आमोरिस लेतित्सिया परिवार वर्ष आमोरिस लेतित्सिया परिवार वर्ष 

संत पापा ने किया "आमोरिस लेतित्सिया परिवार" वर्ष का उद्घाटन

संत पापा फ्राँसिस ने "आमोरिस लेतित्सिया परिवार" वर्ष का उद्घाटन 19 मार्च को वेबिनार में भाग ले रहे प्रतिभागियों को संदेश देते हुए किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से आग्रह किया है कि वे परिवारों का समर्थन करें और जीवन की यात्रा में परिवारों का साथ दें। वेबिनार की विषयवस्तु थी, "हमारा दैनिक प्रेम"।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 20 मार्च 2021 (रेई)- परिवार पर आयोजित सिनॉड के बाद प्रकाशित संत पापा फ्राँसिस के प्रेरितिक प्रबोधन "आमोरिस लेतित्सिया" के प्रकाशन के पाँच साल बाद, आमोरिस लेतित्सिया परिवार वर्ष की घोषणा की गई है।

वेबिनार का आयोजन लोकधर्मी, परिवार और जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल केविन फर्रेल्ल, रोम धर्मप्रांत के विकर अंजेलो दी दोनातिस तथा विवाह एवं परिवार शास्त्र के लिए संत जॉन पौल द्वितीय ईशशास्त्रीय संस्था के महाकुलपति महाधर्माध्यक्ष भिंचेन्सो पालिया ने किया था।

संत पापा ने संदेश में सिनॉड के उपरांत प्रकाशित प्रेरितिक प्रबोधन आमोरिस लेतित्सिया की याद की जो दाम्पत्य एवं पारिवारिक प्रेम की सुन्दरता एवं आनन्द पर आधारित है तथा सभी लोगों को निमंत्रण दिया कि इस पूरे साल को, दस्तावेज को पुनः पढ़ते एवं चिंतन करते हुए व्यतीत करें। इस वर्ष का समापन 26 जून 2022 को रोम में आयोजित परिवारों के विश्व सभा के साथ होगा।

परिवारों की विश्व सभा

लोकधर्मी, परिवार एवं जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय परिषद के अनुसार 1994 को संयुक्त राष्ट्र के द्वारा "परिवार के लिए अंतरराष्ट्रीय" वर्ष घोषित किया गया था। संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने चाहा कि कलीसिया में भी इसे परिवार वर्ष के रूप में मनाया जाए। इस प्रकार परिवारों के विश्व सभा का पहला आयोजन रोम में 8 और 9 अक्टूबर 1994 को परिवार के लिए परमधर्मपीठीय समिति की अगुलाई में आयोजित की गई थी। जिसके बाद से ही परिवरों के विश्व सभा को जारी रखा गया, और हर तीन साल में विश्व के विभिन्न स्थानों में इसका आयोजन किया जाता है।   

परिवार का एक नया रूप

संत पापा ने गौर किया कि "दस्तावेज का मुख्य मकसद है यह बतलाना ...कि कलीसिया की ओर से आज परिवार के एक नये रूप की जरूरत है।" उन्होंने कहा कि सिर्फ दस्तावेज के महत्व पर जोर देना काफी नहीं है बल्कि हमें परिवार की सुन्दरता के रक्षक बनना है तथा करुणा के साथ इसके दुर्बलों एवं घायलों की देखभाल करनी है।"

संत पापा ने बतलाया कि सभी परिवार की प्रेरिताई के केंद्र में दो चीजें हैं – सुसमाचार की घोषणा की स्पष्टता एवं कोमलता से परिवारों का साथ देना।

एक ओर हम दम्पति, पति या पत्नी और परिवार के लिए ईश वचन की घोषणा करते हैं वह उन्हें प्रेम और एकता के सच्चे अर्थ को समझने में मदद देता है, जो तृत्वमय ईश्वर के प्रेम की छवि तथा ख्रीस्त एवं कलीसिया के बीच संबंध का चिन्ह है।  

दूसरी ओर, यह घोषणा कभी भी ऊपर से अथवा बाहर से नहीं दिया जाना चाहिए। कलीसिया इतिहास में उत्पन्न हुई है, और उसी तरह उनके स्वामी (ख्रीस्त) ने भी शरीरधारण किया। अतः जब वह परिवार के सुसमाचार की घोषणा करती है तब वह सच्चे जीवन में घुसते हुए करती है। दम्पति एवं माता-पिता के दैनिक संघर्ष, समस्याओं, पीड़ाओं और हर प्रकार की परिस्थिति को वह प्रत्यक्ष रूप से जानती है जो भार डालते हैं और कई बार यात्रा में बाधा डालते हैं।

"हमारा दैनिक प्रेम"

संत पापा ने कहा कि इसी पृष्टभूमि पर दैनिक प्रेम को जीया जाता है। संत पापा ने ध्यान दिया कि विषयवस्तु का चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दम्पति के सरल एवं मौन कार्य के द्वारा उत्पन्न प्रेम है। उसी दैनिक और कई बार थकाने वाले समर्पण के साथ पति-पत्नी, माता-पिता और बच्चे आगे बढ़ते हैं।

संत पापा ने कहा, "हम साथ देने, सुनने और परिवार की यात्रा को आशीर्वाद देने के लिए बुलाये गये हैं। हमें न केवल दिशानिर्देश तैयार करना है बल्कि उनके साथ यात्रा करना है, उनके साथ विवेक एवं प्रेम से परिवार में घुसना है, दम्पति को यह कहने के लिए कि कलीसिया आपको प्यार करती है, प्रभु आपके करीब हैं, हम उन वरदानों की रक्षा करने में मदद देना चाहते हैं जिनको आपने प्राप्त किया है।  

अंततः संत पापा ने अपील करते हुए कहा, "आइये हम परिवार का समर्थन करें, हम उन सभी चीजों की रक्षा करें जो उसकी सुन्दरता से मेल-जोल रखते हैं।"

संत पापा ने सभी को निमंत्रण दिया कि हम प्रेम के इस रहस्य के पास विस्मय, विवेक और कोमलता से पहुँचें। हम इसके बहुमूल्य एवं नाजूक रिश्तों की रक्षा करें- बच्चों, माता पिता, दादा-दादी... के बीच, हमें इन रिश्तों की जरूरत है जीने के लिए एवं मानवता को अधिक भाईचारा पूर्ण बनाने के लिए।

 

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20 March 2021, 09:07