सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में स्लोवेनिया से लाया गया क्रिसमस ट्री, तस्वीरः 30.11.2020 सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में स्लोवेनिया से लाया गया क्रिसमस ट्री, तस्वीरः 30.11.2020  

स्लोवेनिया के प्रतिनिधिमण्डल को सन्त पापा ने किया सम्बोधित

वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में गऊशाला एवं क्रिसमस ट्री लानेवाले स्लोवेनिया के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान किया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 11 दिसम्बर 2020 (रेई,वाटिकन रेडियो): वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में गऊशाला एवं क्रिसमस ट्री लानेवाले स्लोवेनिया के वरिष्ठ अधिकारियों ने  शुक्रवार को सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान किया। इनमें स्लोवेनियाई गणतंत्र के विदेश मंत्री, कार्डिनल रोड तथा मारीबोर के महाधर्माध्यक्ष एवं अन्य मंत्रियों एवं राजदूतों सहित स्लोवेनिया एवं वाटिकन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

गऊशाला और क्रिसमस ट्री आशा के संकेत

सन्त पापा ने घोषित किया कि 11 दिसम्बर की दोपहर गऊशाले एवं क्रिसमस ट्री का उदघाटन किया जायेगा तथा उनपर आशीष दी जायेगी, जो पहले से कहीं अधिक इस वर्ष, रोम के लोगों के लिये ही नहीं बल्कि विश्व के सभी लोगों के लिये आशा का संकेत हैं।     

सन्त पापा ने कहा कि गऊशाला एवं क्रिसमस ट्री हमें मुक्तिदाता येसु के जन्म के रहस्य को विश्वासपूर्वक जीने हेतु अनुकूल वातावरण बनाने में मदद देते हैं। उन्होंने कहा कि गऊशाले में जो कुछ है वह सब "भली" अकिंचनता एवं सुसमाचारी निर्धनता की ओर हमारे विचारों को अभिमुख करता है, यह हमें, पवित्र परिवार एवं अन्य अभिनायकों की विनम्रता द्वारा, शुभ एवं सुन्दर के क़रीब ले जाता है।

येसु हमारी शान्ति और हमारा आनन्द  

सन्त पापा ने कहा कि मरियम एवं योसफ नाज़रेथ से बेथलेहेम आये थे। उन्हें कहीं भी जगह नहीं मिली। सुसमाचार लेखक सन्त लूकस बताते हैं कि मरियम सबकुछ सुनती रहीं और सबकुछ को उन्होंने अपने हृदय में संजोये रखा। दूसरी ओर, योसफ मरियम एवं येसु की सुरक्षा हेतु अनुकूल जगह ढूँढ़ने में लगे रहे। फिर, चरवाहों का भी गऊशाले में विशिष्ट स्थान है, जो जागते रहे तथा जिन्हें सर्वप्रथम स्वगदूतों का सन्देश मिला और वे मुक्तिदाता के दर्शन को दौड़ पड़े।   

सन्त पापा ने कहा कि ख्रीस्तजयन्ती महापर्व हमें स्मरण दिलाता है कि प्रभु येसु ही हमारी शान्ति, हमारा आनन्द, हमारी शक्ति एवं हमारी विश्रान्ति हैं। तथापि, सन्त पापा ने कहा कि कृपा के इन वरदानों को पाने के लिये गऊशाले के अभिनायकों की तरह ही विनम्र होने की ज़रूरत है।

सन्त पापा ने कहा कि महामारी के पीड़ित दौर में मनाये जा रहे इस क्रिसमस महापर्व में भी चरनी में लेटा बालक हमारी आशा है, वर्तमान युग के इस कठिन समय में हम उन्हीं को पुकारें, उन्हीं की शरण जायें।   

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11 December 2020, 11:45