संत पापा फ्राँसिस के विश्व पत्र फ्रातेल्ली तूत्ती का प्रस्तुतिकरण 4 अक्टूबर 2020 संत पापा फ्राँसिस के विश्व पत्र फ्रातेल्ली तूत्ती का प्रस्तुतिकरण 4 अक्टूबर 2020 

रूसी में "फ्रतेल्ली तूत्ती" भाईचारा को बढ़ावा देगा, संत पापा

संत पापा फ्रांसिस के प्रेरितिक विश्व पत्र "फ्रातेल्ली तूत्ती" (सभी भाई बहन) का अब रूसी अनुवाद उपलब्ध हो चुका है। संत पापा फ्रांसिस ने बुधवार को मास्को में इस अनुवाद के विमोचन के अवसर पर अपना संदेश भेजा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

रूस, बृहस्पतिवार, 4 मार्च 2021 (रेई)- संत पापा की आशा है कि इस विश्व पत्र फ्रतेल्ली तूत्ती पर चिंतन एवं इसका आदान प्रदान, ख्रीस्तियों एवं मुलमानों के बीच वार्ता को बढ़ायेगा, न केवल रूस में बल्कि दुनिया के हरेक क्षेत्र में। संत पापा ने रूस के मास्को स्थित सांस्कृतिक केंद्र "पोक्रोवस्किए वोरोता" में बुधवार को प्रेरितिक विश्व पत्र फ्रतेल्ली तूत्ती के रूसी अनुवाद के आधिकारिक प्रस्तुतिकरण समारोह के अवसर पर अपने एक संदेश में यह उम्मीद जतायी।

रूसी संघ के मुसलमानों की आध्यात्मिक दिशानिर्देश द्वारा प्रायोजित, अनुवाद मुस्लिम इंटरनेशनल फोरम और मदीना प्रकाशन के प्रयासों का परिणाम है।

मास्को के काथलिक महाधर्माध्यक्ष पाओलो पेत्सी और रूस के प्रेरितिक राजदूत मोनसिन्योर जोवन्नी अनिएल्लो, मास्को के इस कार्यक्रम में उपस्थित थे जब अनुवाद को प्रस्तुत किया गया।

संत पापा ने प्रेरितिक विश्व पत्र के रूसी अनुवाद को "एक सुन्दर एवं आनन्दमय अचरज" कहा। उन्होंने लिखा, "इस तरह एक बड़ी संख्या के सद्इच्छा रखनेवाले स्त्रियों एवं पुरूषों के लिए इसे उपलब्ध किया जा सकेगा जो इसे पढ़ना चाहते हैं।"  

संत पापा ने कहा कि वे "इस बात से खुश और प्रभावित हैं कि मुस्लिम इंटरनेशनल फोरम ने इस अनुवाद को रूसी भाषा में संपादित किया"। उनका विचार है कि विश्व पत्र पर चिंतन एवं संवाद, न केवल रूसी संघ को मदद करेगा, जहाँ ख्रीस्तियों एवं मुसलमानों के बीच वार्ता को बढ़ाने का निमंत्रण दिया जाता है बल्कि एक परिवार के रूप में पूरे मानव परिवार को मदद देगा। निश्चय ही, एक वैश्विक एवं परस्पर एक दूसरे से जुड़े विश्व में, जहाँ हम रहते हैं, किसी एक कोने में जब कोई भाव प्रकट किये जाते हैं तो उसकी प्रतिध्वनि दूसरे हिस्से में सुनाई पड़ती है।  

संत पापा को पूरी उम्मीद है कि फ्रातेल्ली तूत्ती पर खुला एवं ईमानदार बातचीत विभिन्न धर्मों के बीच वार्ता को बढ़ायेगा। उन्होंने कहा, "निश्चय ही भाईचारा की भावना, एक पिता को पहचानने के द्वारा आती है। और यदि हम एक ही पिता के बच्चे हैं तब हम एक-दूसरे को भाई-बहन कह सकते हैं और सबसे बढ़कर हम उस तरह जी सकते हैं। अंत में अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए संत पापा ने कहा, "मैं आप सभी को दस्तावेज के फलप्रद पाठ की शुभकामनाएँ देता हूँ कि आप अपने व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन में इसका लाभ उठा सकेंगे।" 

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04 March 2021, 15:14