संत पेत्रुस महागिरजाघर का प्राँगण संत पेत्रुस महागिरजाघर का प्राँगण 

संत पापा ने धन्य घोषणा हेतु 8 आज्ञप्तियों को अनुमोदन दिया

संत पापा फ्रांसिस ने बृहस्पतिवार 21 जनवरी को परमधर्मपीठीय सन्त प्रकरण परिषद द्वारा धन्य घोषणा के लिये प्रस्तावित 8 आज्ञप्तियों को अनुमोदन दिया, जिनमें से एक हैं जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय अकादमी के प्रथम अध्यक्ष एवं डाऊन सिंड्रोम पर खोज करने वाले ईश सेवक जेरोम लेज्यून।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 23 जनवरी 2021 (रेई)- संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को संत घोषणा के लिए बनी परमधर्मपीठीय धर्मसंघ द्वारा प्रस्तावित 8 आज्ञप्तियों को अनुमोदन दिया जिनमें 6 पुरूष हैं और दो महिलाएँ।

उनके नाम इस प्रकार हैं-

ईश सेवक जेरोम लेज्यून एक फ्राँसीसी बाल रोग विशेषज्ञ और आनुवंशिकीविद् थे, जिन्होंने डाऊन सिन्ड्रोम वाले बच्चों एवं उनके परिवार वालों के लिए संघर्ष किया। लेज्यून ने अपने शोध में स्थिति के रहस्य को समझने की कोशिश की जिसके लिए उन्हें क्रोमोसोमल असामान्यताओं से जुड़े सिंड्रोम के आनुवंशिक कारण की खोज हेतु मान्यता प्राप्त है।

उनके शोध को ट्राइसॉमी 21 कहा जाता है जिसके द्वारा डाऊन सिन्ड्रोम से जुड़े सामाजिक कलंक को दूर करने में मदद मिली। उन्होंने क्रोमोसोम से संबंधित कई असामान्यताओं के कारणों का भी पता लगाया, इस तरह आधुनिक आनुवांशिकी में उन्नति के रास्ते खुल गये।

फरवरी 1994 में ईश सेवक जेरोम की नियुक्ति संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय अकादमी में पहले अध्यक्ष के रूप में की थी किन्तु नियुक्ति के महज दो माह बाद उनका निधन हो गया। वे एक पति एवं पाँच बच्चों के पिता थे।

ईश सेविका येसु की मेरी जोसेफिन (एलिजाबेथ प्रोट) का जन्म इंगलैंड में 1820 को हुआ था। उन्होंने 29 साल की उम्र में पवित्र क्रूस एवं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त के दुःखभोग के धर्मसमाज की स्थापना की थी।

वे और उनकी धर्मबहनें गरीबों की दयनीय स्थिति एवं अभाव से प्रेरित थीं तथा उनके लिए ख्रीस्त के प्रेम एवं उनकी दया को लाना चाहती थीं। उनका समुदाय पसियोनिस्ट पुरोहितों के मार्गदर्शन में आगे बढ़ा तथा पसियोनिस्ट धर्मसमाज के संस्थापक क्रूस के संत पौल के नियमों पर आधारित था। ईश सेविका मेरी जोसेफिन का निधन 11 जनवरी 1864 को इंगलैंड में हुआ।

8 आज्ञप्तियाँ में से 7 के विरोचित सदगुणों को जबकि एक को उनकी शहादत को मान्यता मिली हैं।

आज्ञप्तियाँ-

ईश सेवक जोवन्नी फोरनासीनी की शहादत को मान्यता मिली है। वे एक धर्मप्रांतीय पुरोहित थे। उनका जन्म 23 फरवरी 1915 को इटली के बेलभेदेरे में हुआ था और विश्वास के कारण घृणा से 13 अक्टूबर 1944 को इटली के संत मार्तिनो दी कप्रारा में उनकी हत्या हो गई।

ईश सेवक मिकेले अर्कांजेलो मरिया अंतोनियो विनती के विरोचित सदगुणों को मान्यता मिली है। वे एक धर्मप्रांतीय पुरोहित थे। उनका जन्म 18 जनवरी 1893 को इटली के ग्रोत्ते में हुआ था और निधन 17 अगस्त 1943 को हुआ।

ईश सेवक रूजेरो मरिया कापुतो एक धर्मप्रांतीय पुरोहित थे। उनका जन्म 1 मई 1907 को इटली के बरलेत्ता में और निधन 15 जून 1980 को हुआ।   

ईश सेविका येसु की मेरी जोसेफिन पवित्र क्रूस एवं हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त के दुःखभोग की धर्मबहनों के धर्मसंघ की संस्थापिका थीं। उनका जन्म 2 सितम्बर 1820 को इंगलैंड में हुआ था और निधन 11 जनवरी 1864 को इंगलैंड में ही हुआ।

ईश सेवक संतियागो मसरनाउ फेनंदेज़ एक लोकधर्मी थे। उनका जन्म 10 दिसम्बर 1805 को स्पेन के मडरिड में और निधन 14 दिसम्बर 1882 को हुआ था।

ईश सेवक पास्क्वाले कंजी एक गुरूकुल छात्र थे। उनका जन्म 6 नवम्बर 1914 को इटली में हुआ था और निधन 24 जनवरी 1930 को हुआ।

ईश सेवक जेरोम लेज्यून एक लोकधर्मी थे। उनका जन्म 13 जून 1926 को फ्राँस में हुआ था और निधन 3 अप्रैल 1994 को फ्राँस के पेरिस में हुआ।

ईश सेवक अदेले बोनोलिस एक लोकधर्मी थे। वे कामों की सहायता और सामाजिक मुक्ति के संस्थापक थे। उनका जन्म 14 अगस्त 1909 को इटली के मिलान में और निधन 11 अगस्त 1980 को हुआ।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

23 January 2021, 12:47