोजनाओं की कल्पना की जा सके।    

 वैश्विक योजना की जरूरत

संत पापा ने संकट से उबरने के लिए सामूहिक प्रयास पर जोर देते हुए कहा कि कई देश जब व्यक्तिगत रूप से सुधार योजना बना रहे हैं एक वैश्विक योजना की अति आवश्यकता है जो नए या मौजूदा संस्थानों को पुनर्जीवित कर सके, खासकर, सभी लोगों के अभिन्न मानव विकास को आगे बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का एक नया नेटवर्क बनाने में मदद कर सके। इसका अर्थ है गरीब एवं कम विकसित देशों को निर्णय लेने में प्रभावी मदद करना एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार की पहुँच की सुविधा देना। कई देशों एवं समुदायों को ऋण से राहत देना, आज गहरी मानवीय भावना है जो विकास करने एवं वैक्सिन, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं नौकरी पाने में मदद दे सकता है।   

संत पापा ने "पारिस्थितिक ऋण" की भी याद दिलायी। उन्होंने कहा, "हम वास्तव में मानव-प्रेरित पारिस्थितिक क्षरण और जैव विविधता की हानि से प्रभावित लोगों और देशों के साथ-साथ, प्रकृति के प्रति भी ऋणी हैं।

उन्होंने कहा कि आर्थिक, वित्तीय और सामाजिक एकजुटता के प्रति प्रतिबद्धता उदारता के छोटे कार्यों में संलग्न होने की तुलना में बहुत अधिक है। इसका अर्थ है समुदाय के लिए सोचना और कार्य करना। गरीबी, असमानता, रोजगारी, भूमि और आवास की कमी, सामाजिक और श्रम अधिकारों से वंचित करने के संरचनात्मक कारणों का सामना करना है ... एकजुटता को इसके सबसे गहरे अर्थ में समझना, इतिहास बनाने का एक तरीका है।

संत पापा ने कहा कि यह समय बाजार को समझने का है। बाजारों को कानूनों और विनियमों द्वारा रेखांकित किया जाना चाहिए, जो यह सुनिश्चित करें कि वे आमहित के लिए काम करते हैं, यह गारंटी देते हैं कि वित्त - केवल सट्टा या वित्त पोषण होने के बजाय - सामाजिक वैश्विक लक्ष्यों के लिए काम करता है जो वर्तमान वैश्विक स्वास्थ्य सेवा आपातकाल के संदर्भ में बहुत आवश्यक है।

हमारे आमघर के लिए एक भविष्य

संत पापा ने सभी सरकारी अधिकारियों, व्यापारियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अपील की है कि वे सभी लोगों को वैक्सिन प्रदान करने के लिए एक साथ कार्य करें, खासकर, सबसे कमजोर एवं जरूरतमंद लोगों पर ध्यान देते हुए।  

उन्होंने प्रतिभागियों से आशा व्यक्त की कि इन दिनों हो रही उनकी औपचारिक सभा और व्यक्तिगत मुलाकात, अधिक समावेशी एवं सतत् भविष्य के निर्माण हेतु विवेकशील निर्णय लेने में मदद देगी।

संत पापा ने सभी प्रतिभागियों को अपनी प्रार्थनामय शुभकामनाएँ अर्पित की तथा उनपर ईश्वर की प्रज्ञा की आशीष, भली सलाह, शक्ति एवं शांति की कामना की।  

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08 April 2021, 16:19