लैटिन अमेरिका लोगों के पास रहने हेतु कलीसिया से संत पापा की अपील
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, सोमवार 25 जनवरी 2021 (वाटिकन न्यूज) : लैटिन अमेरिका और कैरिबियन में काथलिक कलीसिया ने अपनी पहली धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के लिए तैयारी शुरू कर दी है। यह सम्मेलन, मूल रूप से 2021 के बसंत ऋतु में होने वाली थी लेकिन अब इस वर्ष के 21 से 28 नवंबर तक होगी। धर्मसभा का विषय है: "हम इस यात्रा पर सभी मिशनरी शिष्य हैं।"
रविवार को मैक्सिको सिटी में ग्वाडालूपे की माता मरियम महागिरजाघर में, क्षेत्रीय कलीसिया के नेताओं, पुरोहितों, धर्म बहनों और लोक धर्मियों की बैठक हुई।
कलीसिया की जरूरतें
संत पापा फ्राँसिस लैटिन अमेरिका के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीइएलएएम) के अध्यक्ष पेरूअन महाधर्माध्यक्ष मिगुएल कैबेरोज विदेर्ते को भेजे गए एक वीडियो संदेश के माध्यम से इस सभा में शामिल हुए।
संत पापा ने अपने संदेश में, पहली बार होने वाली क्षेत्रीय कलीसिया सम्मेलन के महत्व को रेखांकित किया, जो पुरोहितों और लोकधर्मियों को एकजुट करेगा और स्थानीय कलीसिया की जरूरतों और प्रेरितिक कार्यों को दिशा प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा, "हमें बहुत कुछ सीखना है, यह ईश्वर के लोगों की एक बैठक है: लोक धर्मी पुरुषों और महिलाओं, धर्मसंघी पुरोहितों और धर्मबहनों, धर्मप्रांतीय पुरोहितों और धर्माध्यक्षों की बैठक है। ईश्वर के सभी लोग एक साथ चलते हैं: एक साथ प्रार्थना करते हुए, चिंतन करते हुए, बात विचार करते हुए, ईश्वर की इच्छा की खोज करते हैं।"
ईश्वर के लोगों के करीब
संत पापा ने क्षेत्रीय कलीसिया सम्मेलन के सदस्यों को दो मानदंड दिए, क्योंकि वे "उम्मीद के नए क्षितिज खोलते हैं।" सबसे पहले, उन्होंने कलीसिया से आग्रह किया कि वे साधारण काथलिकों के संपर्क में रहें। उन्होंने कहा, "यह सभा ईश्वर के पवित्र, विश्वासी लोगों से अलग एक कुलीन समूह की सभा नहीं हो सकती।"
संत पापा फ्राँसिस ने दूसरे वाटिकन महासभा के दावे को याद किया कि ईश्वर के लोग "विश्वास करने में अचूक" हैं।
उन्होंने कहा, "ईश्वर के लोगों के बाहर भी एक कुलीन समूह, एक विचारधारा या किसी अन्य द्वारा प्रकाशित अभिजात वर्ग है,लेकिन यह कलीसिया नहीं है। कलीसिया प्रभु भोज की वेदी के चारों ओर एकत्रित होती है। कलीसिया किसी को अपने से बाहर नहीं रखती बल्कि सभी को आमंत्रित करती है।"
उन्होंने कहा कि कलीसियाई सम्मेलन, कलीसिया का एक संकेत है जो किसी को भी बाहर नहीं करता है।
प्रार्थना
दूसरी कसौटी जो संत पापा ने पेश की, वह थी प्रार्थना ।
उन्होंने कहा, "प्रभु हमारे बीच में है, प्रभु हमें उनकी आवाज सुनने में हमारी मदद करें, हम प्रभु से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे साथ रहें।"
संत पापा फ्राँसिस ने अपने वीडियो संदेश के अंत में लैटिन अमेरिका और कैरिबियन कलीसिया को अपनी प्रार्थना में याद करने का आश्वासन दिया और उन्होंने सम्मेलन के सदस्यों को साहसी बनने और उन्हें भी प्रार्थना में हमेशा याद करने हेतु प्रोत्साहित किया।
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