मार्च की प्रार्थना की प्रेरिताई में मेल-मिलाप संस्कार
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
"जब मैं पापस्वीकार के लिए जाता हूँ, यह मेरी चंगाई के लिए है, मेरी आत्मा की चंगाई के लिए।
अधिक स्वस्थ आध्यात्मिकता के साथ निकलने के लिए। दयनीय स्थिति से करुणा की ओर बढ़ने के लिए।
पापस्वीकार का केंद्र पाप नहीं है जिसको हम बतलाते हैं बल्कि ईश्वरीय प्रेम है जिसको हम ग्रहण करते हैं उसकी हमें सदा जरूरत है।
पापस्वीकार के केंद्र में येसु हैं जो हमारी प्रतीक्षा करते, हमें सुनते एवं हमें क्षमा करते हैं।
याद रखें ˸ ईश्वर के हृदय में हमारी गलतियों से पहले हम हैं।
प्रार्थना करें ताकि हम मेल-मिलाप के संस्कार को नवीकृत गहराई से अनुभव कर सकें,
ईश्वर की क्षमाशीलता एवं असीम करुणा का रसास्वादन करने के लिए।
और हम प्रार्थना करें कि ईश्वर अपनी कलीसिया को दयालु पुरोहित प्रदान करें, न कि सतानेवाले।"
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