पवित्र साक्रामेंत पवित्र साक्रामेंत 

पोप फ्राँसिस ने युवावस्था में यूखरीस्तीय आराधना के प्रति प्रेम की याद की

संत पापा फ्राँसिस ने अर्जेंटीना में अल्फा और ओमेगा काथलिक साप्ताहिक दल को एक हस्त लिखित पत्र भेजा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 8 अप्रैल 21 (रेई)- संत पापा फ्राँसिस ने एक फोटो एवं 1950 के दशक के रिकोर्ड में अपने नाम और नम्बर को प्राप्त करने के बाद स्पानी काथलिक साप्ताहिक दल अल्पा और ओमेगा को एक पत्र लिखा।

रिकोर्ड बतलाता है कि एक युवा के रूप में पोप फ्राँसिस उन विश्वासियों में से एक थे जिन्होंने अर्जेंटीना के बोएनोस आयरेस में पवित्र संस्कार के महागिरजाघर की लगातार भेंट की थी।  

फोटो में संत पापा "जॉर्ज बेरगोलियो" का नाम 84 पृष्ट संख्या के 195 नम्बर पर आता है उसी पृष्ट पर उनके भाई "ऑस्कर बेरगोलियो" का नाम भी अंकित है।

युवावस्था से ही यूखरिस्तीय आराधना के प्रति प्रेम

संत पापा फ्राँसिस ने स्पानी साप्ताहिक को लिखे अपने पत्र में कहा है, "मैं पवित्र संस्कार की आराधना महागिरजाघर में रात्रि आराधना पर किताब की फोटोकॉपी से प्रभावित हुआ।"

बोएनोस आयरेस अपने घर फ्लोरेस के निकट संत पापा फ्राँसिस एक युवा के रूप में 1954 और 1955 में अक्सर बस द्वारा अपने भाई के साथ महागिरजाघर जाते थे।

यहीँ उन्होंने "वेनिते अदोरेमुस" (आओ हम उसकी आराधना करें) को सुना था, जब रात्रि आराधना के दौरान बारी बदलते हुए "वेनिते आदोरेमुस" शब्द से अगले व्यक्ति को याद दिलाया जाता था कि उन्हें आराधना के लिए जाना है।

संत पापा ने पत्र में यह भी बतलाया है कि उस समय शाम के वक्त मिस्सा नहीं होती थी, अतः कई लोग शनिवार शाम को ही महागिरजाघर आ जाते थे।  

दयालु पुरोहित के उदाहरण से प्रेरित

"आराधना की शुरूआत फादर अरिस्ती के उपदेश के बाद करीब 9.00 बजे शुरू होती थी।"

उस समय से ही युवा जॉर्ज बेर्गोलियो ख्रीस्तीय जीवन जी रहे थे और जैसा कि वे अपने पत्र में लिखते हैं, "फ्लोरेस के संत जोसेफ (पोप की पल्ली) से अनुभव कर चुके थे।"

मार्च 2014 में रोम में एक पुरोहित के साथ मुलाकात में पोप फ्राँसिस ने बतलाया था कि फादर अरिस्ती उनके पापमोचक एवं एक दयालु पुरोहित के आदर्श उदाहरण थे। साक्रामेंटाईन पुरोहित फादर जोश रामोन अरिस्ती एक प्रधानाध्यापक एवं एक प्रोफेसर के रूप में सेवा दे रहे थे। वे एक लोकप्रिय पापमोचक भी थे। पवित्र साक्रमेंत महागिरजाघर में उनके पास पापस्वीकार करने के लिए लोगों की लम्बी लाईन रहती थी।  

संत पापा ने पुरोहितों को यह भी बतलाया था कि जब कभी उनके मन में कोई अप्रिय विचार आता है तो वे एक छोटी कपड़े की थैली को छूते हैं जिसमें क्रूस है जो फादर अरिस्ती की रोजरी से जुड़ा था जिसके साथ उन्हें दफनाया गया था। "और में कृपा का अनुभव करता हूँ। मैं इसे लाभदायक महसूस करता हूँ। उस दयालु पुरोहित का उदाहरण मुझे घावों की ओर खींचता है।"

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08 April 2021, 16:30