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सासिया का सांतो स्पीरितो गिरजाघर के अंदर दिव्य करुणा का  श्राइन सासिया का सांतो स्पीरितो गिरजाघर के अंदर दिव्य करुणा का श्राइन 

दिव्य करुणा, "स्वार्थ के वायरस के खिलाफ टीका"

दूसरी बार कल रविवार को संत पापा फ्रांसिस, संत फौस्तिना कोवाल्स्का को समर्पित तीर्थालय सासिया के पवित्र आत्मा को समर्पित गिरजाघर में पवित्र मिस्सा का अनुष्ठान करेंगे। वाटिकन न्यूज के अनुसार, तीर्थालय के संचालक, मोन्सिन्योर बार्ट कहते हैं: हम कठिन समय में जी रहे हैं, लेकिन यह एक ऐसा दिन है जिसमें मानवता के उपर ईश्वर की करुणा की आशीष बरसेगी।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 10 अप्रैल 2021 (वाटिकन न्यूज) : इस विशेष रविवार को, संत पापा फ्रांसिस पिछले साल की तरह सासिया के सांतो स्पीरितो गिरजाघर में पवित्र मिस्सा का अनुष्ठान करने आ रहे हैं। कल 10.30 बजे, कोविद विरोधी नियमों के अनुपालन में करीब 80 लोग पवित्र मिस्सा में भाग ले पायेंगे। इनमें दया के मिशनरी पुरोहित, रोम स्थित रेजीना चेली जेल, रेबिब्या महिला जेल तथा कासा देल मार्मो जेल से चुने गये कुछ कैदी और मध्य पूर्व व अफ्रीका के कुछ लोग मौजूद रहेंगे।

इनमें सीरिया, नाइजीरिया और मिस्र के युवा शरणार्थी भी शामिल हैं, जिनमें मिस्र के दो लोग हैं जो कॉप्टिक कलीसिया से हैं और एक सीरियाई काथलिक कारितास का स्वयंसेवक है। सासिया में सांतो स्पिरितो अस्पताल की कुछ नर्सें भी उपस्थित रहेंगीं।

पवित्र मिस्सा के अंत में तीर्थालय से ही संत पापा फ्राँसिस देवदूत प्रार्थना का पाठ करेंगे।

सिस्टर फौस्तिना कोवाल्स्का

"मुझे खुशी है कि मेरा मिशन मेरी मृत्यु के साथ समाप्त नहीं होगा, लेकिन शुरू होगा।" सिस्टर फौस्तिना कोवाल्स्का द्वारा डायरी में लिखे गए ये शब्द वास्तव में उन घटनाओं के प्रकाश में भविष्यवाणी करते हैं जो इस विनम्र धर्मबहन की मृत्यु बाद हुईं, जिन्हें स्वंय येसु ने दर्शन देकर, रहस्योद्घाटन, अपने छिपे हुए स्टिगमाटा (घाव) ईश्वर के साथ रहस्यमय मिलन को प्रकट किया था। सिस्टर फौस्तिना ने "आत्मा की अंधेरी रात" के दर्दनाक रहस्यमय क्षणों का भी अनुभव किया था। 1905 में पोलैंड के गोगोविच गांव में एक किसान परिवार में उनका जन्म हुआ। 1938 में सिस्टर फौस्तिना, 33 साल की उम्र में क्राकोव के लेगिविन्की कोनवेंट में मृत्यु हो गई। उसने दया की धन्य कुवांरी मरियम के धर्मबहनों के धर्मसमाज के विभिन्न घरों में एक रसोइया, माली और द्वारपालिका के रूप में काम किया। कुछ ही पापस्वीकार सुनने वाले पुरोहित और कुछ लोग ही उसके रहस्यमय जीवन के बारे में जानते थे। आज येसु द्वारा उसे दिया गया दया का संदेश पूरी दुनिया में जाना जाता है। ʺईश्वरीय करुणा ईश्वर की असीम दया की भक्ति है,ʺ नब्बे साल पहले संत फौस्तिना कोवाल्स्का ने विश्वव्यापी कलीसिया को दिया।

येसु की इच्छा पर यह त्योहार  

21 साल पहले 30 अप्रैल 2000 को, जिस दिन संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने सिस्टर फौस्तिना को संत घोषित किया, उसी दिन याने पास्का रविवार के दूसरे रविवार को करुणा रविवार के रुप में घोषित किया। संत पापा ने उन शब्दों को याद किया जिन्हें संत फौस्टिना ने सुना था, "आप जिस छवि को देख रही हैं उसका चित्र बनायें और उसके नीचे लिखें: येसु, मुझे आप पर भरोसा है। मैं चाहता हूँ कि इस छवि की पहले आपके प्रार्थनालय में और फिर दुनिया भर में वंदना की जाए।" (डायरी 47) आज दयालु प्रभु की भक्ति पूरे विश्व में फैल गई है। वे विश्वासियों के दिलों में जीवित है।

 22 फरवरी, 1931 को प्रभु येसु ने संत फौस्तिना कोवाल्स्का को ईश्वरीय करुणा का विशेष संदेश सौंपते हुए खुद को पहली बार प्रकट किया था।  संत पापा फाँसिस ने इस पहले रहस्योद्घाटन की 90वीं वर्षगांठ के समारोह के दिन 22 फरवरी को पोलॉक के धर्माध्यक्ष पिओट लिबरा को संबोधित करते हुए अपने पत्र में पोलॉक धर्मप्रांत के सभी विश्वासियों को अभिवादन किया और आध्यात्मिक रूप से दिव्य करुणा के तीर्थालय में मीडिया के माध्यम से प्रार्थना में भाग लेने वाले सभी लोगों के प्रति अपनी निकटता व्यक्त किया। 

‘दया का वरदान मांगें’

इस अवसर पर संत पापा ने संत फौस्तिना की डायरी में लिखे प्रभु के दूसरे शब्दों को भी याद किया, "मानवता को शांति का पता नहीं चलेगा जब तक कि वह मेरी दया के स्रोत की ओर नहीं मुड़ती।" (डायरी 699) संत पापा ने सभी को प्रोत्साहित करते हुए कहा, ʺआइए, इस स्रोत की ओर मुड़ें। हम मसीह से दया का वरदान मांगें। वे हमें अपनी बाहों में ले लें। हम येसु के पास लौटने का साहस करते हैं, संस्कारों में हम उनके प्यार और दया को ग्रहण करें। जब हम उनकी निकटता और कोमलता को महसूस करते हैं तो हम भी दया, धैर्य, क्षमा और प्रेम के लिए अधिक सक्षम होंगे।ʺ

संत पापा ने करुणा के प्रेरित संत पापा जॉन पॉल द्वितीय को भी याद किया जिनकी इच्छा थी कि ईश्वरीय करुणा का संदेश पूरे विश्व में फैल जाये।

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10 April 2021, 14:16