पोंटिफिकल फिलिपिनो कॉलेज के समुदाय से संत पापा की मुलाकात पोंटिफिकल फिलिपिनो कॉलेज के समुदाय से संत पापा की मुलाकात  

फिलिपिनो पुरोहितों से संत पापाःभविष्य के लिए अपने को तैयार करें

संत पापा फ्राँसिस रोम में पोंटिफिकल फिलिपिनो कॉलेज के समुदाय से मुलाकात की और कहा कि उन्हें अतीत को जानना चाहिए, भविष्य के लिए तैयार होना चाहिए और वर्तमान में पवित्रता में बढ़ने और प्रशिक्षण लेने के हर अवसर का लाभ उठाना चाहिए।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 22 मार्च 2021 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को वाटिकन के क्लेमेंटीन सभागार में रोम स्थित परमधर्मपीठीय फिलिपिनो कॉलेज समुदाय के करीब 70 प्रतिनिधियों से मुलाकात की। संत पापा ने सभी प्रतिभागियों को फिलीपींस में सुसमाचार प्रचार के 500वी वर्षगांठ पर और 31 मार्च 1561 को पहली युखारीस्तीय समारोह की याद करते हुए उन्हें बधाई दी। साथ ही संत पापा ने रोम स्थित परमधर्मपीठीय फिलिपिनो कॉलेज की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के लिए भी उन्हें बधाई दी, जिसे संत पापा जॉन तेईसवें ने 7 अक्टूबर 1961 को व्यक्तिगत रूप से उद्घाटन किया था। तब से लेकर आज तक कॉलेज में अनेक पुरोहितों ने प्रशिक्षण पाया है और फिलीपींस की कलीसिया की सेवा में संलग्न हैं।

फिलीपींस की कलीसिया

इस वर्षगांठ के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने उन्हें कलीसिया की अतीत को याद कराया जब कलीसिया की शुरुआत हुई थी। संत पापा ने विश्वास का प्रथम बीज बोने वालों के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा, ʺआपके पूर्वजों द्वारा विश्वास को स्वीकार करने और सुसमाचार प्रचारकों के अथक प्रयास का फल है-आज की फिलीपींस की कलीसिया।ʺ संत पापा फ्राँसिस ने उन सभी को याद किया जिन्होंने विश्वास के बीज को बोने और विकसित करने में अपना बड़ा योगदान दिया है विशेष रुप से पल्ली पुरोहितों, धर्मबहनों, प्रचारकों, दादा-दादी और माता-पिताओं के प्रति आभार प्रकट किया। संत पापा ने सभी पुरोहितों को ईश्वर की बुलाहट को पहचानने और स्वीकार करने के लिए और प्रभु के लिए अपने जीवन को अभिषिक्त करने हेतु धन्यवाद दिया।

अपने अतीत को देखें

संत पापा ने कहा,ʺजब भी आप थका हुआ या असफलता के परिणामस्वरूप निराशा महसूस करते हैं तो अपने इतिहास को देखें, एक आदर्श अतीत में शरण पाने के लिए नहीं, बल्कि अपने "पहले प्यार" और जुनून को पाने के लिए अपने अतीत में जायें। ईश्वर ने हमारे जीवन में जो कदम उठाए हैं, उन्हें फिर से देखें, उनका रास्ता हमारे लिए सही, प्रोत्साहित, नवीनीकृत और पुनर्निर्देशित करता है। इस तरह, हम स्पष्ट रूप से देखते हैं कि प्रभु ने हमें कभी नहीं छोड़ा है और हमेशा हमारे पक्ष में रहा है, यहां तक कि कई बार सबसे अंधकारमय समय में भी प्रभु चुपचाप हमारे साथ रहा है।ʺ अगर अतीत हमें अपने विश्वास और बुलाहट में दृढ़ होने में मदद कर सकता है, तो भविष्य हमारे क्षितिज को व्यापक बनाता है और हमें आशावादी बनना सिखाता है। ईसाई जीवन अपने स्वभाव से भविष्य की ओर संकेत करता है, दोनों तत्काल भविष्य और उस भविष्य में, जब हम उस पुनर्जीवित प्रभु का सामना करेंगे, जो पिता के घर में हमारे लिए जगह तैयार करने के लिए गए हैं। (सीएफ) योहन 14: 2)।

भावी जीवन की तैयारी

संत पापा ने कहा कि सेमिनरी का जीवन पुरोहित के भावी जीवन की तैयारी है। पुरोहिताभिषेक के बाद उन्हें प्रेरिताई जीवन की सभी चुनोतियों और कठिनाईयों का सामना करना है। कुछ पुरोहित सुखद जीवन या  बेहतर कार्य और पदवी की प्रतीक्षा में रहते हैं। कभी-कभी यह वर्षों तक, या जीवन भर के लिए चल सकता है, जब तक कि हृदयपरिवर्तन न हो। संत पापा ने कहा कि यह धर्मसंघी पुरोहितों और धर्मबहनों के लिए भी लागू हो सकता है। स्वप्नलोक में न रहें, हमेशा बेहतर समय और स्थानों की उम्मीद न करें। यहाँ और अब कुछ अच्छा करने का मौका है। बस वर्तमान को सहन करें और इसके पार होने की प्रतीक्षा करें।

संत पापा ने कहा कि पुरोहित के रूप में, वे इस कॉलेज के समुदाय में प्रशिक्षण लेने और उँची शिक्षा ग्रहण करने के लिए रोम में हैं। आप अपनी पल्लियों के लिए पैसा कमाने यहाँ नहीं है और न ही यह सपना देखने के लिए कि अपनी पढ़ाई के बाद लौटने पर आपके धर्माध्यक्ष आपको "प्रतिष्ठित" पद देने वाले हैं,बल्कि आपको अपने समुदाय के भाईयों और बहनों की सेवा करने तथा आपके सामने निर्धारित किए गए प्रेरितिक अनुभवों का लाभ उठाने के लिए कहा जाएगा। इसी लिए आप अपनी पढ़ाई गंभीरता और पूरे मेहनत से करें। जैसा कि संत जॉन पॉल द्वितीय ने आपके पूर्ववर्तियों से कहा था, "अपनी पढ़ाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से, आप सुसमाचार प्रचार के प्रेरितिक कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए और स्पष्ट रूप से मुक्ति के रहस्य का प्रचार करने के लिए तैयार रहेंगे, इसे निरे मानवीय विचारों से अलग करेंगे।" (2 जून 2001)। आप फिलीपींस की कलीसिया के अतीत को जानते हैं अतः भविष्य के लिए अपने आप को तैयार करें।

संत पापा ने साठ साल पहले संत पापा जॉन तेईसवें द्वारा फिलीपीन कॉलेज के पहले समुदाय को कही बातों को दोहराते हुए अपना संदेश समाप्त किया,  मुझे उम्मीद है कि सभी पुरोहित यहां "प्रचुर विश्वास और संस्कृति तथा भाईचारे का वातावरण पाएगा, जो आपको सच्चाई के अग्रदूत रूप में अपनी मातृभूमि में लौटने के लिए तैयार करेगा।” (रेडियो संदेश, 7 अक्टूबर 1961)।

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22 March 2021, 15:15