ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के कारण हिंसक बाढ़  की तबाही ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के कारण हिंसक बाढ़ की तबाही 

भारत में आपदा के शिकार लोगों के प्रति संत पापा की संवेदना

संत पापा फ्राँसिस ने उत्तर भारत में आये हिंसक बाढ़ के पीड़ितों को याद कर उनके लिए प्रार्थना की। संत पापा ने 12 फरवरी को नव वर्ष मना रहे लोगों को शुभकामनायें दी।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 10 फरवरी 2021(रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के दौरान विश्वासियों का अभिवादन किया और उत्तर भारत में आये हिंसक बाढ़ के पीड़ितों को याद कर उनके लिए प्रार्थना की।

संत पापा ने कहा, ʺमैं उत्तरी भारत में तीन दिन पहले आई आपदा के पीड़ितों के लिए अपनी निकटता व्यक्त करता हूँ, जहां ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के कारण हिंसक बाढ़ आई, जिसने दो बिजली संयंत्रों के निर्माण स्थलों को विध्वंस कर दिया। मैं मृत श्रमिकों और उनके परिवारों तथा सभी घायल और क्षतिग्रस्त लोगों के लिए प्रार्थना करता हूँ।ʺ

विदित हो कि भारत स्थित उत्तराखंड के चमोली जिले में 7 फरवरी को एक बड़ा ग्लेशियर टूट गया, जिसके चलते धौलीगंगा नदी में भारी बाढ़ आई। इससे बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ। बड़ी संख्या में नदी किनारे बसे घर भी बह गए हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक इस बाढ़ में 35 लोगों की मौत हुई है और 165 लोग लापता हैं। ऋषिगंगा और तपोवन पावर प्रोजेक्ट को बड़ा नुकसान पहुँचा है।

चंद्र नव वर्ष

इसके बाद संत पापा में पूर्वी देशों में नव वर्ष मना रहे लोगों को शुभकानाएँ दी। संत पापा ने कहा, ʺसुदूर पूर्व और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में, शुक्रवार 12 फरवरी को लाखों पुरुष और महिलाएं चंद्र नव वर्ष मनाएंगे। मैं उन सभी को और उनके परिवारों को अपनी सौहार्दपूर्ण शुभकामनाएं देना चाहता हूँ, साथ में मेरी इच्छा है कि नया साल भ्रातृत्व और एकजुटता का फल लाये। इस विशेष क्षण में, जब लोग महामारी की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं जो न केवल लोगों के शरीर और आत्मा को प्रभावित करती है, बल्कि सामाजिक संबंधों को भी प्रभावित करती है।  मैं उम्मीद करता हूँ कि हर कोई पूर्ण स्वास्थ्य और जीवन में शांति का आनंद ले सकेंगे।ʺ

अंत में, संत पापा ने सभी को शांति और हर दूसरे अच्छे उपहार के लिए प्रार्थना करने हेतु आमंत्रित किया।

संत पापा ने कहा, “मैं हर किसी को याद दिलाना चाहूंगा कि उपहार अच्छाई, सम्मान, दूरदृष्टि और साहस के माध्यम से प्राप्त किया जा सकते हैं। सबसे गरीब और कमजोर लोगों को तरजीह देना कभी न भूलें।ʺ

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10 February 2021, 14:58