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कुष्ट रोग से पीड़ित कुष्ट रोग से पीड़ित  

संत पापा ने कुष्ठ रोग से लड़ने हेतु एकजुट होने का प्रोत्साहन दिया

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने विश्व कुष्ठ रोग दिवस की याद दिलायी एवं उससे लड़ने हेतु एकजुट होने का प्रोत्साहन दिया, आनेवाले विभिन्न अवसरों की याद दिलायी और प्रार्थना करने का प्रोत्साहन दिया। उन्होंने दादा-दादी दिवस की भी घोषणा की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 1 फरवरी 2021 (रेई)- 31 जनवरी को विश्व कुष्ठ रोग दिवस मनाया जाता है संत पापा ने इसकी याद दिलाते हुए कहा, "आज हम विश्व कुष्ट रोग दिवस मना रहे हैं जिसकी शुरूआत राऊल फोल्लेरेयू ने 60 साल पहले किया था और उनके मानवीय कार्य से प्रेरित होकर संगठन ने इसे आगे बढ़ाया। मैं उन लोगों के प्रति अपना सामीप्य व्यक्त करता हूँ जो इस बीमारी से पीड़ित हैं तथा मिशनरियों, स्वास्थ्यकर्मियों एवं स्वंयसेवकों को प्रोत्साहन देता हूँ जो उनकी सेवा में लगे हुए हैं। महामारी ने पुष्टि दी है कि सबसे नाजुक लोगों के लिए स्वास्थ्य के अधिकार की रक्षा करना कितना महत्वपूर्ण है: मैं उम्मीद करता हूँ कि देश के नेता कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के उपचार हेतु एकजुट होकर प्रयास करेंगे तथा उनके सामाजिक समावेशन सुनिश्चित करेंगे।"

विश्व दादा-दादी दिवस

संत पापा ने येसु के मंदिर में समर्पण पर्व की याद करते हुए विश्व दादा-दादी दिवस की घोषणा की। उन्होंने कहा, "परसो 2 फरवरी को हम मंदिर में येसु के समर्पण का पर्व मनायेंगे, जब सिमोन और अन्ना दोनों बुजूर्गों ने पवित्र आत्मा से प्रेरित होकर येसु को मसीह के रूप में पहचाना था। पवित्र आत्मा आज भी बुजूर्गों में प्रज्ञा के विचार एवं शब्द उत्पन्न करते हैं। उनकी आवाज बहुमूल्य है क्योंकि यह ईश्वर की स्तुति करती है तथा लोगों के मूल की रक्षा करती है। वे हमें स्मरण दिलाते है कि बुजूर्ग आवस्था एक वरदान है

 और दादा-दादी पीढ़ियों के बीच कड़ी हैं, वे युवाओं के लिए जीवन एवं विश्वास के अनुभवों को हस्तांतरित करते हैं।"

दाद-दादी को बहुधा भुला दिया जाता है और हम जड़ रूपी धरोहर को बनाये रखना एवं हस्तांतरित करना भूल जाते हैं। यही कारण है कि मैंने विश्व दादा-दादी दिवस एवं विश्व बुजूर्ग दिवस की घोषणा की है। जिसको हर साल, येसु के नाना-नानी संत अन्ना एवं संत ज्वाकिम के पर्व के नजदीक, जुलाई के चौथे रविवार को, सभी गिरजाघरों में मनाया जाएगा। यह दादा-दादी का अपने पोते-पोतियों से मिलने का सुन्दर अवसर होगा, क्योंकि जैसा कि नबीं योएल ने कहा है, दादा-दादी अपने पोते-पोतियों के सामने स्वप्न देखेंगे और बड़ी इच्छा प्रकट करेंगे। युवा अपने दादा-दादी से बल प्राप्त कर आगे बढ़ेंगे एवं भविष्यवाणी करेंगे। इस तरह 2 फरवरी सचमुच दादा-दादी और उनके पोतों के बीच मुलाकात का पर्व होगा।

काथलिक एक्शन दल

तत्पश्चात् संत पापा ने रोम धर्मप्रांत के काथलिक एक्शन दल के लड़के-लड़कियों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा, "स्वास्थ्य आपातकाल के बावजूद, इस साल भी, माता- पिता, शिक्षकों एवं पुरोहितों की सहायता से इस सुन्दर पहल का आयोजन किया है। वे इस पहल के साथ आगे बढ़ रहे हैं।" संत पापा ने उन्हें शाबाशी देते हुए उनके कार्यों को जारी रखने की शुभकामनाएं दीं।

अंत में, संत पापा ने संचार माध्यमों से जुड़े सभी विश्वासियों का अभिवादन किया तथा अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभरविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।

 

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01 February 2021, 15:13