वाटिकन के कर्मचारियों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस वाटिकन के कर्मचारियों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस 

वाटिकन कर्मचारियों से संत पापा, विश्वास के आनन्द को बांटें

संत पापा फ्रांसिस ने ख्रीस्त जयन्ती के पूर्व 21 दिसम्बर को वाटिकन के कर्मचारियों एवं उनके परिवार वालों से मुलाकात की तथा उन्हें क्रिसमस की शुभकामनाएँ दीं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 22 दिसम्बर 20 (रेई)- सोमवार को वाटिकन के कर्मचारियों एवं उनके परिवारों से परम्परा के अनुसार क्रिसमस के पूर्व वाटिकन के पौल षष्ठम सभागार में मुलाकात करते हुए संत पापा ने उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद दिया एवं याद दिलाया कि उनका मिशन येसु के जन्म के सुसमाचार की घोषणा करना है। 

कोरोनावायरस महामारी पर गौर करते हुए जिसने न केवल स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाला है बल्कि कई परिवारों एवं संस्थाओं में भी आर्थिक समस्याएँ उत्पन्न की हैं, संत पापा ने कहा कि इससे परमधर्मपीठ भी प्रभावित हुआ है और इस अनिश्चित स्थिति से निपटने के लिए वह हर संभव प्रयास कर रहा है।”  

वाटिकन कर्मचारियों से संत पापा ने कहा, "यह आप कर्मचारियों एवं परमधर्मपीठी की जायज आवश्यकताओं को पूरा करने का सवाल है और हम भली इच्छा एवं धीरज के साथ इस संकटपूर्ण समय से ऊपर उठने की कोशिश कर रहे हैं।"  

उन्होंने जोर देते हुए है, "हमारे सहयोगी और आप जो वाटिकन में कार्य करते हैं, सबसे महत्वपूर्ण चीज हैं ˸ कोई भी पीछे न छूटे, किसी को नौकरी छोड़ना न पड़े।" उन्होंने बतलाया कि वाटिकन राज्यपाल एवं सचिवालय इस प्रयास में लगे हुए हैं कि किसी को पीछे न छोड़ा जाए ताकि इस महामारी का बुरा आर्थिक प्रभाव किसी को न निगल जाए और कोई पीड़ित न रहे। इसके लिए कोई जादू मंत्र नहीं है बल्कि आपसी सहायता के लिए एक साझा प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।   

एक साथ काम करने में समस्याओं का समाधान करने की ज्यादा संभावना होती है। "इसके द्वारा आप मुझे मदद दीजिए और मैं आपको मदद दूँगा, इस तरह हम एक परिवार के समान आगे बढ़ेंगे।

पुनः खोज, चिंतन, घोषणा

संत पापा ने कहा, "क्रिसमस एक आनन्द का त्योहार है क्योंकि येसु हमारे लिए जन्मे हैं। यह हमें अपनी निष्क्रियता, विरक्ति, निठुराई, उदासीनता और भय को दूर करने का आह्वान कर रहा है, विशेषकर, स्वास्थ्य संकट के इस समय में जिसमें जीवन और विश्वास में उत्साह की खोज करना कठिन है।"  

चरवाहों ने बालक येसु का दर्शन किया, उनके समान हम भी "पुनः खोज करें, चिंतन करें और घोषणा करें।"

ईश्वर के पुत्र के जन्म की इतिहास में एक महान घटना के रूप में पुनः खोज करना महत्वपूर्ण है˸ 20 सदियाँ बीत चुकी हैं और येसु अब भी सक्रिय हैं। जो लोग अपने व्यवहार से उनसे दूर चले जाते हैं वे बुराई, पाप, दुराचार, स्वार्थ, हिंसा और घृणा में फंस जाते हैं। शब्द ने शरीर धारण किया और हमारे बीच रहे ˸ इसी घटना को हमें पुनः अनुभव करना है।

अपने चिंतन के मनोभाव में चरवाहों ने कहा, "हमने उस घटना को देखा है जिसे प्रभु ने हमारे लिए प्रकट किया है तथा हमें चिंतन, मनन एवं प्रार्थना करना है।"  

धर्मग्रंथ का हवाला देते हुए संत पापा ने सभी कर्मचारियों को निमंत्रण दिया कि वे ईश्वर की अच्छाई एवं प्रेम, बपतिस्मा के द्वारा उनके दत्तक पुत्र बनने, ईश्वर ने अपने पुत्र को हमें बचाने भेजा, उस सच्चाई पर चिंतन करें जिससे कि आशा में अनन्त जीवन के वारिस बन सकें।

संत पापा ने कहा कि हम इसकी घोषणा किये बिना नहीं रह सकते। चरवाहे हमें रास्ता दिखलाते हैं, "चरवाहे ईश्वर का गुणगान एवं स्तुति करते हुए लौट गये।" (लूक. 2:20)

जिस तरह चरवाहें अपने दैनिक जीवन में वापस लौटे, हमें भी प्रतिदिन के बदले हुए जीवन में वापस लौटना है। "क्रिसमस बीत जाएगा किन्तु हमें अपने पारिवारिक जीवन में बदलाव के साथ लौटना है कार्य करना है, हमने जो देखा और सुना है उसके लिए ईश्वर की स्तुति एवं महिमा करना है।"  

सुसमाचार के साक्षी बनें

संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के सभी कर्मचारियों को याद दिलाया कि उनकी बुलाहट है, दुनिया में सुसमाचार की घोषणा करना, येसु हमारे मुक्तिदाता हैं, इस बात को सभी को बतलाना है।

उन्होंने कहा कि जब कभी संभव है हम इसको पूरा करें, विश्वास एवं प्रेम से मिलने वाले आनन्द एवं शांति को अपने जीवन से प्रकट करें क्योंकि आनन्द एवं शांति सबसे बढ़कर हैं।

"कठिनाइयाँ एवं पीड़ाएँ ख्रीस्त जयन्ती के प्रकाश को धूमिल नहीं कर सकतीं। हममें जो आंतरिक आनन्द उत्पन्न करती हैं उन्हें हमसे कोई नहीं ले सकता।"

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22 December 2020, 15:02