दादा-दादी व बुजुर्गों का विश्व दिवस दादा-दादी व बुजुर्गों का विश्व दिवस  

संत पापा ने दादा-दादी व बुजुर्गों के विश्व दिवस की स्थापना की

संत पापा फ्राँसिस ने ‘दादा-दादी और बुजुर्गों के लिए विश्व दिवस’, एक विश्वव्यापी कलीसिया का उत्सव आयोजन करने का निर्णय लिया है। इस वर्ष से, यह जुलाई के चौथे रविवार को आयोजित किया जाएगा,जो येसु के दादा-दादी संत जोवाकिम और संत अन्ना के पर्व दिवस के करीब है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 01 फरवरी 2021 (वाटिकन न्यूज) : रविवार को देवदूत प्रार्थना के बाद, संत पापा फ्राँसिस ने दादा-दादी और बुजुर्गों के लिए विश्व दिवस की घोषणा की, जो हर साल जुलाई में चौथे रविवार को होगी, जो येसु के नाना-नानी संत जोवाकिम और संत अन्ना के त्योहार के करीब है।

मंदिर में येसु की चढ़ाये जाने के आगामी त्योहार को याद करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने कहा,  "बुजुर्ग सिमोन और अन्ना ने बच्चे येसु से मुलाकात की और उसे मसीहा के रूप में मान्यता दी।  पवित्र आत्मा आज भी बुजुर्गों में विचारों और ज्ञान के शब्दों को पुख्ता करता है। बुजुर्गों की आवाज "अनमोल है, क्योंकि यह ईश्वर की प्रशंसा गाता है और लोगों के मूल आधार को संरक्षित करता है।" बुजुर्ग, "हमें याद दिलाते हैं कि वृद्धावस्था एक उपहार है और दादा-दादी विभिन्न पीढ़ी के बीच की कड़ी हैं, जो युवा लोगों के बीच अपने जीवन के अनुभव को बांटते हैं।"

बुजुर्गों को नहीं भूलना चाहिए

संत पापा ने कहा कि उन्होंने दादा-दादी और बुजुर्गों के विश्व दिवस की शुरुआत की क्योंकि "दादा-दादी को अक्सर भुला दिया जाता है और हम जड़ों को संरक्षित करने और दूसरों को प्रेषित करने के इस धन को भूल जाते हैं" जो बुजुर्गों को मिला है।

उन्होंने दादा-दादी और पोते-पोतियों को एक-दूसरे को जानने के महत्व पर जोर दिया, क्योंकि "जैसा कि नबी जोएल कहते हैं, दादा-दादी अपने पोते-पोतियों का सपना देखते हैं," जबकि "युवा लोग, अपने दादा-दादी से ताकत प्राप्त करते हैं और भविष्यद्वाणी करने के लिए आगे बढ़ते हैं।"

संत पापा की घोषणा के बाद एक प्रेस विज्ञप्ति में,  जीवन, परिवार और लोक धर्मियों के लिए बने विभाग के प्रीफेक्ट कार्डिनल केविन फारेल ने कहा दादा-दादी और बुजुर्गों के दिन की स्थापना "अमोरिस लेतिसिया परिवार वर्ष का पहला फल है, यह विश्वव्यापी कलीसिया के लिए एक उपहार है, जो भविष्य में जारी रहेगा।

उन्होंने कहा, “बुजुर्गों की प्रेरितिक देखभाल एक प्राथमिकता है जिसे अब किसी भी ख्रीस्तीय समुदाय द्वारा स्थगित नहीं किया जा सकता है। विश्व पत्र फ्रातेल्ली तुत्ती में, संत पापा फ्राँसिस हमें याद दिलाते हैं कि कोई भी अकेले अपने को बचा नहीं सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए, हमें उस आध्यात्मिक और मानवीय संपदा को संजोना चाहिए जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी सौंप दी गई है।”

एक प्रेस विज्ञप्ति में कार्डिनल केविन फारेल ने कहा कि संत पापा फ्राँसिस संत पेत्रुस महागिरजाघर में रविवार, 25 जुलाई की शाम को, उस समय स्वास्थ्य संबंधी उपायों को देखते हुए पवित्र मिस्सा की अध्यक्षता करके पहला विश्व दिवस मनाने की उम्मीद करते है। विभाग आगे की पहल की घोषणा करेगा।

संत पापा फ्राँसिस की प्राथमिकताएं

जीवन, परिवार और लोक धर्मियों के लिए बने विभाग में विटोरियो सेल्ज़ो बुजुर्गों के प्रेरितिक देखभाल में शामिल है। उन्होंने ध्यान दिया कि दादा-दादी और बुजुर्गों का विश्व दिवस का उत्सव संत पापा फ्राँसिस द्वारा ईश्वर के वचन और गरीबों के लिए स्थापित दिनों से जुड़ा है। वाटिकन न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में, सेल्जो ने जोर देकर कहा कि "गरीब, बाइबिल और बुजुर्ग" संत पापा फ्राँसिस की "तीन प्राथमिकताएं" हैं, "जो कलीसिया के भविष्य को चिह्नित करती हैं।"

युवा, बुजुर्ग और जोएल की भविष्यवाणी

बुजुर्ग और युवा पीढ़ियों के बीच की खाई को पाटना जरूरी है, सेल्जो ने कहा, "बुजुर्ग खुद को बचा नहीं सकते हैं। दुर्भाग्य से, हमने महामारी के दौरान देखा है कि कितने बुजुर्गों को नहीं बचाया जा सका।”  संत पापा फ्राँसिस हमें याद दिलाना चाहते हैं कि इसी तरह, "युवा लोग, वयस्क और हमारा समाज बुजुर्गों के बिना खुद को नहीं बचा सकता है।" उन्होंने कहा कि अंतरपीढ़ीगत संवाद आवश्यक है: "संकट से बेहतर और बेहतर तरीके से बाहर आने के लिए, हर समाज को अपनी जड़ों के पास आने और अपने मूल्यों के एक नए संश्लेषण को विकसित करने की आवश्यकता है, जो बुजुर्गों के साथ बातचीत से भी शुरू होती है।"

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01 February 2021, 14:59