उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 10 दिसम्बर 20 (रेई)- संत पापा फ्राँसिस के अनुमोदन पर वाटिकन के प्रेरितिक दण्डमोचन विभाग ने पूरे विश्व के काथलिकों को पूर्ण दण्डमोचन की प्राप्ति का अवसर दिया है। यह अवसर ग्वादालुपे की माता मरियम को संत पापा लेओ 13वें के द्वारा आधिकारिक रूप से मुकूट प्रदान करने की 125वीं वर्षगाँठ पर 12 दिसम्बर को प्राप्त होगी।
कोविड -19 के कारण पर्व के समय मेक्सिको शहर में माता मरियम को समर्पित महागिरजाघर के बंद रहने के कारण संत पापा ने कहा है कि विश्वासी माता मरियम की भक्ति करते हुए पूर्ण दण्डमोचन प्राप्त कर सकेंगे यदि वे आवश्यक शर्तों को पूरा करेंगे।
मेक्सिको सिटी के कार्डिनल कार्लोस अगुइयर रेडस ने एक पत्र प्रकाशित कर पूर्ण दण्ड मोचन की घोषणा की। उनके पत्र के साथ प्रेरितिक पेनिटेनसियेरी के प्रमुख कार्डिनल मौरो पियंचेत्सा के पत्र को भी प्रकाशित किया गया है।
किस तरह पूर्ण दण्डमोचन ग्रहण किया जा सकता है?
इस अवसर पर पूर्ण दण्डमोचन प्राप्ति हेतु निम्नलिखित शर्तें हैं-
- घर में ग्वादालुपे की माता मरियम से प्रार्थना करने हेतु एक वेदी अथवा प्रार्थना का स्थान तैयार करना।
- 12 दिसम्बर को टेलीविजन पर ग्वादालुपे की माता मरियम के महागिरजाघर में ख्रीस्तयाग को लाईव देखना एवं सक्रिय रूप से भाग लेना ... पवित्र यूखरिस्त के प्रति विशेष भक्ति रखना और ध्यान देना।
- पूर्ण पापा मुक्ति की सामान्य शर्तों को पूरा करना अर्थात् संत पापा के मतलब के लिए प्रार्थना करना, पापस्वीकार संस्कार में भाग लेना, एक पूरा मिस्सा में भाग लेना एवं पवित्र परमप्रसाद ग्रहण करना। पत्र में इस बात को रेखांकित किया गया है कि अंतिम तीन शर्तों को उस समय पूरा किया जा सकता है जब स्वास्थ्य संकट में सुधार आये और इसे पूरा करना संभव हो।
मेक्सिको की सीमा से परे भक्ति
पाप मुक्ति विश्व के किसी भी व्यक्ति को प्राप्त हो सकता है किन्तु कार्डिनल अगुवाइयर ने स्वीकार किया कि अमरीका तथा फिलीपीन्स के लोग ग्वादालुपे की माता मरियम की विशेष भक्ति रखते हैं, जिसका पर्व 12 दिसम्बर को मनाया जाता है।
कार्डिनल ने लिखा, "फिर भी, सच्चाई को जानते हुए कि कुँवारी मरियम की भक्ति हमारी सीमा के परे फैल चुकी है, इसलिए संत पापा ने उचित समझा कि इस पाप मुक्ति को विश्व के सभी काथलिक विश्वासियों के लिए प्रदान किया जाए ताकि वे भी पाप मुक्ति प्राप्त करते हुए हमारे समारोह में भाग ले सकें।"
उन्होंने कामना की कि जो लोग अति पवित्र माता मरियम की चाह रखते, उनकी सांत्वना, सुरक्षा एवं कोमलता की खोज करते हैं, वे इस कृपा का लाभ उठा सकते हैं जिसको संत पापा ने हमें प्रदान किया है और उन विश्वासियों को भी जो मर चुके हैं।
"हम हमारी माता मरिमय को इस साल हमारे घरों में प्रवेश करने दें। हम उनके लिए अपना द्वार खोलें तथा अपना हृदय उनकी ओर उठायें ताकि वे हमें आशीष प्रदान करें तथा अपनी आंचल से हमें ढंक लें। हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त एवं उनकी माता अति पवित्र माता मरियम, ग्वादालुपे की माता मरियम हमारा साथ देती रहें और इस दुखद यात्रा में ईश्वर के सभी लोगों को आशीष प्रदान करें जो अपने धर्मप्रांतों में एवं विश्व में उनकी खोज करते हैं।"
जयन्ती वर्ष
प्रेरितिक प्रायश्चित विभाग ने जयन्ती वर्ष को 12 अक्टूबर 2021 तक बढ़ाया है जिसकी शुरूआत सितम्बर 2019 में ही हुई थी। इसका समापन 12 अक्टूबर को होना था किन्तु महामारी से बुरी तरह प्रभावित होने के कारण हजारों श्रद्धालु तीर्थयात्रा नहीं कर पाये।
शनिवार 12 दिसम्बर को संत पापा फ्राँसिस ग्वादालुपे की माता मरियम का पर्व मनाने हेतु संत पेत्रुस महागिरजाघर में पवित्र मिस्सा अर्पित करेंगे।