आमदर्शन समारोह में लोगों के साथ संत पापा फ्राँसिस आमदर्शन समारोह में लोगों के साथ संत पापा फ्राँसिस 

सामाजिक दूरी के साल में संत पापा का सामीप्य

साल 2020 में एक भी प्रेरितिक यात्रा नहीं करने तथा अपने अधिकांश आमदर्शन समारोहों को विश्वासियों की उपस्थिति के बिना सम्पन्न करने के बावजूद, संत पापा फ्रांसिस ने संत मर्था में लाईव प्रसारण के माध्यम से विश्वभर के असंख्या लोगों को साथ दिया।

अंद्रेया तोरनियेली-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 29 दिसम्बर 2020 (रेई)- संत पापा फ्रांसिस के लिए साल 2020, हम प्रत्येक के समान, महामरी के कारण गहराई से प्रभावित करनेवाला साल रहा।

उन्होंने कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा नहीं की और गर्मी के अंत में कोरोनावायरस की दूसरी लहर के पहले विश्वासियों के साथ बहुत कम आमदर्शन समारोह सम्पन्न किये। उनके सार्वजनिक समारोहों को लाईव प्रसारित किया गया। यह दैनिक व्यक्तिगत मिलन, आलिंगन, हाथ मिलावट, आंसू भरी आँखों से फुसफुसाए गये शब्द, आशीष एवं मुलाकातों      की कमी से चिन्हित साल है। संत पापा फ्रांसिस ने घर पर रहते हुए अपने मिशन कार्यों को स्मार्ट वॉर्किंग के माध्यम से जारी रखा, वर्चुवल रूप से सम्पर्क किया एवं फोन का प्रयोग अधिक किया।  

अंधकार में आशा की रोशनी

संत पापा के लिए यह साल प्रेरितिक प्रबोधन क्वेरिदा अमाजोनिया के शब्द का साल रहा जिसके पूर्व अक्टूबर 2019 में धर्माध्यक्षों की धर्मासभा सम्पन्न हुई थी। प्रेरितिक प्रबोधन को महामारी का प्रकोप शुरू होने की पूर्व संध्या को प्रकाशित किया गया था तथा भूलाये गये प्रदेश पर ध्यान देने पर जोर दिया गया था। इसमें उन्होंने मानव पारिस्थितिकी की ओर ठोस संकेत दिया था जो गरीबों, संस्कृतियों एवं अमाजोन में मिशनरी कलीसिया का ख्याल रखता है।

कोविड-19 ने इटली में जैसे ही विराम लिया संत पापा ने अपना आमदर्शन समारोह विश्वासियों के साथ शुरू किया एवं महामारी के बाद हम किस तरह के भविष्य का निर्माण करना चाहते हैं पर, अपनी धर्मशिक्षा माला देना शुरू किया।

अंततः अक्टूबर में उन्होंने कलीसिया को नया प्रेरितिक विश्व पत्र "फ्रतेल्ली तूती" प्रदान किया, जो घृणा, हिंसा और स्वार्थ की छाया को जो हमारे विश्व में न केवल कोरोनावायरस बल्कि युद्ध, अन्याय, गरीबी एवं जलवायु परिवर्तन के रूप में है उसका उत्तर भ्रातृत्व एवं सामाजिक मित्रता को महत्व देकर दिया है।

असाधारण उर्बी एत ओर्बी

पिछले साल का सबसे प्रतीकात्मक अवसर जो हमारी याद में सदा बना रहेगा, वह था 27 मार्च का दिन, जब संत पापा फ्रांसिस ने असाधारण उर्बी एत ओर्बी द्वारा ईश्वर से प्रार्थना की कि वे महामारी से बुरी तरह प्रभावित मानवता की सहायता करें।  

इस अवसर पर वर्षा के बीच संत पापा फ्रांसिस संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में अकेले खड़े हुए, जो कि पहले कभी नहीं हुआ था, उन्होंने लाखों लोगों को धन्यवाद दिया जो टेलीविजन के माध्यम से संत पापा के इस मौन प्रार्थना में सहभागी हुए।  

संत पापा धीरे धीर चलते हुए स्टेज पर आये और हमें याद दिलाया कि हम सभी एक ही नाव पर हैं, एवं अपने आप को अकेले नहीं बचा सकते। उन्होंने संत मरसेल्लुस के क्रूस पर टंगे येसु के पांव को चूमा, जिस क्रूस को रोमियों ने प्लेग के समय लेकर प्रोशेसन किया था।  

उसके बाद संत पापा ने पवित्र संस्कार के द्वारा शहर एवं विश्व को आशीष दी जबकि दूसरी ओर लॉकडाऊन से लकवाग्रस्त शहर में अम्बुलंस की भयंकर आवाज सुनाई दी।

संत पापा के साथ दैनिक मिस्सा

एक दूसरा दैनिक कार्यक्रम – जिसने 2020 के पहले महीनों में संत पापा को विश्व के लाखों लोगों को साथ देने में मदद दिया जब बहुत अधिक डर एवं घबराहट का समय था। यह संत मर्था के प्रार्थनालय में प्रातः 7.00 बजे दैनिक मिस्सा बलिदान था।   

तीन महीनों तक संत पेत्रुस के उत्ताधिकारी ने हमारे घरों के द्वार पर दस्तक दी, हमें निमंत्रण दिया, लम्बे भाषण अथवा धर्मशिक्षा सुनने के लिए नहीं बल्कि धर्मग्रंथ के वचनों को सुनने के लिए। वे ईश वचन पर संक्षेप व्याख्या प्रस्तुत करते थे एवं यूखरिस्त समारोह के बाद, पावन संस्कार के समाने मौन आराधना प्रार्थना करते थे।

हर सुबह अथवा दोपहर या शाम को स्थान विशेष के समय के आधार पर असंख्या ख्रीस्तीय अथवा गैर ख्रीस्तीय लोगों ने रेडियो, टेलीविजन एवं लाईव प्रसारण के माध्यम से सुसमाचार के संदेश को सुना एवं रोम के धर्माध्यक्ष की आवाज सुनी जो विश्व के पल्ली पुरोहित बन गये थे।

ईश प्रजा का सामीप्य

कोविड-19 से प्रभावित लोगों के लिए अर्पित संत पापा की सरल प्रार्थनाएँ हमें साथ दी, आशा की चमक प्रदान की, हमें प्रार्थना करने में मदद दी एवं सभी लोगों को कम अकेलापन एवं कम त्यागा हुआ महसूस कराया।

संत पापा का ईश प्रजा के प्रति सामीप्य – विश्व के लिए स्क्रीन पर प्रसारित दैनिक मिस्सा ने स्पष्ट कर दिया कि वे विश्वव्यापी कलीसिया के चरवाहे हैं, घायल मानव के लिए मध्यस्थता की प्रार्थना एवं सुसमाचार का साक्ष्य जो समस्त मानव परिवार में कई तरह से व्याप्त है अप्रत्याशित और छिपा हुआ है।

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29 December 2020, 16:01