संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  

देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा ने पवित्र परिवार पर चिंतन किया

संत पापा फ्राँसिस ने पवित्र परिवार के महापर्व पर रविवार 27 दिसम्बर को, वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास के पुस्तकालय से देवदूत प्रार्थना का पाठ किया, जिसके पूर्व उन्होंने लाईव प्रसारण के माध्यम से विश्वासियों को अपना संदेश दिया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 28 दिसम्बर 2020 (रेई)- संत पापा ने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा,  "अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।" ख्रीस्त जयन्ती के कुछ ही दिनों बाद, धर्मविधि हमें येसु, मरियम और जोसेफ के पवित्र परिवार की ओर नजर डालने हेतु प्रेरित करती है। इस सच्चाई पर चिंतन करना अच्छा है कि सभी बच्चों के समान ईश्वर के पुत्र ने एक परिवार का स्नेह पाना चाहा। यही कारण है कि नाजरेथ में येसु का परिवार एक आदर्श परिवार है जिसमें विश्व के सभी परिवार अपने लिए संदर्भ के निश्चित बिंदु एवं सच्ची प्रेरणा पा सकते हैं। ईश पुत्र के मानवीय जीवन का बसंत काल नाजरेथ में प्रस्फूटित हुआ, जब मरियम ने पवित्र आत्मा द्वारा गर्भ धारण किया। येसु का बचपन नाजरेथ के सत्कारशील दीवार के अंदर आनन्द से गुजरा जिसमें मरियम की ममतामय स्नेह एवं जोसेफ की देखभाल थी जिनमें येसु ईश्वर की कोमलता को देख सकते थे।

आनन्द के लिए खुला परिवार  

पवित्र परिवार का अनुसरण करते हुए हम पारिवारिक ईकाई के शैक्षणिक मूल्य की खोज करने हेतु बुलाये गये हैं। यह प्रेम पर स्थापित होने की मांग करता है जो संबंध स्थापित करते हुए आशा की क्षितिज खोलता है। परिवार में उदार मेल को महसूस करना तब संभव है जब घर में प्रार्थना की जाती हो, जब स्नेह संगीन, प्रगाढ़ एवं शुद्ध हो, जब झगड़े का स्थान क्षमाशीलता लेता हो और जब दैनिक जीवन की कठोरता आपसी स्नेह एवं ईश्वर की इच्छा के सहर्ष पालन में नरम हो जाए। इस तरह, परिवार में खुशी फैलती है जिसको ईश्वर उन लोगों को प्रदान करते हैं जो खुशी से देना जानते हैं। साथ ही साथ, वे दूसरों के प्रति उदार होने, भाई-बहनों की सेवा करने, एक नये एवं बेहतर विश्व के निर्माण हेतु सहयोग देने के लिए आध्यात्मिक उर्जा प्राप्त करते हैं।

परिवार के लिए तीन महत्वपूर्ण शब्द

इस तरह परिवार सकारात्मक प्रोत्साहन का वाहक बनता है, परिवार जीवन का साक्ष्य देता है। यह सच है कि सभी परिवारों में समस्याएँ हैं और कभी-कभी झगड़े भी होते हैं। कुछ लोग कह सकते हैं कि मैंने झगड़ा किया... संत पापा ने कहा, "हम मानव हैं, कमजोर हैं और हम सभी में यह वास्तविकता है और कई बार हम परिवार में लड़ पड़ते हैं। संत पापा ने कहा, "मैं आपको एक बात बतलाना चाहता हूँ मेल-मिलाप किये बिना दिन को समाप्त न करें। हाँ, मैंने झगड़ा किया था किन्तु दिन के अंत में मेल- मिलाप करता हूँ। आप जानते हैं क्यों? क्योंकि दूसरे दिन का शीत युद्ध अधिक खतरनाक होता है जो बुरा होता है। संत पापा ने परिवार के लिए तीन शब्द बतलाये। "इन तीन शब्दों को हमेशा ध्यान दिया जाना चाहिए ˸ कृपया, धन्यवाद और माफ। कृपया, ताकि दूसरों के जीवन में दखल न दें। अनुमति मांगें, क्या मैं कुछ कर सकता हूँ? क्या आप सोचते हैं कि ऐसा किया जाए? हमेशा दूसरों पर दबाव नहीं डाला जाना चाहिए। कृपया, इस तरह पहला शब्द है।" धन्यवाद ˸ परिवार में जो मदद और सेवा होता है उसके लिए। उसके लिए हमेशा धन्यवाद दिया जाना चाहिए। कृतज्ञता महान आत्मा का रक्त है। उसके बाद सबसे कठिन है माफी मांगना। जब हम हमेशा गलती करते हैं और कई बार इसके कारण नाराज हो जाते हैं तब कहें, मुझसे गलती हो गई, मुझे माफ कर दें। संत पापा ने कहा, तीन शब्दों को न भूलें ˸ कृपया, धन्यवाद और माफ। यदि किसी परिवार में ये तीनों शब्द हैं तो परिवार अच्छा होता है।

 अमोरिस लेतित्सिया पर चिंतन का साल

परिवार के द्वारा सुसमाचार प्रचार के उदाहरण के साथ आज का पर्व हमें दम्पत्य प्रेम एवं पारिवारिक प्रेम का निमंत्रण दे रहा है जिसपर प्रेरितिक प्रबोधन अमोरिस लेतित्सिया में जोर दिया गया है। जिसकी प्रकाशना का पाँचवाँ सालगिराह अगले 19 मार्च को मनाया जाएगा। यह अमोरिस लेतित्सिया पर चिंतन का साल (19 मार्च 2021 – जून 2022) होगा एवं इस दस्तावेज को गहरा करने का अवसर होगा। यह चिंतन कलीसियाई समुदायों एवं परिवारों को उनकी यात्रा में साथ देने के लिए उपलब्ध किया जाएगा।  

संत पापा ने इस अवसर में भाग लेने का निमंत्रण देते हुए कहा, "अभी से ही मैं आप प्रत्येक को निमंत्रण देता हूँ कि आप इस पहल में भाग लें जिसको इस साल, लोकधर्मी, परिवार एवं जीवन के लिए गठित परिषद के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। हम इस यात्रा को विश्व के सभी परिवारों के साथ नाजरेथ के पवित्र परिवार को समर्पित करें, खासकर, पति और चिंताशील पिता संत जोसेफ को।"  

संत पापा ने कुँवारी मरियम से प्रार्थना की कि वे पूरी दुनिया के परिवारों को पवित्र परिवार के सुसमाचारी आदर्श से मुग्ध कर दे, जिससे कि वे नवीन मानवता एवं ठोस एकजुटता के खमीर बन जाएँ।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तता सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

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28 December 2020, 14:14