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12.05.2019  संत पेत्रुस महागिरजाघर में पुरोहिताभिषेक 12.05.2019 संत पेत्रुस महागिरजाघर में पुरोहिताभिषेक 

संत पापा के हाथों रोम के नौ धर्मप्रांतीय पुरोहितों का अभिषेक

अगले रविवार को संत पापा फ्राँसिस संत पेत्रुस महागिरजाघर में विभिन्न राष्ट्रों के नौ पुरोहितों के अभिषेक समारोह की अध्यक्षता करेंगे। इन्होंने रोम के कैपिटोलिन कॉलेजों और सेमिनरियों में प्रशिक्षण पाया है। पुरोहिताभिषेक समारोह वाटिकन मीडिया, टेलेपाचे और टीवी2000 पर सीधा प्रसारित किया जाएगा।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 19 अप्रैल 2021 (वाटिकन न्यूज) : पुरोहिताभिषेक प्राप्त करने वालों में छः पोंटिफ़िकल रोमन मेजर सेमिनरी, दो रेडेम्टोरिस मातेर डायोसेसन कॉलेज और एक मादोन्ना देल दिविनो अमोरे सेमिनरी से है। रोम धर्मप्रांत के इन संस्थानों में इन्होंने अपना प्रशिक्षण पाया और रविवार 25 अप्रैल को संत पापा फ्राँसिस के हाथों उनका पुरोहिताभिषेक किया जाएगा। इन दिनों वे आध्यत्मिक प्रार्थना उपवास में हैं।

 डॉन बॉस्को के संकेत में

एक बयान में, धर्मप्रांत के विकर ने हर एक के जीवन और बुलाहट पर अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। मूल रूप से रोमानिया के रहने वाले जॉर्ज मारियुस बोगदान, सेंट जॉन बॉस्को की कहानी से प्रेरित होकर पुरोहित बनने की इच्छा के बारे में बताते हैं। सलेसियन संस्थापक भी 32 वर्षीय कालब्रिया के सल्वातोरे मार्को मोंटोन की बुलाहट कहानी को चिह्नित करते हैं। उसने अपने बपतिस्मा के दिन को संदर्भित किया, कि बपतिस्मा धर्मविधि के दौरान बच्चों को ढकने का सफेद कपड़ा समाप्त हो गया था तो पुरोहित ने उसे अपने सफेद स्टॉल से ढंक दिया था।

मुड़ा हुआ आस्तीन

साल्वातोरे मार्को ने बचपन में स्पीज़ानानो अल्बनीस के प्रार्थना गृह में एक रात को "पवित्र संस्कार की आराधना के समय अपनी बुलाहट को पहचाना। धर्मप्रांतीय कारितास के माध्यम से वह गरीबों तक पहुँच सकता है। वह रोम की कलीसिया का हाथ है जो गरीबों तक पहुँच सकता है। इसी तरह 27 वर्षीय कोलम्बियाई डिएगो अरमांडो बैरेरा पारा का अनुभव था। वह युवा अवस्था से ही स्वयंसेवक के रुप में किशोरों के जेल में और नशीली दवाओं की लत में पड़े लोगों की मदद करता था। "वहाँ उसे अपने पड़ोसी की मदद करने और हमेशा के लिए सेवा करने की इच्छा पैदा हुई थी।"

मुफ्त प्यार

नौ डीकनों में सबसे छोटा रोम का 26 वर्षीय मानुएल सेच्ची, तोरे एंजेला पल्ली में बड़ा हुआ था, जहां समुदायिक कार्यकलापों और सुंदर अनुभवों ने उसके बुलाहट को पोषित किया। 43 वर्षीय सल्वातोरे लुचेसी सिसिली का है,उसने  किशोरावस्था में ही अपने बुलाहट को महसूस किया और फिर विश्वविद्यालय की पढ़ाई के लिए रोम आया। उसने अपने बुलाहट को फिर से अनुभव किया ईश्वर ने उनके जीवन को मुफ्त प्यार और अनुग्रह से भर दिया है। ईश्वर उसके साथ है परंतु वह उससे कुछ भी मांग नहीं करता।

फुटबॉल बाद में आता है

29 वर्षीय ब्राज़ीलियाई मतियस एनरिक अताइद दा क्रूज़ हैं, जो सात साल से रोम के आवर लेडी ऑफ डिवाइन लव की सेमिनरी में हैं। 15 साल की उम्र में वह एक बुजुर्ग को पीसी सीखने में मदद किया। उसके साथ प्रार्थना और रोजरी माला प्रार्थना करता था। पहले तो उसने प्रार्थना को बाहरी मन से या थोपने के रूप में अनुभव किया, फिर बाद में वह एक आवश्यकता बन गई।" फिर एक चालीस वर्षीय रिकार्डो सेंदामो है, जिसने एक निदेशक बनने का सपना लेकर कुछ वर्षों तक नौकरी किया। परंतु उसने अनुभव किया कि उसके जीवन का मार्ग कुछ और है।  28 साल के सामुएल पियारमिनी, रोम के एक भावी फुटबॉलर, जो अनुबंध से एक कदम दूर था, वह  कोच से कहता है कि वह बुरा न माने। कहानी पूरी तरह से बदल गई है। आदेश के बारे में सोचते हुए, वे कहते हैं, "मैं समय नहीं देखता!"

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19 April 2021, 15:34