नोक की माता मरियम की भक्ति में पोप आयरिश लोगों के करीब

संत पापा फ्रांसिस ने आयरलैंड के नोक तीर्थस्थल को अंतरराष्ट्रीय तीर्थस्थल की मान्यता देते हुए शुक्रवार को प्रकाशित अपने वीडियो संदेश में माता मरियम की भक्ति पर जोर दिया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 20 मार्च 2021 (रेई)- नोक तीर्थस्थल को दशकों तक राष्ट्रीय मरियम तीर्थस्थल का दर्जा प्राप्त था जिसको अब अंतरराष्ट्रीय यूखरिस्तीय एवं मरियम तीर्थस्थल की मान्यता दी गई है।

संत पापा फ्रांसिस ने शुक्रवार को नोक तीर्थस्थल को अंतरराष्ट्रीय यूखरिस्त एवं मरियम तीर्थस्थल का दर्जा मिलने के अवसर पर, आयरलैंड के विश्वासियों को एक वीडियो संदेश भेजा।

उन्होंने संदेश में कहा, "मैं तीर्थस्थल के जीवन में इस महत्वपूर्ण समय में आपके साथ होने के लिए संचार के इस माध्यम का सहर्ष लाभ उठाता हूँ।"

अंतरराष्ट्रीय तीर्थस्थल का दर्जा देने के लिए 19 मार्च के दिन को चुना गया, जब धन्य कुँवारी मरियम के दुल्हे संत जोसेफ का पर्व मनाया जाता है।

संत पापा ने कहा, "21 अगस्त 1879 के दिव्यदर्शन, जिसमें धन्य कुँवारी मरियम, संत जोसेफ और सुसमाचार लेखक संत जॉन ने गाँव के कुछ लोगों को दर्शन दिये थे, आयरलैंड के लोग, जहाँ कहीँ भी जाते हैं नोक की माता मरियम के प्रति विश्वास एवं भक्ति को प्रकट करते हैं।"  

142 वर्षों पहले हुए दिव्यदर्शन के कारण नोक आयरलैंड का एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल बन गया है, जो हर साल हजारों तीर्थयात्रियों का स्वागत करता है। 1979 में संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने तीर्थस्थल का दौरा किया था। अगस्त 2018 को संत पापा फ्राँसिस ने भी आयरलैंड में परिवारों की विश्वसभा के दौरान तीर्थस्थल का दौरा किया।  

एक मिशनरी प्रजा

संत पापा ने आयरलैंड की कलीसिया द्वारा विश्वास की सेवा पर गौर किया कि कई "पुरोहितों ने सुसमाचार के मिशनरी" बनने के लिए अपने देश अयरलैंड को छोड़ दिया है, साथ ही साथ कई विश्वासी जिन्होंने अपने देश से बाहर पलायन किया है, अब भी माता मरियम के प्रति भक्ति रखते हैं।  

संत पापा ने कहा, "आप मिशनरी लोग है।" "कितने परिवारों ने करीब डेढ़ शताब्दी से विश्वास को अपने बच्चों के लिए हस्तांतरित किया है तथा अपने दैनिक मेहनत को नोक की माता मरियम की तस्वीर के चारों ओर रोजरी प्रार्थना करते हुए एक साथ लाया है।"

मौन का बड़ा महत्व   

संत पापा ने कहा, "कुँवारी मरियम की बाहें जो प्रार्थना में फैली हैं वे अब भी आशा के संदेश के लिए प्रार्थना के महत्व को दिखलाती हैं जो इस तीर्थस्थल से निकलती है।"

उन्होंने याद किया कि नोक की माता मरियम के दिव्य दर्शन में "कुंवारी मरियम ने कुछ नहीं कहा, किन्तु उनकी चुप्पी एक भाषा है – बहुत कुछ व्यक्त करनेवाली भाषा।" अतः नोक के संदेश में, हमारे विश्वास में मौन के महान मूल्य का संदेश है।

संत पापा ने कहा कि रहस्य का सामना करने का मतलब यह नहीं है कि समझना छोड़ देना है, बल्कि "येसु के प्यार द्वारा समर्थन और मदद किये जाते हुए समझना है"।

यह प्रेम के महान रहस्य के सामने एक ऐसा मौन है जिसको तब तक आदान-प्रदान नहीं किया जा सकता, जब तक कि दयालु पिता की इच्छा को त्यागने पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।

संत पापा ने यह भी गौर किया कि यही मौन है जिसकी मांग येसु मति रचित सुसमाचार में हमसे करते हैं ˸ "जब तुम प्रार्थना करते हो तो अपने कमरे में जाकर द्वार बंद कर लो और एकांत में पिता से प्रार्थना करो। तुम्हारा पिता जो एकान्त को भी देखता है तुम्हें पुरस्कार देगा।" (मती. 6:6-8)

सभी का स्वागत करने की जिम्मेदारी

संत पापा फ्राँसिस ने नोक की माता मरियम को अंतरराष्ट्रीय तीर्थस्थल का दर्जा मिलने की जिम्मेदारी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह एक महान जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा, "आपने हर तीर्थयात्री का स्वागत करने के चिन्ह स्वरूप अपनी बाहों को हमेशा खुला रखना स्वीकार किया है, जो विश्व के किसी भी कोने से आयेंगे, जो कुछ नहीं बल्कि सिर्फ इतना मांगेंगे कि उन्हें भाई और बहन के रूप में पहचाना जाए और वे भ्रातृत्व की प्रार्थना में उसी अनुभव को साझा कर सकें।"

यह स्वागत उदारता के साथ जुड़ा हो और उस हृदय का एक प्रभावशाली साक्ष्य बनें जो ईश वचन एवं पवित्र आत्मा की कृपा को स्वीकार करने के लिए खुला है जो सामर्थ्य प्रदान करते हैं।

संत पापा ने अपने संदेश के अंत में ईश्वर के आशीष की कामना की तथा प्रार्थना की कि यूखरिस्तीय रहस्य जो हमें येसु एवं एक दूसरे के साथ संयुक्त करता है, हमेशा चट्टान बना रहे, जिसपर हम मिशनरी शिष्य की बुलाहट को निष्ठापूर्वक जी सकें। उन्होंने माता मरियम से भी प्रार्थना की कि वे अपनी करुणावान मुखमंडल के द्वारा हमें सुरक्षा एवं सांत्वना प्रदान करें।  

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

20 March 2021, 15:55