लीबिया में मारे गये ख्रीस्तीय शहीद लीबिया में मारे गये ख्रीस्तीय शहीद 

लीबिया में 2015 में मारे गये ख्रीस्तीय 'येसु के साक्षी'

संत पापा फ्राँसिस ने 21 ख्रीस्तियों के विश्वस्त साक्ष्य की याद की, जिनमें 20 मिस्र के और 1 घाना के ऑर्थोडॉक्स कॉप्टिक ख्रीस्तीय थे जिन्हें 2015 में लीबिया में इस्लामी चरमपंथियों ने मार डाला था।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 16 फरवरी 21 (रेई)- संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को 21 कॉप्टिक ऑर्थोडोक्स ख्रीस्तियों की लीबिया में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों द्वारा मार डाले जाने की 6वीं पुण्यतिथि पर एक संदेश भेजा।

संत पापा ने संदेश में लिखा, "आज 2015 के फरवरी का वह दिन हैं जो मेरे दिल में है। उस लोहू के बपतिस्मा को मैं अपने हृदय में रखता हूँ, जिससे 21 लोगों ने ख्रीस्तीय के रूप में जल और पवित्र आत्मा से और उस दिन उन्होंने लोहू से बपतिस्मा प्राप्त किया।"

"वे हमारे संत हैं, सभी ख्रीस्तियों के संत हैं, सभी ख्रीस्तीय समुदायों एवं परम्पराओं के संत हैं।" ये वे लोग हैं जिन्होंने मेमने के रक्त में अपने जीवन को धो डाला है, वे ईश्वर के व्यक्ति हैं, ईश्वर के विश्वासी।"

इस अवसर को वर्चुवल रूप में शुक्रवार को मनाया गया जिसमें कॉप्टिक ऑर्थोडॉक्स प्राधिधर्माध्यक्ष तवाद्रोस द्वितीय ने भी भाग लिया। वहाँ कई प्रतिष्ठित लोगों के साथ कैंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष जस्टिन वेलबे भी उपस्थित थे।  

सामान्य लोग येसु के साक्षी

21 ख्रीस्तियों के साक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए संत पापा ने कहा, जिन्होंने "येसु ख्रीस्त का साक्ष्य दिया वे सामान्य लोग थे जो अपने परिवारों के भरण पोषण के लिए विदेश गये थे।" वे "सामान्य व्यक्ति, परिवारों के पिता, बच्चों की चाह रखनेवाले और काम की प्रतिष्ठा के व्यक्ति थे, जो न केवल घर में रोटी लाना बल्कि काम की प्रतिष्ठा के साथ इसे घर लाना चाहते थे।"  

आईएसआईएस की क्रूरता ने उनके गलों को काट डाला, वे प्रभु येसु का नाम लेते हुए मर गये। संत पापा ने गौर किया कि यद्यपि सीरते तट में उनकी मृत्यु एक त्रासदी थी, तथापि वह समुद्र तट उनके लोहू से धन्य हो गया है। यह भी सच है कि "अपनी सरलता से, अपने सहज किन्तु सुसंगत विश्वास से, उन्होंने एक महान पुरस्कार प्राप्त किया जिसको एक ख्रीस्तीय प्राप्त कर सकता है ˸ जो अपना जीवन अर्पित कर येसु ख्रीस्त की गवाही देता है।"  

ईश्वर, कलीसिया और परिवार के प्रति कृतज्ञ

इन साहसी भाइयों के पुरस्कार के लिए ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए संत पापा ने पवित्र आत्मा को धन्यवाद दिया जिसने उन्हें बल और सुसंगतता प्रदान की जिसके कारण वे अपने खून बहाने के समय भी येसु का नाम ले पाये।  

संत पापा ने कॉप्टिक कलीसिया के धर्माध्यक्षों एवं पुरोहितों को स्वीकार किया जिन्होंने उन्हें विश्वास में बढ़ाया और सुदृढ़ रहना सिखाया।

उनकी माताओं को सम्बोधित करते हुए संत पापा ने उनकी भूमिका के लिए धन्यवाद दिया जिन्होंने उनके विश्वास को पुष्ट किया। उन्होंने कहा, "वे पवित्र लोगों की माताएँ हैं जो विश्वास को अपनी बोली में हस्तंतरित करते हैं। ये बोली, ये अपनेपन की बोली, भाषाओं से परे जाती है।"  

अभिवादन

संत पापा ने ऑनलाईन कार्यक्रम में भाग लेनेवालों के प्रति अपना सामीप्य व्यक्त किया, खासकर उन्होंने, कॉप्टिक ऑर्थोडॉक्स प्राधिधर्माध्यक्ष तवाद्रोस द्वितीय, अंगलिकन समुदाय से कैंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष जस्टिन वेलबे तथा अन्य सभी धर्माध्यक्षों एवं पुरोहितों का अभिवादन किया।

उन्होंने कहा, "मैं ईश्वर की पवित्र प्रजा के साथ हूँ जो अपनी सरलता, अपनी सुसंगतता और विसंगतियों के साथ, अपनी कृपा एवं पाप के साथ येसु ख्रीस्त को धारण करते हैं कि येसु ख्रीस्त ही प्रभु हैं।"

अंत में, संत पापा ने अपनी कृतज्ञता उन 21 ख्रीस्तियों के प्रति दोहराया जिन्होंने गवाही दी और ईश्वर को उनके लोगों के करीब रहने के लिए धन्यवाद दिया।

संत पापा ने सभी लोगों को प्रोत्साहन दिया कि वे कॉप्टिक ख्रीस्तियों की शहादत की इस पुण्य तीथि पर उनसे प्रार्थना करें कि वे ईश्वर के पास हमारी मध्यस्थता करें।

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16 February 2021, 15:44