चालीसा काल भातृत्व एवं वार्ता का समय, संत पापा
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 18 फरवरी 21 (रेई)- चालीसा काल ख्रीस्तियों को उदार कार्यों के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करता है। परन्तु जब सभी ख्रीस्तीय समुदाय एक साथ आते हैं उदारता के पहले एकजुटता की बात आती है। यही बात संत पापा फ्रांसिस ने ब्राजील के ख्रीस्तीय एकता भ्रातृत्व अभियान को प्रेषित अपने संदेश में कही है। अभियान लोगों को बिना भय या संदेह के अपने सहयात्रियों के लिए अपना हृदय खोलने एवं एक ईश्वर के सामने शांति की खोज करने हेतु प्रेरित करता है।
महामारी में महान एकात्मता
सीएनबीबी हर साल, चालीसा काल में काथलिकों के लिए वार्षिक भ्रातृत्व अभियान जारी करता है किन्तु हर 5 साल में देश के दूसरे ख्रीस्तीय समुदायों के साथ मिलकर ख्रीस्तीय एकता भ्रातृत्व अभियान चलाता है। इस साल के चालीसा भ्रातृत्व अभियान की विषयवस्तु है "भ्रातृत्व और संवाद : प्रेम की प्रतिबद्धता" जिसको एफेसियों के नाम संत पौलुस के पत्र से लिया गया है। ख्रीस्त हमारी शांति हैं, जिन्होंने एकता में लाया है और शत्रुता की विभाजनकारी दीवार को अपने शरीर के द्वारा तोड़ डाला है।
अपने संदेश में संत पापा फ्रांसिस ने चालीसा काल के आधार पर मूल बातें बताईं है और मानवता के सामने पहली वास्तविकता महामारी को रखा है जो विशेष रूप से ब्राजील में कठोर रही है। उन्होंने कहा, "ख्रीस्त हमें निमंत्रण देते हैं कि हम उन लोगों के लिए प्रार्थना करें जो मर गये हैं, उन स्वास्थ्यकर्मियों के लिए जिन्होंने निःस्वार्थ सेवा की है तथा उन भली इच्छा रखने वाले लोगों के लिए कि उनमें एकात्मता उत्पन्न हो"। येसु हमें अपने आप की, अपने स्वास्थ्य की और एक-दूसरे की देखभाल करने के लिए प्रेरित करते हैं, जैसा कि भले समारी का दृष्टांत हमें सिखलाता है।
सह-यात्रियों के साथ बातचीत
इस साल की विषयवस्तु ब्राजील के विभिन्न ख्रीस्तीय समुदायों के बीच एकता की खोज को रेखांकित करती है, एक संवाद को जिसको संत पापा "आशा के कारण" के रूप में परिभाषित करते हैं। उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीय पहले हैं जिन्हें उदाहरण देना है और जिसको ख्रीस्तीय एकतावर्धक वार्ता से शुरू करना है। यह हमें अपने हृदय को खोलना सिखलाता, सहयात्रियों के साथ बिना भय या संदेह के यात्रा करने के लिए तथा और सबसे पहले देखना कि हम एक ईश्वर के सामने शांति की खोज कर रहे हैं।
चालीसा काल के तीन साधन
सम्मान के इस संबंध और बांटने से, भाईचारा के निर्माण एवं समाज में न्याय की सुरक्षा प्रस्फूटित होती है, जिसको संत पापा फ्राँसिस ने प्रेरितिक पत्र फ्रातेल्ली तूत्ती में पुष्ट किया है। संत पापा द्वारा प्रेरितिक पत्र के इस आह्वान को हम महामारी के उबरने के प्रयास में लागू कर सकते हैं। उन्होंने कहा है कि "हम इसे इस हद तक करे कि विभाजन को दूर कर सकें और जीवन भर एकजुट होने में सक्षम हो सकें"। ताकि जब संकट समाप्त हो जाएगा तब हम उपभोक्तावाद और नये प्रकार की आत्म सुरक्षा के प्रलोभन में नहीं पड़ेंगे। संत पापा ने ख्रीस्तियों को प्रोत्साहन दिया कि वे इस चालीसा काल में प्रार्थना, उपवास एवं दान देने के साधनों का इस्तेमाल करें।
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