नोर्थ डाकोटा में किसान सोयाबीन दिखाते हुए  नोर्थ डाकोटा में किसान सोयाबीन दिखाते हुए  

दलहन कुपोषण और भूख से लड़ने में मदद करता है, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस की ओर से वाटिकन राज्य के विदेश सचिव ने संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) को विश्व दलहन दिवस के दिन आयोजित एक आभासी कार्यक्रम के लिए एक संदेश भेजा।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 13 फरवरी 2021(वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने ग्रामीण और आदिवासी श्रमिकों, विशेष रूप से महिलाओं के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की, जो दुनिया में कुपोषण और भूख से लड़ने के लिए भोजन बनाने और वितरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस के अवसर पर, संत पापा ने सहकारी तंत्रों के माध्यम से खाद्य उत्पादन और वितरण में ग्रामीण महिलाओं की मौलिक भूमिका पर प्रकाश डाला, जो दूसरों के लिए उनके प्यार के कारण साथ मिलकर काम करते हैं।

दलहन और वैश्विक खाद्य सुरक्षा

उन्होंने वैश्विक खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए दालों की भारी महत्ता का उल्लेख किया। दालें, बीन्स, मटर और छोले जैसे दालें, सरल और पौष्टिक खाद्य पदार्थ हैं जो भौगोलिक बाधाओं, सामाजिक जुड़ावों और संस्कृतियों को पार करते हैं। वे कई परिवारों के खाने की मेज पर पाए जाते हैं क्योंकि वे हमारे दैनिक आहार में प्रोटीन की विभिन्न जरूरतों को पूरा करते करते हैं।

संत पापा ने कहा कि इन दालों को प्राप्त करने के लिए, पौधों से दाल की फलियों को निकालने के लिए मजबूत हाथों और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती हैं,जो ग्रामीण श्रमिक, विशेषकर महिलाएं कर रही हैं। दुर्भाग्य से, आंकड़े बताते हैं कि अभी भी कई लोग हैं, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, जो सबसे बुनियादी संसाधनों तक नहीं पहुंच सकते हैं और स्वस्थ और पर्याप्त भोजन का अभाव है। पृथ्वी के कई क्षेत्रों में लगातार भूखमरी जारी है, एक ऐसी स्थिति जो स्वास्थ्य संकट से बढ़ गई है।

स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक अधिकार

संत पापा ने कहा कि भूमि को नुकसान पहुंचाए बिना खेती करना जरूरी है, ताकि हम और साथ ही आने वाली पीढ़ियां भी इसके फल बांट सकें।

इस संबंध में, संत पापा ने ग्रामीण और आदिवासी महिलाओं की भूमिका पर ध्यान आकर्षित किया। उनके पास हमें सिखाने के लिए बहुत कुछ है कि उनके प्रयास और कठिन परिश्रम के बदौलत हमें दैनिक आहार भोजन मिल पाता है।  वे सामानों के समान वितरण और प्रत्येक व्यक्ति को उसकी आकांक्षाओं का एहसास कराते हैं।

यह कहते हुए कि अच्छा स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक अधिकार होना चाहिए, संत पापा ने देशों को इसे संभव बनाने के लिए आग्रह किया। उन्होंने सार्वजनिक शिक्षा नीतियों को प्रोत्साहित किया जो पौष्टिक खाद्य पदार्थों के समावेश को बढ़ावा देते हैं, जहां फलियां अन्य आहारों के साथ-साथ ऐसे आहारों का हिस्सा होनी चाहिए, जो उन्हें पूरक बनाते हैं।

सभी के लिए स्थान

ग्रामीण महिलाओं का उदाहरण लेते हुए, जिन्होंने अपने बच्चों और अन्य परिवारों के बच्चों को खिलाने के लिए अपने मिशन को नहीं छोड़ा,संत पापा ने आग्रह किया कि हमारे आम घर में किसी को त्यागे बिना, सभी के लिए जगह हो। उन्होंने सभी को स्वस्थ तरीके से खिलाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि सभी के लिए समान अवसर हों और हम एक समावेशी और न्यायपूर्ण दुनिया का निर्माण कर सकें।

विश्व दलहन दिवस का उद्देश्य दालों के पोषण संबंधी लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और स्थायी भोजन प्रणालियों और एक स्वस्थ्य दुनिया के निर्माण में उनके योगदान को जागृत करना है।

एफएओ के नेतृत्व में 2016 में अंतर्राष्ट्रीय दलहन वर्ष की सफलता के आधार पर, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस के रूप में घोषित किया है।

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13 February 2021, 13:39