लेबनान का ध्वज लिए हुए लोग लेबनान का ध्वज लिए हुए लोग 

संत पापा ने पीड़ित लेबनान की मदद की अपील की

संत पापा फ्राँसिस ने लेबनान के पीड़ित लोगों के प्रति सामीप्य एवं प्रोत्साहन व्यक्त किया तथा राजनीतिक नेताओं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे संकट से ऊपर उठने में देश की मदद करें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 24 दिसम्बर 20 (रेई)- संत पापा ने अंतियोख में मरोनाईट कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष तथा लेबनान में काथलिक प्राधिधर्माध्यक्ष एवं धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल बेकारा बौत्रोस राई को संदेश भेजा।

उन्होंने संदेश में लिखा, "मैं आपको तथा आपके द्वारा लेबनान के लोगों को सम्बोधित करना चाहता हूँ, जब हम शांति के राजकुमार प्रभु येसु ख्रीस्त का जन्म दिवस मना रहे हैं, समुदाय अथवा धर्म का भेदभाव किये बिना, मैं सांत्वना एवं प्रोत्साहन के शब्द प्रकट करना चाहता हूँ।"  

संत पापा ने लोगों की पीड़ा एवं परेशानी पर गहन दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि देवदार की इस भूमि को कमजोर कर दिया गया है। "यह देखना और भी दुखद है कि आपको शांति में जीने, हमारे समय में एवं हमारे विश्व के लिए स्वतंत्रता एवं सौहार्दपूर्ण सहअस्तित्व की सुन्दर आकांक्षाओं से वंचित कर दिया गया है।" आपकी खुशी और दुःख को बांटते हुए मैं आपके इस घाटे को गहराई से महसूस कर सकता हूँ, खासकर, जब मैं युवाओं को सोचता हूँ जिनसे बेहतर भविष्य छीन लिया गया है।"     

क्रिसमस के इस दिन में, जब अंधकार में चलनेवालों ने एक महती ज्योति देखी है। ज्योति जो हमारे भय को कम करती और ईश्वर प्रदत्त आशा को हम सभी में बनाये रखती, लेबनान को कभी नहीं छोड़ेगी तथा इस उदासी भरे समय को अच्छाई में बदल देगी। लेबनान का जिक्र पवित्र धर्मग्रंथ में बार-बार किया गया है। "धर्मी खजूर के पेड़ की तरह फलेंगे फूलेंगे और देवदार के पेड़ की तरह बढ़ेंगे।" (स्तोत्र 92:13)

लेबनान संकट

लेबनान अपनी मुद्रा में गिरावट और बड़े पैमाने पर कीमतों में वृद्धि एवं बढ़ती गरीबी के कारण दशकों में सबसे खराब राजनीतिक और आर्थिक संकट में फंस गया है। यह करीब 1.5 मिलियन सीरियाई शरणार्थियों की मेजबानी करता है जो अब गरीबी में रह रहे हैं, जिनमें लगभग एक मिलियन संयुक्त राष्ट्र के साथ शरणार्थी के रूप में पंजीकृत हैं।

कोविद-19 महामारी और अगस्त में हुए बेरूत के बंदरगाह में घातक विस्फोट ने आर्थिक मंदी को अधिक जटिल बना दिया गया है, जिससे गंभीर चिंता उत्पन्न हुई है।

प्रभु पर भरोसा एवं मूल से प्रेरणा

देवदार के पेड़ को स्थिरता, दृढ़ता एवं सुरक्षा का प्रतीक मानते हुए संत पापा ने उसकी तुलना धर्मी लोगों से की जो प्रभु पर भरोसा रखते हैं जो प्रभु की उपस्थिति एवं निष्ठा में जीते  हैं। वे देवदार वृक्ष के समान जीवन की गहराई से पोषण प्राप्त करते हैं ताकि वे पुनः भाईचारापूर्ण एकात्मता के व्यक्ति बन सकें और हर प्रकार की आंधी का सामना कर सकें।   

संत पापा ने कहा, "आपकी पहचान उन लोगों के समान है जो अपना घर एवं अपनी धरोहर नहीं छोड़ते है। उनकी पहचान एक सुंदर और समृद्ध देश के भविष्य में विश्वास करनेवालों के सपने को त्यागने से इनकार करनेवाले लोगों की है।"  

अपील

संत पापा ने राजनीतिक एवं धार्मिक नेताओं से अपील करते हुए कहा, "आपका समय अपने स्वयं के लाभ के लिए समर्पित नहीं होना चाहिए, आपके कार्य आपके लिए नहीं बल्कि राज्य और राष्ट्र के लिए हैं, जिनका प्रतिनिधित्व आप करते हैं।"

संत पापा ने जितनी जल्दी हो सके लेबनान यात्रा की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की वह लेबनान को संघर्ष एवं क्षेत्रीय तनाव से दूर रहने में मदद दे। उन्होंने कहा, "आइए हम लेबनान को इस गंभीर संकट से उबारने और एक सामान्य स्थिति को फिर से शुरू करने में मदद करें।”

संत पापा ने अंत में कहा, “प्यारे बेटे और बेटियाँ, रात के अंधेरे में, अपनी निगाहें ऊपर उठायें। बेथलेहेम का सितारा आपका मार्गदर्शक और प्रोत्साहन का स्रोत बने, ताकि आप ईश्वर की योजना को पूरी तरह समझ सकें, इस तरह आप न तो अपना रास्ता और न ही आपकी आशा खोयेंगे।"

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24 December 2020, 14:30